हाइवे नंबर 405 - 14 jay zom द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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हाइवे नंबर 405 - 14

Ep १४

लब्दी ट्रैवल बस की खिड़की के शीशे से, पूर्णिमा की रोशनी और बस की सफेद हेडलाइट्स में, निचला राजमार्ग और वह सफेद रेखा बस के नीचे बहुत तेजी से जाती हुई देखी जा सकती थी। लैबडी ट्रैवल की बसें उच्च श्रेणी की थीं। ड्राइवर के कमरे के बीच में एक काली दीवार थी, तो अंदर कितने लोग बैठे थे, या बस कौन चला रहा था? पीछे की सवारियों को पता चलना नामुमकिन था। ड्राइवर के कमरे में जाने के लिए एक दरवाज़ा था.. जिसे अंदर-बाहर जाने के लिए खोलना पड़ता था। ड्राइवर के कमरे में दो सीटें दिख रही थीं। बायीं सीट पर वामन उर्फ ​​वन्या मायरा की सीट थी पापा बैठे थे, आपकी यात्रा मंगलमय हो। क्या यह आज होगा? आइये आगे देखते हैं. मायरा दायीं ओर की ड्राइविंग सीट पर बैठी है। दोनों हाथों से पकड़ा हुआ गोल काला स्टीयरिंग व्हील और स्टीयरिंग व्हील के नीचे स्पीडोमीटर 160 की स्पीड दिखा रहा था। एक गियर बाकी था जो 200 तक पहुंचने वाला था। पैन मायरा ने आज तक दो सौ की रफ़्तार से दोस्ती नहीं की थी..क्योंकि वामन उर्फ ​​वन्या उसे हमेशा दो सौ के करीब जाने से रोकता था। मायरा दोनों हाथों से ट्रक चला रही थी।

"ओ पापा! उस फल को देखो।" मायरा ने ड्राइवर की सीट पर बैठते हुए कहा और हेडलाइट की रोशनी में सामने बड़े बोर्ड को देखा।

राजमार्ग 405 गांव: 10 किमी

सीटी: 90 किमी

वह उस बोर्ड पर लिख देगा.

"राजमार्ग 405 गांव?" वामनराव ने बड़े आश्चर्य से फूल को देखा और फिर मायरा को।

“क्या हुआ पापा?”

“अरे बेटा, मैंने इस हाईवे पर कई बार गाडी चलायी होगी।


इस हाइवे पर पांच घंटे तक नहीं है कोई साधारण पेट्रोल पंप..! फिर यह गांव कहां से आया?" वामनराव के सवाल पर मायरा ने ज्यादा विचारशील अभिव्यक्ति नहीं दिखाई। उलटे उसने कहा।

"अरे पापा! आप इतने टेंशन में क्यों हैं! आप क्या करना चाहते हैं! या आप वह गाँव खरीदना चाहते हैं?"

मायरा अपने पिता का मज़ाक उड़ाना चाहती थी।

"हाँ, लेना है ना! अपनी शादी में बड़ा तमाशा करने के लिए!"

वामनराव मायरा की फिरकी लेते हुए जोर-जोर से हंसने लगा. उस पर मायरा का चेहरा सिकुड़ गया। गुस्से की तरह

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ड्राइविंग रूम के पीछे कॉलेज के युवा बातें कर रहे थे। कोई जोर से

कोई क्रश को देखकर गाने गाकर उसे इंप्रेस कर रहा था तो कोई मस्ती कर रहा था. उनमें से चार थे. सोज्वल प्रणय दोनों लवबर्ड हैं..कुछ हद तक शरारती भी। जिन्हें इस दुनिया के लोगों की कोई परवाह नहीं. कि ये लोग नहीं बदलेंगे! अर्यांश एक शरारती लड़का है, उसकी शरारतें देखो, दूसरों पर हंसो, बस मजाक करो! सागर, दो पेक्स वाला बॉडीबिल्डर, मजबूत तैराकी शरीर वाला एक चॉकलेटी लड़का, कुछ लड़कियों का पीछा कर रहा था। उनके बोलने के अंदाज से हाई मैन लड़कियां घबरा जाती थीं। इन चारों लोगों की दोस्ती इतनी पक्की थी.

जल्द ही इस घनिष्ठ मित्रता को एक काले कालिख वाले जानवर की नज़रें मिलने वाली थीं।

××××××××××××××××××

Continue:

महत्वाच संदेश- सदर कथेत उच्चार केलेल्या गावाच नाव आणि तिथली परिस्थिती हे सर्वकाही काल्पनिक असून .. वाचकांनी ही कथा ,त्यात असलेले पात्र, मृत व्यक्ति, एकंदरीत सर्वच्या सर्वच परिस्थिती काल्पनिक नजरेने पाहावी- आणी


फक्त मनोरंजन व्हावा ह्या हेतूने कथा वाचावीत🙏


ह्या कथेत लेखकाने गरज असल्याने भूत,प्रेत, अंधश्रद्धा दाखवली आहे - पन, लेखकाचा ह्या कथेवाटे समाजात अंधश्रद्धा पसरवण्याचा मुळीच हेतू नाही. जर कोणी लेखकाला पर्सनल मेसेज करून आक्षेपार्ह मेसेज आणि वागणूक दिली- तर कायद्यानूसार कारवाई करून कडक, एक्शन घेतली जाईल!


सदर कथेत शुद्धलेखनाच्या चुका असू शकतात तर कृपया करून लेखकास समजून घ्या !


लेखक चुका सुधारण्याचा प्रयत्न करत आहे ..


धन्यवाद..



सदर कथा काल्पनिक आहे !

कथेत भुत ,प्रेत अमानविय शक्तिंचे उल्लेख आहे .

कथेत अंधश्रद्धा आहे परंतू लेखक तिला खतपाणी घालत नाही ... गरज असल्याने तिच वापर केल गेल आहे कृपया भयरसिकांनी कथा आन्ंद मिळाव ह्या उद्दीष्टाने वाचावी .


महत्वाच संदेश- सदर कथेत उच्चार केलेल्या गावाच नाव आणि तिथली परिस्थिती हे सर्वकाही काल्पनिक असून .. वाचकांनी ही कथा ,त्यात असलेले पात्र, मृत व्यक्ति, एकंदरीत सर्वच्या सर्वच परिस्थिती काल्पनिक नजरेने पाहावी- आणी फक्त मनोरंजन व्हावा ह्या हेतूने कथा वाचावीत अशी माझी प्रत्येक वाचका प्रती नम्र विनंती आहे. 🙏


ह्या कथेत लेखकाने गरज असल्याने भूत,प्रेत,पिशाच्च ,हडळ,डाकिनी ,याक्षिणी अशी भुत आनी अंधश्रद्धा दाखवली आहे - पन, लेखकाचा ह्या कथेवाटे समाजात अंधश्रद्धा पसरवण्याचा मुळीच हेतू नाही. हे वाचकांनी समजुन घ्या - जर कोणीही लेखकाला पर्सनल मेसेज करून आक्षेपार्ह शिवी गाळ करणारे मेसेज आणि वाईट ,हिंसक वागणूक दिली- तर कायद्यानूसार त्या वाचकावर कठोर कारवाई करून त्यावर कडक, एक्शन घेतली जाईल! सदर कथेत शुद्धलेखनाच्या चुका असू शकतात, कारण लेखक नवा आहे नवखा आहे , तर कृपया करून त्या लेखकास समजून घ्या ! तो पुढे जाऊन नक्कीच चांगल्या पद्धतीने लिहायला शिकेल ............ कथेत आढ्ळणा-या चुका लेखकास निदर्शनास आणून द्या..जेणेकरुन तो

लेखक चुका सुधारण्याचा प्रयत्न करिल.....

आनी नव्या जोशाने लिहिल..!

महत्वपूर्ण संदेश- सदर कथा उरार केलेलिया गावच नाव और तिथि पृष्टिति हे सर्वकाही काल्पनिक आसुन .. वाचकन्नी असले ही कथा, त्यात् ‍ यत् ले पात्र, मृत व्यक्ति, एकेंद्रित ‍ सर्वच सर्वाच पृष्टि ‍ काल्पनिक नजरें पाहावी- और वास्तविक मनोरंजन व्हावा हया हेतुने कथा वाचावित आशी माझी हर वाचका प्रति। नम्र विनन्ति आहे। 🙏

ह्या कथेत लेखक· गैर असल्याने भूत,प्रेत,पिशाच,हडळ,डाकिनी,यक्षिणी अशी भुत अनी अंधश्रद्धा देखावली एहे - पन,लेखक हया कथेवते समाजात् अंधश्रद्धा पसरव्याचा मुळीच हेतु नहीं। वाचकन्नी समजुन घ्या - एक जर कोनिही राइटरला पर्सनल मेसेज करून अक्सेरह शिवी गाळ कर्नारे मेसेज एनी वेट, हिंसक वागानुक डेली-टार कायद्यानुसार त्या वाचकवर हार्ड कारवाई करुन तयावर कडक, एक्शन घेतली जेल! सड कथेत शुद्धलेखनाच्या ने अस्सु शक्तात का भुगतान किया, क्योंकि लेखक नवा अहे नवाखा आहे , तर कृपया करून त्यास लेखक समजून ग्या ! तो पुढे जाऊं नक्की चांगल्या पद्धतिने लिहायला शिकेल ............ कथेत आध्लाना-या भुगतान लेखक निदर्शनास अनून द्या..जेनेकरुन तो

लेखक ने सुधार का प्रयास किया...

आनी नव्या जोशाने लिहिल..!



कथा सुर...


कथा सुरु...नेकस्ट एपिसोड.. दर एकदिवसाआड एक भाग पोस्ट होइल.

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सदर कथा काल्पनिक आहे !

कथेत भुत ,प्रेत अमानविय शक्तिंचे उल्लेख आहे .

कथेत अंधश्रद्धा आहे परंतू लेखक तिला खतपाणी घालत नाही ... गरज असल्याने तिच वापर केल गेल आहे कृपया भयरसिकांनी कथा आन्ंद मिळाव ह्या उद्दीष्टाने वाचावी .


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कथा सुरु ...


महत्वपूर्ण संदेश- कहानी में वर्णित गांव का नाम और वहां की स्थिति सब काल्पनिक है।


कहानियाँ केवल मनोरंजन के लिए ही पढ़ी जानी चाहिए


इस कहानी में लेखक ने भूत-प्रेत और अंधविश्वास को आवश्यकता के कारण दर्शाया है - लेखक का इस कहानी के माध्यम से समाज में अंधविश्वास फैलाने का कोई इरादा नहीं है। यदि कोई व्यक्ति व्यक्तिगत संदेशों के माध्यम से लेखक को आपत्तिजनक संदेश और व्यवहार भेजता है तो कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी!


कहानी में वर्तनी की गलतियाँ हो सकती हैं, इसलिए कृपया लेखक को समझें!


लेखक गलतियों को सुधारने का प्रयास कर रहा है..




धन्यवाद..

यह कहानी काल्पनिक है!

कहानी में भूत-प्रेत और अमानवीय शक्तियों का जिक्र है।

कहानी में अंधविश्वास है लेकिन लेखक इसमें कुछ नहीं जोड़ता... इसका इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि यह जरूरी है।


महत्वपूर्ण संदेश- कहानी में वर्णित गांव का नाम और वहां की स्थिति सब काल्पनिक है। विनम्र निवेदन। 🙏


इस कहानी में लेखक ने आवश्यकता के कारण भूत-प्रेत, लाश, पिशाच, पिशाच, डाकिनी, यक्षिणी जैसे भूत-प्रेत और अंधविश्वासों को दर्शाया है - लेकिन इस कहानी के माध्यम से समाज में अंधविश्वास फैलाने का लेखक का कोई इरादा नहीं है। पाठक इसे समझें - यदि कोई लेखक को आपत्तिजनक अपमानजनक संदेश और बुरे, हिंसक व्यवहार वाले व्यक्तिगत संदेश भेजता है - तो उस पाठक के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी! इस कहानी में वर्तनी की गलतियाँ हो सकती हैं, क्योंकि लेखक नया है, इसलिए कृपया लेखक को समझें! वह आगे चलकर निश्चित रूप से बेहतर लिखना सीखेगा..........कहानी में गलतियों को लेखक को बताएं..ताकि वह

लेखक त्रुटियों को सुधारने का प्रयास करेगा...

और नये जोश से लिखेंगे..!

कहानी जारी है...अगला एपिसोड..हर एक दिन एक एपिसोड पोस्ट किया जाएगा।

।धन्यवाद


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