गलती : द मिस्टेक  भाग 17 prashant sharma ashk द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

गलती : द मिस्टेक  भाग 17

मानव के बेहोश होने के बाद परमार ने उसे भी हॉस्पिटल के लिए रवाना कर दिया और फिर उसे भौमिक के केबिन में आकर खड़ा हो गया। भौमिक अब तक खामोश था और अपनी कुर्सी पर बैठे कुछ सोच रहा था। भौमिक को इस तरह से सोच में बैठा देख परमार ने उससे प्रश्न कर दिया-

सर क्या सोच रहे हैं ? परमान ने पूछा।

परमार मुझे लगता है कि या तो ये बच्चे उस कत्ल के बारे में कुछ जानते ही नहीं है और या फिर इन्हें बहुत कुछ पता है और ये बता नहीं रहे हैं। भौमिक ने कहा।

पर सर मेरे मन में प्रश्न यह है कि अब तक हमने विशाल, शेखर, जिज्ञासा और मानव से बात की और इन चारों ने लगभग एक ही बात कही है कि कत्ल उन्होंने किया है और उस कत्ल से बाकि सात लोगों का कोई लेना-देना नहीं है।

इसी बात के कारण तो मुझे ऐसा लग रहा है परमार कि ये बच्चे या तो कुछ नहीं जानते या बहुत कुछ जानते हैं। भौमिक ने फिर से अपनी बात दोहराई।

अगर ऐसा है तो फिर इनके बेहोश होने का कारण क्या हो सकता है सर ? परमार ने फिर से प्रश्न दाग दिया।

मुझे लगता है कि बच्चे अब भी हवेली में हुए हादसे को पूरी तरह से भूल नहीं पाए हैं या यूं कहें कि वे अब भी सदमे में हैं, जिसके कारण उनके दिमाग पर जोर पड़ता है तो वे अपनी सुधबुध खो बैठते हैं। भौमिक ने कहा।

पर सर यदि यदि हम इनकी बात को मान ले कि कत्ल इनमें से ही किसी ने किया है तो फिर दबाव कैसा ? परमार ने फिर से एक प्रश्न किया।

परमार, मुझे यह भी लगता है कि अगर इन बच्चों में से किसी ने कत्ल किया है तो उसका कारण कुछ अलग ही है। या तो कोई ऐसी बात हुई है, जिससे कारण ये लोग अपना आपा खो बैठे और कत्ल करने जैसा गुनाह कर दिया है या फिर ये लोग कातिल को जानते हैं और उसे बचाने का प्रयास कर रहे हैं। भौमिक ने कहा।

अब आगे क्या करना है सर ? परमार ने भौमिक से पूछा। अगर आप कहें तो किसी पांचवे बच्चे को कमरे में लेकर आएं ?

नहीं परमार, आज के लिए इतना ही काफी है। मुझे लगता है कि बच्चों को हवेली में हुए हादसे के सदमे से निकलने के लिए कुछ और समय देना चाहिए। जब वे पूरी तरह से सामान्य हो जाएंगे तब हम बाकि लोगों से पूछताछ करेंगे। भौमिक ने परमार से कहा।

सर अगर पूछताछ नहीं करेंगे तो फिर कत्ल का कारण और कातिल के संबंध में हमें कोई सुराग कैसे मिलेगा ? क्योंकि इन बच्चों के अलावा ऐसा कोई नहीं था जो उस रात हवेली था। उस दिन हवेली में क्या हुआ था वो तो सिर्फ यही लोग बता सकते हैं। परमार ने कहा।

तुम्हारा कहना सही है परमार। पर हमने कई ऐसे केस भी सॉल्व किए हैं, जिसमें कोई चश्मदीद नहीं था और हमने मुजरिम को जेल तक पहुंचाया है। फिर ये बच्चे कहां जा रहे हैं, हम जब भी चाहे इनसे पूछताछ कर सकते हैं। फिलहाल एक काम करो तुम सभी को जाने दो।

ठीक है सर। इतना कहने के बाद परमार वहां से चला जाता है और भौमिक अपने केबिन में बैठकर सोचने लगता है। फिर वो इस कत्ल से संबंधित फाइल उठाता है और उसमें घटनास्थल के फोटो को एक-एक कर बहुत ध्यान से देखने लगता है। भौमिक का फोटो देखने को मकसद यह था कि हो सकता है कि फोटो में उसे कुछ ऐसा नजर आ जाए जो उसे कातिल के संबंध में कोई सुराग दे जाए। हालांकि वो काफी देर तक फोटो देखता रहा, परंतु उसे फोटो में ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया जो उसे कत्ल के मकसद या कातिल तक पहुंचाने में मदद कर सके।

क्या होगा भौमिक का अगला कदम, क्या भौमिक को कातिल के संबंध में कोई सुराग मिल पाएगा ? क्या वो कत्ल के मकसद के बारे में भी कोई जानकारी जुटा पाएगा ? आखिर कातिल तक पहुंचने के लिए भौमिक को क्या करना होगा ? इन सवालों के जवाब मिलेंगे अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें।