The Author RashmiTrivedi फॉलो Current Read धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 2 By RashmiTrivedi हिंदी डरावनी कहानी Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 82 अब आगे,वही जब दिनेश, अर्जुन की साइड का दरवाजा खोलकर बस अराध्... रेड्यूस द इम्पेक्ट ऑफ डिजीज A Common Researcher’sरेड्यूस द इम्पेक्ट ऑफ डिजीजकुछ विचार:-ब... छावां - भाग 1 श्री गणेशाय नमः। ये कहानी है इसे राजकुमार की जिसने... अपराध ही अपराध - भाग 25 अध्याय 25 पिछला सारांश: कीरंनूर जाकर वापस आए धनंजय शि... शोहरत का घमंड - 103 घर खाली देख कर आलिया बहुत ही परेशान हो जाती हैं। वो आस पास क... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास RashmiTrivedi द्वारा हिंदी डरावनी कहानी कुल प्रकरण : 23 शेयर करे धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 2 (8) 3.9k 5.3k बीस दिसंबर की सुबह फिर वही काली चमचमाती शानदार कार वागातोर बीच की तरफ़ जा रही थी। इस बार उस कार के साथ दो और गाड़ियां भी पीछे पीछे दौड़ रही थी। कार में बैठी महिला ने पास ही बैठे नौजवान से कहा,"बी रेडी माय बॉय, तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है!" उस महिला की बात सुन नौजवान ने उत्साहित होते हुए कहा,"वॉव ग्रैनी, सरप्राइज फ़ॉर मी? क्या है वह बताइए न प्लीज!" महिला ने हँसते हुए जवाब दिया,"अगर बता दूँगी तो सरप्राइज किस बात का? जस्ट वेट एंड वॉच!" उस नौजवान ने कहा,"ग्रैनी, आप हमेशा ऐसा ही करती हैं! पहले की बात और थी। तब मैं छोटा था,लेकिन अब तो मैं पूरे बीस साल का हो गया हूँ। अब भी क्या सरप्राइज? प्लीज, बताइए न!" महिला ने कहा,"तुम कितने भी बड़े हो जाओ,मेरे लिए तो हमेशा वही छोटे से बच्चे ही रहोगे, जो हमेशा छोटे छोटे तोहफ़े और सरप्राइज देखकर ख़ुश हो जाया करता था। जब तक यह ग्रैनी ज़िंदा है,तुम्हें हर बर्थडे पर ऐसे ही सरप्राइज मिलता रहेगा!" कुछ ही देर में गाड़ियों का वह काफ़िला पैराडाइस विला के गेट के सामने आकर रुका। चमचमाती कार का दरवाज़ा खुलते ही एक बहुत ही रुबाबदार व्यक्तित्व वाली महिला उतरी। सफ़ेद रंग के बिज़नेस सूट में उस महिला का लेडी बॉस लुक देखकर कोई भी प्रभावित हो सकता था। यह थी जानी मानी बिज़नेस वुमन लियोना गोमेज़ जो कि एक बहुत ही लोकप्रिय ब्यूटी प्रॉडक्ट्स बनाने वाली कंपनी की मालकिन थी। उनकी कंपनी के ब्यूटी प्रॉडक्ट्स न सिर्फ़ भारत में बल्कि विदेशों में भी ख़ूब बिकते थे। गोवा में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो लियोना गोमेज़ को नहीं जानता होगा। गोवा के पणजी में लियोना गोमेज़ का बहुत ही आलिशान बंगलो था। अपने काम को लेकर हमेशा सजग रहने वाली लियोना गोमेज़ अनुशासनप्रिय और बहुत ही प्रैक्टिकल स्वभाव की औरत थी। एक पुरुषप्रधान समाज में अपने आप को साबित करने के लिए एक औरत को जिस आत्मविश्वास, मजबूत इरादे और जज़्बे की ज़रूरत थी,वह लियोना में कूट-कूटकर भरा हुआ था। उनके कार से उतरते ही कार के दूसरे दरवाज़े से एक खूबसूरत नौजवान भी बाहर आया। देखने से ही पता चल रहा था कि वह एक अमीरजादा है,लेकिन साथ ही साथ एक भोलापन भी उसके चेहरे से झलक रहा था। काले रंग की लेदर जैकेट और ब्लू जीन्स के साथ ब्रांडेड जूते और ब्रांडेड चश्मे पहने वह किसी हीरो से कम नहीं लग रहा था। यह था लियोना गोमेज़ का इकलौता वारिस और उनका पोता क्रिस गोमेज़! लियोना गोमेज़ की जान उसके पोते में बसी थी और यह बात किसी से छिपी नहीं थी। यही वजह थी कि बचपन से लियोना ने क्रिस के इर्दगिर्द बॉडीगार्ड्स लगा रखे थे। कार से उतरकर क्रिस अपनी दादी के पास आकर खड़ा हो गया। उनके पीछे पीछे दूसरी गाड़ियों से उतरकर उनके मैनेजर और गार्ड्स भी आ गये थे। लियोना गोमेज़ ने बड़े ही प्यार से अपने पोते को देखते हुए कहा,"हैप्पी बर्थडे माय डिअर ग्रैंडसन, मेरी तरफ़ से यह छोटा सा तोहफ़ा तुम्हारे लिए! थिस वंडरफुल बीच व्यू 'पैराडाइस विला' !" क्रिस ने पहले तो पैराडाइस विला को ग़ौर से देखा और फिर अपनी दादी को गले लगाते हुए कहा,"ओह ग्रैनी, यू आर सच अ डार्लिंग... थैंक यू सो मच!" लियोना ने अपने पोते से आगे कहा,"वेलकम माय बॉय, वेलकम! चलो, अंदर चलते हैं।" इतना कहकर उन्होंने अपने मैनेजर को देखा। मैनेजर ने आगे बढ़कर एक रिमोट से पैराडाइस विला का बड़ा सा गेट खोला। गेट के खुलते ही लियोना और क्रिस अंदर जाने के लिए आगे बढ़े,तभी अचानक विला का गेट वापिस बंद होने लगा। यह देखकर पास ही खड़े गार्ड्स आगे बढ़कर क्रिस और उसकी ग्रैनी के सामने आ गए,ताकि उन दोनों को कोई चोट न लगे। बंद होते दरवाज़े को देख लियोना गोमेज़ ने मैनेजर की ओर देखकर कहा,"यह कैसा मज़ाक है, अशोक? गेट क्यूँ बंद कर दिया?" "आय.. आय एम सॉरी मैडम! बट पता नहीं कैसे? मैंने तो कोई बटन प्रेस नहीं किया!", यह कहते हुए मैनेजर ने अपने हाथों का रिमोट चेक किया। साथ ही साथ उसके माथे पर पसीने की कुछ बूंदे भी उभर आई। वह जानता था कि बस एक गलती और उसकी नौकरी ख़तरे में पड़ सकती है! वह बार बार उलट पलटकर रिमोट देखते रहा। तभी क्रिस ने मुस्कुराते हुए कहा," कोई बात नहीं ग्रैनी, गलती से बटन दब गया होगा। अशोक अंकल, आप एक बार फिर से ट्राय कीजिये।" "यस क्रिस बाबा.. आय थिंक, इस रिमोट में ही कुछ गड़बड़ है! मैं फिर से गेट ओपन करता हूँ।", इतना कहकर उसने फिर से पैराडाइस विला का गेट खोला। गेट के खुलते ही सामने खड़े गार्ड्स पीछे हो गए। लियोना और क्रिस ने दो पल इंतज़ार किया,लेकिन इस बार कुछ नहीं हुआ। वह दोनों आगे बढ़कर गेट के अंदर दाख़िल हुए। लियोना ने पीछे मुड़कर मैनेजर को देखा और कहा,"अशोक,चेंज द रिमोट नाउ!", और वह अपने पोते के साथ आगे बढ़ गई। उन दोनों के अंदर जाते ही मैनेजर अशोक ने चैन की साँस ली और अपने माथे का पसीना पोछा। गेट के अंदर प्रवेश करने के बाद वह जैसे ही गेट बंद करने के लिए रिमोट लेकर मुड़ा, वैसे ही विला का गेट अपने आप बंद होने लगा। जिसे देख मैनेजर अशोक झटके से पीछे हो गया और रिमोट को देखने लगा। वह मन ही मन सोच रहा था,"आखिर यह हो क्या रहा है! दो दिन पहले ही तो वह सब कुछ चेक करके गया था,फिर यह गड़बड़ी कैसी?" .... क्रमशः .... रश्मि त्रिवेदी ‹ पिछला प्रकरणधुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 1 › अगला प्रकरण धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 3 Download Our App