गज़ल pradeep Kumar Tripathi द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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गज़ल

देखें हैं मैंने कल एक चिराग की ताकत।
रोशनी ने इसके कई अफ़सर बना दिया।।
मन्दिर है दिल इसमें रोशनी खुदा है।
कर्मो ने किसी को राम तो किसीको रावण बना दिया।।

मेरी जिंदगी मुझसे डरती जा रही है।
अब लगता है कि मौत करीब आ रही है।।
कल देखा है मैंने अपनी जिंदगी को जलते।
मेरी मौत आज डोली में सज कर जा रही है।।

ऐ खुदा तू मुझ पर एक मेहरबानी कर दे।
अब जिंदगी से मेरी बेजुबानी कर दे।।
अब डर रहा हूं की जीतेजी कोई ओर ना जाए।
मौत ही आनी है तो मुझको इस जहां से रबानी दे दे।।

ऐसा लगता है कि आज मेरी जिंदगी थम सी गई है।
कोई मेरी उम्र चुरा कर न जाने कहां छुप गया है।।

मुझे मौत से कोई गिला नहीं है।
बस जो मेरा था वो मुझको मिला नहीं है।।

कल मैं रोशनी की तलाश में बहुत दूर देख रहा था कि चांद मेरे पास से गुजर गया
वो तो मेरे दिल में ही था मुझे खोजने में जिंदगी भर लगा गया

अब सच यहां पर सबको कड़वा लगता है ।
आइने के किरदार को सब भूलते जा रहे हैं।।
कोई दिल में है तो उसको उसका सच नहीं बोलना।
वरना दिल से वो कब निकाल जायेगा पता भी नहीं चलता है।।

मैंने विरह की एक सारी रात गुजार दी।
वो हमसे पुंछते है कि मौत क्या होती है।।
उनसे कहो कि एक पल गुजार कर देखें।
हर पल में हजार मौत आकर चली गई।।

वो लेकर आए पैगाम ए मोहब्बत और हम समझ ही नहीं पाए दो पल की होती अगर तो वो लफ़जो से सुना देते
वो नज़रों से एहसास दिलाते रहे हम देख कर मुस्करा देते
ऐ खुदा अब उन मुस्कुराती नज़रों को कहां ढूंढू मुझे वो कोई रास्ता तो बता देते
क्या गनीमत है नहीं होता प्यार दोबारा ए रहबर नहीं उनको नज़रों में बसा कर रखता और वो फिर से मुस्कुरा देते
ए खुदा उनकी नजरें कमाल आईना है जब जब देखा है तो निखार आ जाते
वो तो उन नजरों को दिन रात चूम कर जिन्दा है सोचता हूं प्रदीप एक बार चूमते तो मर जाते

मुझे इस मर्ज से ठीक ही नहीं होना पता नहीं हररोज हमें दवा क्यों दी जाती हैं
जबसे बिछड़ा हूं रोज मरने की कोशिश जिन्दगी तो उनकी यादें दे जाती हैं

आज इश्क की दुनिया में तूफान आगया है
उनसे कहो मुझमें जान आगई है।
वो छोड़ कर गई तो क्या सोचा टूट जाऊंगा अब दिल में उसकी जगह याद आ गई है।।

मैंने उसे जीने का सबब दे दिया है।
जो हर किसी से मौत का पता मांगता है।।
बांटने पे आया तो दिल ही लूटा दिया है।
वो मांगने जो आया तो खुदा को दे दिया है।।

अगर जिन्दा हो तो मुस्कुराया कीजिए
दर्द सभी के पास है इसे हर किसी को मत दिखाया किजिए
जीना जहां में आता नहीं हर किसी को
आप अपने दिल की किताब खोल कर दिखाया किजिए

मुझमें दो एब बहुत ज्यादा आ गया है।
भरोसा हर किसी पर पक्का इरादा आ गया है।।

अब सांसें हमारी हमसे बात करना छोंड रही है।
लगता है कि धडकनों से रिश्ता जोड़ रही है।।
दिल पर भी उदासी छाई जा रही है।
सांस और धड़कन एक साथ पराई होती जा रही है।।