मेरे इस कहानी के दो पात्र हैं मै और मेरी माँ. वैसे तो मेरे घर में पांच लोग हैं मै माँ छोटा भाई संदीप छोटी बहन सुधा मेरे पिता जी, मेरे पिता जी किसान है|
हम सब एक छोटे से गाँव में रहते हैं जिसका नाम गोपला है, मै अपने परिवार से बहुत प्यार करता हूँ ,और ख़ासकर अपनी माँ से, आज भी अगर मैं किसी बात पर नाराज भी होता हूँ या किसी बात में गुस्सा हो के मै रोने लगता हूँ तो मेरी माँ आती है और अपने आँचल से मेरे आँसूओं को पोंछकर मेरा सर अपनी गोंदी में रखकर हाथ फेरने लगती है, और मै चुप चाप से सो जाता हूँ|
माँ के गोद में सर को रखते हि मेरा सारा क्रोध समाप्त हो जाता है, और मै एक आनंद के अथाह सागर में गोता लगाने लगता हूँ|
मेरी माँ आज भी अपने हाथों से मुझे भोजन कराती है, मै आज भी दफ्तर से आते ही सबसे पहले माँ से मिलता हूँ, मुझमे जो भी अच्छे गुण हैं वो सब मेरी माँ के दिये हुए हैं |
मेरी माँ कहती है इस पृथ्वी पर सबसे बड़ा दानी वो है जो भूखे को भोजन करा दे, और जो इंसान हर दिन किसी भी एक भूखे व्यक्ति को एक पहर का भोजन करा दे तो फिर उसे किसी मंदिर मस्जिद में जाने की जरुरत ही नहीं है |
भगवान उस पर एसे हि प्रसन्न हो जाते हैं, मेरी माँ कहती है बिना किसी स्वारथ के हर जरूरतमंद की जहां तक बन सके सहायता करो, जब तुम्हें जरूर होगी भगवान तुम्हारी सहायता करेंगे|
मेरी माँ अगर किसी बात पर नाराज भी होती है और मैं जा कर गोद में सर रख कर लेट जाऊं तो, मेरी माँ खुश हो जाती है, मान भी जाती है और हंसते हुए बोलती है कि मुझे मनाने की कोशिस मत करो मै आज तुम्हारे नानी के घर जा रही हूँ ,और तुम 21 साल के हो फिर भी बच्चो जैसी हरकत करते हो, अब तुम बड़े हो गए हो |
इतना बोलते हुए आकर मेरे बाल बनाने लगती हैं, अगर मैं किसी दिन कहीं चली गई तो कौन तुम्हारी पोशाक करेगा और मैं थोड़ा मायूस होता हूँ फिर बोलता हूँ, माँ तुम मुझे छोड़ कर कभी भी कही भी नहीं जा सकती हो, और माँ भी बोलती है हा मेरे लाल मैं तुम्हें छोड़ कर कभी कही जा हि नहीं सकती, और इतना बोलते हुए मुझे अपने सीने से लगा लेती है |
और मै 21 साल से अपने माँ के गोद में खेल रहा हूँ, आज भी मुझे एसा लगता है कि मैं अभी 5 साल का हूँ. और मेरी माँ भी मुझे छोटे बच्चों की तरह प्यार करती है | और मुझको जो खुशी दुनिया की हर दौलत नहीं दे सकती है वो खुशी मेरी माँ की गोद दे देती है, इसीलिये मैं ये बात उन लोगों से कहता हूँ जो दौलत के पीछे भाग कर माँ बाप को छोड़ देते हैं कि माँ बाप से बड़ी कोई कामयाबी नहीं है. और माँ के गोद से अच्छा दुनिया का कोई बिस्तर नहीं है जिस पर सुकून की नींद आ जाय.|