गज़ल pradeep Kumar Tripathi द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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गज़ल

हमारी ग़जल है

हमारी ग़जल है तो हमें सुनाईएगा
उनसे तो कह दो की बस आईएगा
हमारा है जिक्र और हमारा रहेगा
आप का जो आए तो मुकर जाईएगा

हमारी ग़जल है तो हमें सुनाईएगा
उनसे तो कह दो की बस आईएगा

हमे गम नहीं है तुम्हें क्या हुआ है
आए और चल दिए कहा जाईएगा
सुना है कि कोई और भी लिखेगा
जाते हैं तो जाएं उन्हें भी मिलेगा

हमारी ग़जल है तो हमें सुनाईएगा
उनसे तो कह दो की बस आईएगा

यारों अब महाफिल में भीड़ होगी
नजरों से उनकी न नज़र मिलाइयेगा
हमारी कहानी सब लोग सुनिएगा
सर्त बस यही है कि आंशुओ को न लाइयेगा

हमारी ग़जल है तो हमें सुनाईएगा
उनसे तो कह दो की बस आईएगा

हुए हैं वो बेवफ़ा तो क्या कीजिएगा
हुनर है जो उनका तो क्या आजमाइएगा
वो सच भी जो बोलें तो नही मानिएगा
झूंठो पे किस हद तक यकीं कीजिएगा

हमारी ग़जल है तो हमें सुनाईएगा
उनसे तो कह दो की बस आईएगा

वादे वफ़ा जो इनसे कीजिएगा
जीते जी ना इनको निभा पाइएगा
मरने भी तुमको न दिया जाएगा
और जीने के सारे हुनर छीन जायेगा

हमारी ग़जल है तो हमें सुनाईएगा
उनसे तो कह दो की बस आईएगा

बचपन भी गया जवानी भी जाएगी
बुढ़ापे में रो रो कर बस मर जाइयेगा
इन्हें हमसफ़र तो लाखों मिलेंगे
हमे मिल रहे फिर भी न मिल पाइएगा

हमारी ग़जल है तो हमें सुनाईएगा
उनसे तो कह दो की बस आईएगा

है उनकी आखिरी ख्वाहिश क्या मिलेगा
ये अनमोल दिल मेरा ले जाइएगा
ये आखरी ख्वाहिश मुझे क्या मिलेगा
ये तस्वीर कमरे की मेरे साथ दफनाइयेगा

हमारी ग़जल है तो हमें सुनाईएगा
उनसे तो कह दो की बस आईएगा



तुम्हारी कहानी

तुम्हें क्या सुनाऊं तुम्हारी कहानी
ये तो मिली है तुम्हीं से ओ रानी

पहले तो आंखों से आंखें मिलाई
फिर आंखों से मेरे दिल को चुराई
और जुल्फों के छांव में मुझको सुलाना
दिल मेरा ले कर छुप के चले जाना

तुम्हें क्या सुनाऊं तुम्हारी कहानी
ये तो मिली है तुम्हीं से ओ रानी

दिल को हमारे ले कर के खेलना
मन भर गया तो फिर तोड़ना
ये कैसा तुम्हारा कहर इस मन पर
तोड़ कर दिल आई जलील कराने

तुम्हें क्या सुनाऊं तुम्हारी कहानी
ये तो मिली है तुम्हीं से ओ रानी

हमारा ये दिल तुम हमें लौटाओ
तुम्हारा अब हक इस पर ना है जानी
तुम्हें तो मिला है नया अब खिलौना
तुम्हारे इस रूतबे की क्या है कहानी

तुम्हें क्या सुनाऊं तुम्हारी कहानी
ये तो मिली है तुम्हीं से ओ रानी

ये टूटा हुआ दिल ये ठूठी जवानी
हमारे इस रूतबे की यही है निशानी
तुम्हारा नया रुतबा और जवानी
उसपे नया दिल खिलौना और जानी

तुम्हें क्या सुनाऊं तुम्हारी कहानी
ये तो मिली है तुम्हीं से ओ रानी

ले कर चला मैं इस शहर की निशानी
दिल में है पत्थर और आंखों में पानी
खाता है मेरी एक माफी है पानी
तुम्हारी हंसी को है दिल में छुपानी

तुम्हें क्या सुनाऊं तुम्हारी कहानी
ये तो मिली है तुम्हीं से ओ रानी

तुम्हे हो मुबारक दिन रात सोना चानी
हमको वही फिर से है ठोकर खानी
तुमको तो है अब फिर महफील सजनी
हमे तो है जीवन से पर्दे गिरानी

तुम्हें क्या सुनाऊं तुम्हारी कहानी
ये तो मिली है तुम्हीं से ओ रानी

आपका अपना
प्रदीप कुमार त्रिपाठी
हनुमना रीवा मध्य प्रदेश
जय श्री कृष्ण
राधे राधे
हर हर महादेव शिव शंभू