गलती : द मिस्टेक  भाग 32 prashant sharma ashk द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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गलती : द मिस्टेक  भाग 32

भौमिक ने शाह की बात सुनने के बाद कहा- मिस्टर शाह अब आपको यह बात तो पता ही है कि आपके मालिकाना हक वाली हवेली में चार लोगों के कत्ल हुए हैं। जिस रात कत्ल हुए थे उस रात कॉलेज के कुछ स्टूडेंट भी वहां छुट्टी मनाने के लिए आए हुए थे। छुट्टी के लिए अपनी हवेली को देना या ना देना यह तो आपका निर्णय है, परंतु उस रात हवेली में जिनका कत्ल हुआ है वो डॉ. अविनाश सक्सेना आपके दोस्त है, ऐसा जानकारी हमें मिली है।

जी, हां वे मेरे अच्छे दोस्तों में शामिल है। शाह ने भौमिक की बात का जवाब देते हुए कहा।

जी, वो हमें हमारी जांच के दौरान ही पता चल गया था। अब हम आपसे यह चाहते हैं कि आप डॉ. अविनाश सक्सेना के बारे में जो कुछ भी जानते हैं वे हमें बताए। उनसे या उनके परिवार से जुड़ी हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बात जो आप जानते हैं, वो हम आप से जानना चाहते हैं।

जी, बिल्कुल मैं डॉ. सक्सेना के बारे में जो कुछ भी जानता हूं आपको बताता हूं। पर क्या आपको कातिल के बारे में या कत्ल के कारण के बारे में कुछ पता चला है ? शाह ने भौमिक से प्रश्न किया।

नहीं, हमें ना तो कातिल के बारे में और ना ही कत्ल के कारण के बारे में अब तक कुछ पता चला है। भौमिक ने कहा। इसलिए ही हम आपसे बात करना चाहते थे। हमें पता चला है कि डॉ. अविनाश सक्सेना के चार दोस्त थे, जिनमें से तीन की मौत हो चुकी है, एक बस आप ही है जो अब हमें डॉ. सक्सेना के बारे में कुछ बता सकते हैं। भौमिक ने कहा।

तो बताइए आप क्या जानना चाहते हैं डॉ. सक्सेना के बारे में ? शाह ने भौमिक से प्रश्न किया।

सबसे पहले तो आप यह बताएं कि आपकी डॉ. सक्सेना से मुलाकात कब और कहां हुई ? फिर आप दोस्त कैसे बनें ? वो आपकी हवेली में पूरे परिवार के साथ कैसे पहुंचे ? उनके दोस्त, उनके दुश्मनों के बारे में कोई जानकारी हो आपको तो वो भी हमें बताएं। भौमिक ने शाह से कहा। 

सबसे पहले मैं आपको यह बताता हूं कि मेरी और डॉ. अविनाश की मुलाकात कहां और कैसे हुई ? आज से करीब 15 साल पहले तक मैं यही रहा करता था और अपने पूरे परिवार के साथ हवेली में रहता था। मेरे एक मित्र थे उनके घर उनकी 50वीं शादी की सालगिरह की पार्टी थी। मेरे वे मित्र डॉ. अविनाश के भी परिचित थे। मैं भी उस पार्टी में गया था और डॉ. अविनाश भी वहां आए हुए थे। उसी पार्टी में मेरे उन मित्र ने मेरी मुलाकात डॉ. अविनाश से कराई थी।

तो क्या पार्टी के बाद से ही आप लोगों की दोस्ती हो गई थी ? भौमिक ने प्रश्न किया।

जी नही, पार्टी में तो हमारी एक औपचारिक मुलाकात ही हुई थी। उस पार्टी के बाद काफी दिनों तक हमारी कोई मुलाकात नहीं हो पाई थी। फिर एक बार मेरे उन्हीं मित्र की तबीयत बहुत अधिक खराब हो गई थी। उन्हें हॉस्पिटल में भी एडमिट करना पड़ा था। उस समय डॉ. अविनाश उस हॉस्पिटल में विजीट के लिए आए थे। जब उन्हें पता चला कि हमारे वे मित्र उस हॉस्पिटल में हैं तो वे उनसे मिलने के लिए वहां आए। इत्तिफाख से उस समय में भी वहीं था। तब हमारी दूसरी मुलाकात हुई थी। शाह ने अपनी बात पूरी की।

मतलब अब आपकी दोस्ती शुरू हो गई थी ? इस बार परमार ने अंदाजा लगाते हुए बात कही।

जी नहीं, इस बार भी बस हम औपचारिक तौर पर ही मिले। शाह ने कहा।

तो फिर आप और डॉक्टर दोस्त कैसे बनें ? भौमिक ने प्रश्न किया।

हमारी दोस्ती भी हमारे उन्हीं मित्र के कारण ही हुई। हुआ कुछ यूं था कि वे लंबे समय तक हॉस्पिटल में भर्ती थे। जब वे हॉस्पिटल से पूरी तरह से ठीक होकर अपने घर पहुंचे तो उन्होंने कुछ खास लोगों को अपने घर पर बुलाकर गेट-टू-गेदर रखा था। उसी दौरान मेरी डॉ. अविनाश से काफी बातें हुई। इसके बार हम लगातार बात भी करते रहे और मिलते भी रहे। फिर हम दोनों अच्छे दोस्त बन गए थे। शाह ने कहा।

आखिर सुदीप शाह डॉ. अविनाश सक्सेना के बारे में कोई राज की बात बता पाएंगा ? आखिर क्या कारण था कि डॉक्टर का व्यवहार तीन सालों में अचानक बदल गया था ? शाह से बात करने के बाद क्या भौमिक कातिल तक पहुंच पाएगा ? इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे कहानी के अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें व फॉलो करना ना भूले।