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जंगल

एक गहरे अकेले जंगल में, जहां प्रकृति की सुंदरता व्याप्त थी, वहां एक पेशेवर अपराधी आदमी रहता था। उसका नाम विक्रम था। विक्रम एक विदेशी देश का अपराधी था जिसने जंगल को अपना घर बना लिया था। जंगल में उसकी गतिविधियाँ अनगिनत थीं, और उसके कारनामे अपराधिक विश्वास की कथा बन गए थे।

विक्रम को वनजीवन से बहुत प्यार था, और उसकी योजनाओं का मूल आधार वन के नियमों का उल्लंघन करना था। उसने जंगल के गहरे भागों में अपनी बंदूकों और चोरी के उपकरणों के संग्रह का एक छिपा हुआ स्थान बनाया था। यह छिपा हुआ स्थान उसका अपराधी सिरचा था, जहां उसने अपने अपराधों की योजनाओं को संग्रहित किया। विक्रम का उद्देश्य वन में अपनी ताकत बढ़ाना और स्थानीय लोगों के डर और आश्चर्य को बढ़ाना था।

एक दिन, जब सूर्यास्त के समय जंगल में घना अंधकार छाया था, विक्रम अपने साथियों के साथ एक अपराधिक कार्यक्रम की योजना बनाने वाला था। उसकी सोच यह थी कि वह एक पशु शिकार करेगा और उसे वन में छोड़ देगा, ताकि लोग वन में आकर इसकी देखभाल करें और वहां आकर्षित हों। उसके बाद, जब लोग वन में उत्साहित होंगे, तो विक्रम अपनी गणतंत्र प्रक्रिया शुरू करेगा और अपराधिक गतिविधियों का जंगल भर में प्रदर्शन करेगा।

अगले दिन, विक्रम और उसकी दल एक शेर का पीछा करने के लिए वन में गए। शेर दिनभर जंगल में अपनी प्रजाति का ताजगी फैलाता रहता था, और इसलिए उसे पकड़ना काफी कठिन था। विक्रम और उसकी दल का प्रयास थोड़ा धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था, जब अचानक एक वन्य पशु ने शोर मचाया और शेर भागने लगा। शेर की छाप के पीछे जाते जाते, विक्रम और उसकी दल ने वहां पहुंचते-पहुंचते एक छोटे से गुफा में आकर रुक गए।

विक्रम और उसकी दल ने गुफा के अंदर चौंका देने वाले दृश्य का सामना किया। वहां छिपे हुए थे एक विरविरान लाशों से भरे हुए कमरे में, जहां उबके थे सभी पुराने अपराधों के सबूत। इस खोफनाक दृश्य के सामने विक्रम थोड़ी देर तक चकित रहा, फिर उसका मनोबल दुगना हो गया। यह देखकर उसे यकीन हो गया कि उसकी अपराधिक जीवनशैली पर जंगल के वन्य प्राणियों ने अपनी भयंकरता से प्रतिक्रिया दी थी।

विक्रम और उसकी दल वहां से जल्दी बाहर निकलने के लिए तत्पर थीं, लेकिन वन में अंधकार छाया हुआ था और उन्हें रास्ता नहीं दिख रहा था। वे भटकते रहे, परन्तु जंगल की घने जंगली पेड़-पौधों ने उनका मार्ग रोक लिया। थक गए और हताश होकर, विक्रम और उसकी दल ने एक छोटे से साफ स्थल पर विराम लिया।

विराम के समय, विक्रम ने अपने अपराधी जीवन को विचार किया और अपराध से परे जीने की एक नयी सोच धारण की। जंगल की शांति और सुंदरता ने उसके अंदर एक नयी भावना जागृत की। उसे एहसास हुआ कि वनजीवन की वास्तविक सुंदरता अपराध की भयानकता से बेहतर है।

उसे यकीन हो गया कि अच्छी और निष्कर्षजनक कार्यों में जुटने से उसका अपराधी रूप धीरे-धीरे दूर हो जाएगा। उसने तत्परता के साथ नयी जीवनशैली का निर्माण किया।

विक्रम ने उसी जंगल में रहने वाले एक साधु से मिलने का निर्णय लिया। उसने उसे अपने अपराधी जीवन के बारे में सब कुछ बताया और उसका मार्गदर्शन मांगा।

साधु ने विक्रम की बातों को ध्यान से सुना और फिर कहा, "विक्रम, जीवन में हमेशा एक संघर्ष होता है, और इसका अच्छा-बुरा रूप तुम्हारे व्यक्तित्व पर निर्भर करता है। अपराध सिर्फ एक विकल्प है, और तुम इस विकल्प को छोड़कर एक नया मार्ग चुन सकते हो। जीवन को सच्चाई, संयम और धर्म के साथ जियो। वनजीवन अपार शक्ति और स्वतंत्रता का प्रतीक है, उसे अपने अंदर समाहित करो और इसका आनंद उठाओ।"

उस दिन से, विक्रम ने अपना नया जीवनाशा। उसने जंगल के प्राकृतिक आदान-प्रदान में शामिल होने का निर्णयलिया और अपने पूर्व अपराधी जीवन को पीछे छोड़ दिया। वह जंगल के सुन्दरता का आनंद लेने लगा, प्रकृति के साथ एक बन गया। उसने वन्य पशुओं की देखभाल करनी शुरू की और वन में नई जीवन ढंग से बसने की कोशिश की।

विक्रम ने वन में अपनी कौशल और ज्ञान का उपयोग करके एक छोटा आश्रम बनाया, जहां वह वन्य पशुओं की देखभाल करने और उनके संरक्षण के लिए संगठित कार्यक्रम चलाता था। वह स्थानीय लोगों को जंगल की सुंदरता के प्रति संवेदनशील बनाने की कोशिश करता और उन्हें प्राकृतिक संरक्षण के महत्व के बारे में शिक्षा देता। विक्रम का नया जीवनशैली उसे न केवल आत्म-प्रगति के लिए बल्कि समाज के लिए भी उद्दीप्त कर दिया।

जीवन की इस नई यात्रा में, विक्रम ने एक गहरे अपने आप से बदलाव और परिवर्तन का अनुभव किया। उसने स्वयं को एक परोपकारी और सामाजिक कर्ता के रूप में पुनर्निर्माण किया। उसने अपनी अपराधी पीछा छोड़ दी और अब उसका ध्यान प्रकृति की संरक्षा, प्रदूषण मुक्तता और वन्य जीवों की संरक्षा पर था।

विक्रम ने लोगों को जागरूक किया और उन्हें अपने स्वयं के माध्यम से वन्य जीवों के प्राकृतिक संरक्षण में सहयोग करने का संकल्प लिया। वह अपने आश्रम में लोगों को प्रशिक्षित करने और वन्य जीवों की संरक्षा के लिए अभियान चलाने में सक्षम हो गया। इससे वह अपने पूर्व अपराधी जीवन की संगतता से पूर्णता और सच्चाई में अपनी प्रगति को देख सकता था।

विक्रम द्वारा चलाए गए वन्य जीव संरक्षण के परियोजनाओं ने लोगों को वन के महत्व की अवगति कराई और उन्हें वन्य जीवों की महानता और संरक्षण की आवश्यकता के बारे में शिक्षित किया। यह उन्हें संगठित तरीके से अपने अपने जीवन को परिवर्तित करने का अवसर दिया और उन्हें एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपना योगदान देने का अवसर प्रदान किया।

विक्रम की यह जीवन कहानी दिखाती है कि इंसान अपने पापों से परे हो सकता हैऔर एक नया मार्ग चुन सकता है। जंगल में वनजीवन के अनुभवों से प्रेरित होने के बाद, विक्रम ने अपने अपराधी दिनों को पीछे छोड़ दिया और एक नया जीवन आरंभ किया। वह जंगल के साथी बन गया, प्रकृति के संरक्षण में लग गया और वन्य जीवों की संरक्षा के लिए संघर्ष करने लगा।

इस तरह, विक्रम की अपराधी जीवन की कहानी जो एक दुष्टता और भयानकता से भरी थी, उसने जंगल की शान्ति, सौंदर्य और सहयोग के साथ नये आयाम प्राप्त किए। वह एक संघर्षी राह पर चला, जहां वह अपने पूर्व अपराधों के प्रायश्चित्त के रूप में वन्य पशुओं की संरक्षा करके उनके लिए जीवन में एक मार्ग बना रहा था। उसकी कहानी बताती है कि किसी भी व्यक्ति में बदलाव की क्षमता होती है और प्रकृति की अनंत सुंदरता और संरक्षा के माध्यम से हम एक सर्वोच्च मार्ग का अनुसरण कर सकते हैं।

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