प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग ३० RACHNA ROY द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग ३०

सब नीचे है तू यहां क्या कर रही है जीनत ने कहा।

हिना ने कहा अरे बाबा कुछ नहीं बस कुछ लिख रही हूं।
ज़ीनत ने कहा छुपाया न कर अपने एहसास को ।।
हिना ने कहा अरे बाबा कुछ भी नहीं।सुन ना में क्या सोच रही थी अब बहुत हुआ यार मुझे यहां से जाना होगा।।।
ज़ीनत ने कहा क्या हुआ तुझे?
हिना ने कहा देख ये शादी हो जाएं तो मैं भी तेरे साथ चलती हुं।
ज़ीनत ने कहा अरे बाबा पर यहां तो सब कुछ है।
हिस्सों में नहीं रहना मुझे।। कहने को मम्मा पापा है पर ।।
ज़ीनत यहां रहना मेरी मजबूरी नहीं बेबसी है।
पर हिना को क्या पता कि राज सब बाहर से सुन रहा था क्योंकि वो कुछ लाया था।
फिर राज ने नोक किया और फिर अन्दर आ गया और बोला मैडम आप लोग व्यस्त है पर प्लीज ये कुछ लहंगे है आप लोग देख लो।
वैसे कौन कहां जा रहा है?
फिर हिना और राज एक दूसरे के आंखों में देखने लगे।
ज़ीनत ने कहा अरे यार कुछ नहीं मुझे जाना होगा वो ही बस।।
राज ने कहा ख़ामोशी में भी आंखे बोल ही जाती है।।
फिर राज चला गया।
हिना बेड पर बैठ गई और फिर एक गहरी सांस लेकर बोली ओह माई गॉड।।
ज़ीनत ने फिर कहा ओके चल देखे क्या लाया है।
पैकेट खोल कर देखा तो लहंगे थे।
ज़ीनत ने कहा देखो हिना कितना प्यार कलर है।
हिना ने कहा हां, ठीक है मुझे कोई दिक्कत नहीं है।


हिना अपनी डायरी निकाल लिया और फिर कुछ लिखने लगी।
ना जाने कितने ही पंचांग,वर्ष,
ऋतु परिवर्तित होते रहे ,
किंतु हम वही स्थिर हो गए
जहां पर तुमने मेरा परित्याग किया
उसी क्षण से सिर्फ अपने जीवन का ही नही
अपितु अपनी इच्छाओं, खुशियां,
मोह माया को भी मैंने विराम दे दिया
मैं आज भी ठहरी हूं उसी वर्ष के पल में
पर देखो ना.....
न जाने कितने ही तुम बिन
दिसंबर🍁बीत गए...

तेरे_होने_का_एहसास
पसंद है मुझे आज भी वो हर एक जगह
जहां मैंने तुमसे प्रेम भरे संवाद किए
तुम्हारे अनुराग में मन मनुहार की
फिर चाहे हल्की बारिश की बूंदों में
लंबी शांत सड़क पर गाड़ी चलाते हुए
तुमसे सोंधी,महकी बातें करना या
पूरे उजले चांद की चांदनी में ठंडी
सर्द रातों में छत पर तेरे कांधे पर
सर रख ना जाने कितने शब्दो को
प्रेम में पिरो कर तुझसे कह देना
जैसे हम सच में खुले आकाश में
एक दूसरे के नजदीक बैठे आंखो में
देखते हुए वो सब पढ़ ले रहे हो
जो कभी नही कह सके
सब सच ही तो लगता था
सिर्फ तेरी बातों से तो तेरे पास होने की
कल्पना कर लिया करती थी
मैं आज भी ठिठुरती रातों में छत पे बैठे
घंटो चांद से तेरी बाते कर लिया करती हूं
फिर उसी की थपकी से ना जाने कब
नींद के आगोश में सो जाया करती हूं...


ज़ीनत ने कहा अब चल खाना के लिए बुला रहे हैं।।

फिर दोनों नीचे पहुंच गए।
जीनत ने राज को देखते ही कहा थैंक यू।
राज ने पलक झपकते हुए कहा ओके।

फिर सब खाना खाने बैठे।
फिर सब बातें करते हुए खाना खाने लगे।

समय कम है पर काम ज्यादा है।
राज ने कहा अरे बाबा सब कुछ तो यही से हो रहा है कोई दिक्कत नहीं है।
पारो ने कहा मेरी शादी को लेकर जो भी अरमान है वो सब तुझको ही देखना है।
राज ने कहा जो हुकुम मेरे आका।
सब हंसने लगे ।
कल मेहंदी है और लेडिज संगीत भी है।
पारों ने कहा ओह माई गॉड वैरी गुड।
और फिर दूसरे दिन ही बेचलर पाटी है।
ओह शुक्रिया अदा किया है मैंने।
थैंक्स यार इतनी यादगार शादी।
राज ने कहा कल कुछ साड़ियां और लहंगे आ जाएंगे उसके बाद आप सब देख लेना।।


आभा ने कहा हां यह तो ठीक किया पर एक बात बता अपनी बारात कब लेकर जाएगा बेटा?
राज ने कहा ओह माई गॉड फिर से अब शुरू मत होना।



क्रमशः