धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 5 RashmiTrivedi द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 5

क्रिस के बाहर जाते ही मैनेजर अशोक ने सबसे पहले पीटर को अपने पास बुलाया और पूछा,"देखो पीटर, तुम जबसे यहाँ आए हो, कुछ डरे डरे से लग रहे हो। मुझे सच सच बताओ, आख़िर बात क्या है?"

"नहीं सर, हम आपको बोला न कोई बात नहीं है।", पीटर ने बात को टालते हुए कहा।

मगर अशोक जानता था कि कोई बात ज़रूर थी जो उसे पीटर का बर्ताव कुछ अजीब लग रहा था। उसकी आँखों में एक खौफ़ था। अपनी बात पर अड़े रहकर अशोक ने फिर उससे कहा,"मैं जानता हूँ, तुमने भी शायद इस विला के बारे में जो कुछ अफ़वाहें फैली हैं उनको सुना है और इसीलिए तुम ऐसा बर्ताव कर रहे हो? क्यूँ है न? अगर ऐसा ही है तो तुम क्यूँ यहाँ काम माँगने आए थे? अभी भी वक़्त है,तुम चाहो तो यह नौकरी छोड़ सकते हो!"

नौकरी छोड़ने की बात सुनते ही पीटर ने कहा,"नहीं, नहीं... नौकरी छोड़ने का बात ना करो, हम आपको सब बताता है सर! यह बात सच है कि इस विला के बारे में हम अपने फ़ादर से बहुत कुछ सुना है। हमारा फ़ादर कहता है, इधर किसी का आत्मा भटकता है। अजीबोग़रीब आवाज़ सुनाई देता है। बहुत से लोगों ने इस विला को खरीदा, लेकिन कोई इसमें ज़्यादा दिन रह नहीं पाया। सब भाग गया इधर से! लेकिन हम कभी उसका बिलीव नहीं किया, गॉड प्रॉमिस!

हम बहुत टेंशन में है, हमारा जॉब चला गया और न चाहते हुए भी हमको इधर आना पड़ा। हमको काम का ज़रूरत है अभी। लेकिन हम भी तो कॉमन मैन है,सुनी सुनाई बातों से डर गया था। हम आगे से कोई मिस्टेक नहीं करेगा, गॉड प्रॉमिस!"

उसकी फरियाद सुन अशोक ने उससे कहा,"ठीक है। इस बार मैं तुम्हारी बात मान लेता हूँ और हाँ, जो कुछ भी तुमने इस विला के बारे में सुना है, उसे अपने तक ही रखना। गलती से भी क्रिसबाबा के सामने अपना मुँह मत खोलना,वर्ना तुम्हारी नौकरी गई समझो! हमारी मैडम ने सोच समझकर ही यह विला अपने पोते के लिए लिया है। वह ऐसी आत्मा जैसी दकियानूसी बातों पर विश्वास नहीं करती। उन्होंने साफ़ साफ़ कहा है,जो भी यहाँ काम करेगा, ऐसी फ़ालतू बातों पर ध्यान नहीं देगा और न ही इन बातों को फैलायेगा! समझे?"

"समझ गया सर! हम सब समझ गया। अब देखो, आपको कोई शिकायत का मौका नहीं देगा हम!", पीटर ने बड़े ही आत्मविश्वास के साथ कहा।

फिर मैनेजर अशोक ने पीटर को सारी हिदायतें देकर भेज तो दिया था लेकिन वह ख़ुद भी जब से इस विला में आया था,कुछ अजीब सा महसूस कर रहा था। अभी तक वो सुबह का वाक़िया भूला नहीं पाया था। वो समझ नहीं पा रहा था कि कैसे विला का गेट अपने आप बंद-चालू हो जा रहा था! वो बार बार अपने ही दिल को दिलासा दिए जा रहा था कि यह केवल रिमोट की एक तकनीकी गड़बड़ी है और कुछ नहीं!

अपने ख़यालों पर क़ाबू पाते हुए अशोक ने शाम के पार्टी के लिए सारे इंतज़ामात पर एक नज़र डालने की सोची। सबसे पहले वो सीढियों से होता हुआ ऊपर वाले कमरों की ओर गया। दोनों तरफ़ तीन तीन कमरे थे तो वो बारी बारी हर कमरे में जाकर सब कुछ ठीक है या नहीं देखने लगा। खासकर जब वो बाई ओर के पहले कमरे में आया,तो कुछ पल रुककर उसने पूरे कमरे का जायज़ा लिया, क्यूँ की यह वो कमरा था जो क्रिस ने अपने लिए चुना था।

अचानक अशोक को यूँ महसूस हुआ कि कमरे में एकदम से ठंडी हवा चल पड़ी हो! उसने एयर कंडीशनर की ओर देखा,वह बंद था! ऊपर फैन भी बंद था। फिर एक नज़र उसने खिड़की पर डाली,वह भी बंद थी। उसने सोचा,"तो फिर यह अचानक ठंड क्यूँ लग रही है!"...

कमरे के चारों ओर घूमते हुए उसने काफ़ी देर तक जायज़ा किया,लेकिन उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। फिर अचानक खिड़की के बाहर एक धुँध सी छा गई, जिसे देख वो खिड़की के पास आ गया। शाम का सूरज दूर समुंदर में बस डूबने ही वाला था,लेकिन यह गहरी धुँध यूँ अचानक कैसे छा गई थी?

वो तेज़ी से कमरे के बाहर निकला और सीढियाँ उतरकर नीचे आया। सामने देखा तो पीटर डाइनिंग टेबल पर कुछ चीज़ें सजा रहा था।

अशोक ने पीटर से पूछा,"पीटर, तुम तो यही आसपास ही कही रहते हो न? क्या हमेशा ही यहाँ इस तरह धुँध छाई रहती है?"

पीटर ने कहा,"हाँ सर। कुछ सालों से ऐसा ही है इधर! लेकिन मेरा फ़ादर कहता था, जबसे क्रिस्टीना बेबी ग़ायब हुआ है,तबसे यह धुँध और भी गहरा हो गया है। लोग कहता हैं, कभी कभी तो सिर्फ़ पैराडाइस विला पर यह धुँध नज़र आता है,बाकी जगह एकदम क्लियर!"...

"पीटर, मैंने तुम्हें सिर्फ़ धुँध के बारे में पूछा और तुम हो कि फिर शुरू हो गए! वैसे यह क्रिस्टीना कौन है? वही जिसके बारें में सब अफ़वाहें फैली है?",अशोक ने हैरानी से पूछा।

"क्या सर, आप सवाल भी पूछता है और जब हम जवाब देता है तो हमको डाँटता भी हैं!
हम को कुछ नहीं पता, हम चला अपना काम करने!", इतना कहकर पीटर किचन की ओर जाने लगा। अशोक ने आगे बढ़कर उसे रोका और कहा,"अरे तुम तो बुरा मान गए। मैंने तुमसे कहा था,क्रिस बाबा के सामने कुछ नहीं कहना,लेकिन मुझे तो बता ही सकते हो। आख़िर क्या स्टोरी है इस विला की? और यह क्रिस्टीना कौन है?".....

क्रमशः
रश्मि त्रिवेदी