गलती : द मिस्टेक  भाग 43 prashant sharma ashk द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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गलती : द मिस्टेक  भाग 43

इसके बाद परमार वहां से चला जाता है और भौमिक केबिन में बैठकर सुदीप शाह ने जो बातें डॉक्टर सक्सेना के बारे में बताई थी उन्हें याद करने लगता है। वो बार-बार सोच रहा था कि हार्ट पेशेंट का साइकोलॉजी से कोई कैसे इलाज कर सकता है। आखिर डॉक्टर सक्सेना को ऐसा क्या मिल गया था कि वो इतन अधिक श्योर थे कि वे इलाज कर सकते हैं। वे भारत आकर किस तरह का प्रयोग करना चाह रहे थे। कुछ देर ऑफिस में बैठे रहने के बाद भौमिक भी वहां से चला जाता है। दो दिन बीत गए थे। भौमिक अपने केबिन में बैठा था। तभी वहां परमार आ गया।

हां, परमार। क्या खबर लाए हो ? भौमिक ने परमार को देखते हुए कहा।

सर इस बार भी बुरी खबर ही है। परमार ने कुछ निराशा व्यक्त करते हुए कहा।

बुरी खबर क्या है बुरी खबर ? भौमिक ने प्रश्न किया।

सर जैसा कि आपने कहा था कि सभी स्टूडेंट की कॉल डिटेल और उनकी लोकेशन का पता करना था। वो मैंने किया था। इन दो दिनों में उनकी कॉल डिटेल को ही खंगाल रहा था। परमार ने जवाब दिया।

तो फिर कुछ मिला या नहीं ? भौमिक ने फिर से प्रश्न किया।

यही तो बुरी खबर है सर कि सभी स्टूडेंट की कॉल डिटेल और लोकेशन में ऐसा कुछ नहीं मिला है, जो उनके खिलाफ किसी भी तरह का सबूत बन सके। परमार ने जवाब दिया।

क्या किसी के भी कॉल डिटेल और लोकेशन में कुछ नहीं मिला ? भौमिक ने चौंकते हुए कहा।

हां, सर। सभी पूरी तरह से क्लीन है। कॉल डिटेल में या तो उनके कॉलेज फ्रेंड है, घर के सदस्य है और कुछ आस-पड़ोस के दोस्तों के नाम ही शामिल है। लोकेशन भी कोई संदिग्ध नजर नहीं आई है। परमार ने कहा।

शेखर की कॉल डिटेल में भी कुछ नहीं है ? भौमिक ने फिर से प्रश्न किया।

नहीं सर, वो भी पूरी तरह से क्लीन ही नजर आ रहा है। परमार ने कहा।

ऐसा कैसे हो सकता है परमार ? सबसे ज्यादा हाइपर तो वहीं हो रहा था। वो तो हर बार ऐसे खड़ा हो जाता था गुस्से में कि जैसे दोबारा से डॉक्टर उसके सामने आ जाए तो वो फिर उसका कत्ल कर दें। भौमिक ने कहा।

पता नहीं सर। पर उसकी और बाकि सभी की कॉल डिटेल और लोकेशन से मुझे कुछ भी नहीं मिला है। परमार ने कहा।

मैं उम्मीद कर रहा था कि कॉल डिटेल या लोकेशन से कुछ तो सुराग मिलेगा पर यहां भी हाथ खाली ही है। चार दिन बीत गए हैं परमार। 11 दिन में ये कैसे सॉल्व करना है। बिना सुराग के तो यह होना असंभव है। भौमिक ने चिंता जाहिर करते हुए कहा।

सर स्टूडैंट से सच निकलवाने का कोई और तरीका नहीं है ? परमार ने भौमिक से पूछा।

सबसे बड़ी परेशानी तो यही है परमार कि वे स्टूडेंट हैं। दूसरी बात यह है कि वे प्रोफाईल फैमिली से संबंध रखते हैं। जरा सी सख्ती की तो वे मीडिया में पहुंच जाएंगे और हमारा काम और मुश्किल हो जाएगा। मीडिया तो यूं भी इस केस को लेकर पुलिस के पीछे पड़ी हुई है। भौमिक ने कहा।

तो अब आगे क्या करना है सर ? परमार ने भौमिक से प्रश्न किया।

मैं भी वहीं सोच रहा हूं परमार कि अब आगे क्या किया जाए ? आखिर कातिल ने ऐसा क्या किया है कि एक भी सुराग हमारे हाथ नहीं लग रहा है। विशाल और उसके दोस्त है जो एक तरफ से कह रहे हैं कि कत्ल उन्होंने किए हैं और कारण पूछो तो या तो बेहोश हो जाते हैं या फिर चुप्पी साध कर बैठ जाते हैं। बच्चे हैं तो उनसे सख्ती से पूछताछ भी नहीं कर सकते हैं। भौमिक ने कहा।

तो फिर यह केस हमेशा के लिए अनसुलझा ही रहेगा सर ? परमार ने प्रश्न किया।

नहीं परमार। मैं किसी केस को अधुरा नहीं छोड़ता हूं। यह केस भी सॉल्व होगा और जरूर होगा। भौमिक ने कहा।

पर कैसे होगा सर। हमारे पास तो कोई सुराग ही नहीं है। ना कातिल की शक्ल है, ना सूरत है, ना उसका इरादा मालूम है और ना ही कोई गवाह है कि कत्ल किसने किया है। शक करने के लिए भी ऐसा कोई नहीं है जिससे संदिग्ध मानकर पूछताछ की जा सके। परमार ने शंका जाहिर करते हुए यह बात कही थी।

अब भौमिक क्या करेगा ? कातिल और कत्ल करने के मकसद को जानने के लिए भौमिक अब कौन सा तरीका अपनाएगा ? विशाल और उसके दोस्त सच में बेगुनाह है या परमार से कोई गलती हुई है ? अगर वे बेगुनाह तो वे कत्ल करने का इल्जाम खुद पर क्यों ले रहे हैं ? इन सभी सवालों के जवाब आगे कहानी में मिलेंगे, तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें व फॉलो करना ना भूले।