ब्रोकन न्यूज़ :_ओटीटी पर एक शानदार आज की कहानी Dr Sandip Awasthi द्वारा फिल्म समीक्षा में हिंदी पीडीएफ

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ब्रोकन न्यूज़ :_ओटीटी पर एक शानदार आज की कहानी

ब्रोकन न्यूज़ :_ओटीटी पर एक शानदार आज की कहानी

_______________________________इसमें आज, इक्कीसवीं सदी के तीसरे दशक के सबसे बड़े शत्रु और खतरे सोशल साइट्स और आपकी हमारी निजता, प्राइवेसी के बेहद खतरनाक दुरुपयोग की कहानी है। ओटीटी प्लेटफार्म पर निरंतर अच्छा कॉन्टेंट मिल रहा है । चाहे वह द सेक्रेड गेम, मिर्जापुर, पंचायत, फैमिलीमेन, गुल्लक हो या फिर अभी अभी आई इम्तियाज अली निर्देशित अमरसिंह चमकीला फिल्म। और यह पूरी आजादी ऑडियंस आप और हम सबको है की हम क्या देखना चाहते हैं और क्या नहीं? मासिक शुल्क दो ओटीटी प्लेटफार्म का आपके एक सिनेमा टिकिट के बराबर है। तो यह माध्यम दिनोदिन लोकप्रिय हो रहा।

इसी पर जी फाइव पर आई है the broken news सीजन दो, मात्र आठ एपिसोड की वेब सीरिज। दीपांकर सान्याल, जोश 24, राधिका राधा भार्गव, अमीना कुरैशी सच की आवाज आदि कलाकार हैं। यह कहानी है कारपोरेट जगत की, राजनीति की और पत्रकार जगत की। वह सारे सवाल जो हम देखते हैं रोज। पेट्रोल के स्थान पर e व्हीकल, उनकी जान है लिथियम बैटरी, उसकी खोज पर रिसर्च हो, या विभिन्न न्यूज़ चैनल पर चलने वाली स्टोरी कौन तय करेगा और कौन सी स्टोरी कल होगी और कौन सी नही चलेगी ? यह सब बातें ब्रोकन न्यूज़ सीजन 2 ओटीटी पर, zee5 पर दिखाई गई है। इसमें जयदीप अहलावत ने रोल प्ले किया है दीपांकर सान्याल का, सचिन पिलगांवकर की बेटी श्रेया ने रोल प्ले किया है राधा भार्गव का और सोनाली बेंद्रे ने निभाया है बखूबी अमीना कुरैशी का किरदार। और यह रोचक घटनाक्रम, आठ एपिसोड का, ब्रिइंज वाचिंग, लगातार देखने के काबिल है। अच्छी एक्टिंग तो है ही साथ में अच्छी स्टोरी लाइन और डायरेक्टर नकुल की पकड़ है ।इसकी वजह से 8 एपिसोड जो लगभग 5:30 घंटे के हैं तो कहीं भी बोर नहीं होंगे। सीजन 2, सीजन एक के दो साल बाद आया है और कहना चाहिए पहले वाले सीजन से ज्यादा कसा हुआ ग्रिपिंग है।

कहानी है दो न्यूज चैनल की आपसी प्रतिस्पर्धा और उसमें कैसे भी तरीके लगाकर टीआरपी से आगे निकलने की होड़ की। इसी में सच्चाई सामने आती है की बड़े बड़े कॉर्पोरेट घराने उन चैनलों को टेकओवर कर रहे और अपने लाभ के लिए एजेंडा चला रहे। एक घराना मुख्यमंत्री को सपोर्ट कर अपने कार्य निकालता है तो दूसरा घराना नेता विपक्ष पर दाव लगाकर उसे अगला सीएम बनाना चाहता है।इसके मध्य में सही अर्थों में आम आदमी, आप और हम कहीं हैं ही नहीं।

वेब सीरीज के निर्देशक विनय वकुल और लेखक ने बहुत मेहनत से स्क्रिप्ट और कहानी बुनी है। यह देखना बेहद रोचक और नया अनुभव है की किस तरह ढेरों न्यूज चैनल के एंकर अपनी स्टोरी पर रिसर्च करते हैं फील्ड में जाते हैं । किस तरह लाखों रुपया खिलाकर कई लोग न्यूज खरीदते हैं।  मुख्यत कहानी चलती है ऑपरेशन अंब्रेला पर, जो एक ऐसी तकनीक है जिससे सभी, हर खास और आम का डेटा सरकार के पास आ जाता है। यह विधानसभा से बिल पास हो जाता है। वहां से विदेशी हैकर्स फर्म, यह डेटा हैक कर लेती है और आगे आतंकवादी समूहों, बड़ी बड़ी कंपनियों, देशों को बेच रही है लाखों करोड़ों डॉलर में। और उस फर्म से यह डेटा अन्य हैकर उड़ाकर उसे कुछ लाख रुपए में न्यूज चैनल को बेचते हैं। यह जो आप रोज देखते हैं व्हाट्सएप, एफबी आदि पर की आपकी संस्था का आईडी कार्ड बन गया है, या यह दस लोगों को जानकारी भेजी आपने तो आपको यह फ्री गिफ्ट मिलेगा, और यह भी की अमुक बच्चा खो गया है इसके माता पिता को ढूंढने में मदद करें और अन्य समूहों में भेजें। और भी कई। हम सभी इसमें फंसते हैं और लालच या मदद के चक्कर में अपना डेटा ही नही अपनी सारी इनफॉर्मेशन दे चुके होते हैं।

इनके खतरों और नुकसान को बताती है यह वेब सीरीज। रोकथाम अब कोई नही है।

साथ ही अलग अलग एपिसोड्स में दिलचस्प घटनाएं बुनी हैं की मुस्कान भी आती है और खुशी भी की हमारा ही नही बल्कि अच्छे भले हर ताकतवर व्यक्ति का भी उल्लू बना हुआ है ।चाहे वह सुपरस्टार के बेटे का ड्रग कैसे हो या विभिन्न नेताओं के फोन टैपिंग या पत्रकारिता जगत में चरित्र हरण हो या अभी अभी विपक्षी नेताओं द्वारा उठाए इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा हो । और बदले में इस विपक्ष को क्रिप्टो करेंसी से अवैध रूप से डोनेशन मिलता है, यह सारी बारीक बातें बुद्धिमत्तापूर्ण ढंग से इस वेब सीरीज में कुशलतापूर्वक दिखाई गई हैं।एक दृश्य का विशेष उल्लेख करना चाहूंगा जिसमें न्यूज चैनल के एडिटर इन चीफ के खिलाफ एक फिल्म स्टार कुछ कह देता है।वह एडिटर बुरा मानकर उसके बेटे की ड्रग पार्टी केस को इतना उछालता है की पूरे देश में बदनामी होती है। फिर वह फिल्म स्टार उस एडिटर से मिलने घर आता है और वह एडिटर उस फिल्म स्टार से अपनी मर्जी के डायलॉग मदारी की तरह उससे बुलवाता है। सर्वशक्तिमान मीडिया को स्थापित करता है यह दृश्य। बाद में मुख्यमंत्री जी पार्टी को सपोर्ट करने के बाद किस तरह सुपर स्टार के बेटे का केस बिलकुल खारिज हो जाता है यह देखना बड़ा रोचक अनुभव है। अंत के दो एपिसोड लिथियम के भंडारों के भारत के विलेज एरिया में मिलने और उनके वैज्ञानिकों की आत्महत्या की घटनाओं को बताते हैं। (और वास्तव में हम सभी ने अखबारों में देखा है किस तरह पिछले दशकों में विक्रम सारा भाई, भाभा परमाणु केंद्र पुणे और हैदराबाद के युवा वैज्ञानिकों ने आत्महत्या की है।) तो वह सच जो हमारे सामने होता हुआ भी छुपा है उसे यह सीरीज सामने लाती है। अंदर ही अंदर एक करेंट और चलता है सही और गलत, एथिक्स और वैल्यूज की लड़ाई । अभिनय की बात करें तो पैंतीस साल के आसपास अभिनेता बने जयदीप अहलावत अपने सधे और संतुलित अभिनय से भूमिका में जान डाल देते हैं। पाताललोक वेब सीरीज का हाथीराम चौधरी के किरदार से कही आगे ले जातें हैं इस बार एक प्राइम टाइम एडियर इनचीफ की भूमिका में। साथ दिया है बखूबी श्रेया ने राधा भार्गव के किरदार में एक एग्रेसिव और क्षमा नही करने वाली और किसी भी हद तक टीआरपी के लिए जाने वाली पत्रकार।जो कारपोरेट बॉस, पूर्व प्रेमी, अक्षय ओबेरॉय ने बड़ा कमाल का सधा हुआ अभिनय किया है, को इस्तेमाल कर अलग न्यूज चैनल की सीईओ बन जाती है। पर आगे राज खुलता है की वह बॉस खुद उसका इस्तेमाल अपने कारोबारी दुश्मनों को निपटाने में कर रहा था।

कुछ कमियां होना स्वभाविक है जैसे हर खबर दोनो चैनलों को मिल जाना, जैसे राजनेताओं, मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष का इन पर निर्भर रहना, हर पत्रकार, संपादक को ग्रे शेड, नकारात्मक दिखाना आदि। बाकी तेज रफ्तार कहानी, बेहतरीन एक्टिंग, एडिटिंग और फोटोग्राफी के साथ सभी को यह आश्वस्त करती है की द ब्रोकन न्यूज़ सीजन दो बेहद पसंद किया जा रहा है और दर्शकों को नया और थ्रिलिंग कॉन्टेंट देने में सफल है।

____डॉक्टर संदीप अवस्थी, फिल्म लेखक और संपादक, भारत, 7737407061, 8279272900