जिम्मेदार प्रेमी Rajesh Rajesh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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जिम्मेदार प्रेमी

चालीस वर्ष के कुंवारे मिलन को पड़ोस की बीस वर्षीय खूबसूरत लड़की सोनम से प्रेम हो जाता है।

मिलन को सोनम छोटे जीजा कह कर पुकारती थी, क्योंकि मिलन के बड़े भाई की पत्नी और सोनम की मां एक ही गांव की रहने वाली थी। और गांव के रिश्ते से सोनम की मां और मिलन के बड़े भाई की पत्नी यानी कि मिलन की सगी भाभी दोनों बहने थी।

इसलिए सोनम की मां मिलन के भाई के साथ-साथ मिलन को भी छोटेे जीजा कह कर पुकारती थी। अपनी मां को देेखकर सोनम भी मिलन को छोटे जीजा कहने लगी थी।

मिलन और सोनम के परिवार के संबंध बहुत अच्छे थे। बचपन में सोनम मिलन के बड़े भाई के बेटे रवि के साथ रोज खेलने उनके घर आती थी। लेकिन जवानी की दहलीज पर कदम रखने के बाद सोनम ने रवि से मिलना जुलना बहुत कम कर दिया था।

रवि सोनम सेे तीन वर्ष आयु में बड़ा था, और अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। इसलिए मिलन के भाई भाभी जल्दी पोते पाती का सुख पाने के लिए अपने बेटे रवि की शादी करने का फैसला ले लेते हैं।

रवि कि हल्दी की रसम पर महिलाओं का संगीत का बहुत अच्छा प्रोग्राम होता है। महिलाओं के संगीत के प्रोग्राम में सोनम इतना खूबसूरत और अच्छा नाचती है, कि मिलन की भी इच्छा होती है, सोनम का नृत्य देखने की।

इसलिए मिलन रात का खाना खाकर अपने कमरे की उस खिड़की को खोलता है, जिससे कि सोनम महिला के संगीत प्रोग्राम में नाचते हुए साफ दिखाई दे।

मिलन ने आज तक इसलिए शादी नहीं की थी, कि उसे आज तक ऐसी लड़की नहीं मिली थी, जो उसके दिल दिमाग को छु ले, लेकिन सोनम का नाच देखकर सोनम की अदाओं से उसे सोनम से प्रेम होने लगता है।

मिलन को खुद समझ में नहीं आ रहा था, कि जिस सोनम को मैं रात दिन देखता हूं, आज वह मुझे इतनी प्यारी क्यों लग रही है।

सोनम को प्रेम भरी नजरों से निहारने की वजह से मिलन अपनी नजरों में गिरने लगता है, तो वह अपने कमरे की खिड़की बंद करके अपने लैपटॉप पर कुछ काम करने लगता है।

और कुछ देर बाद उसका कोई दरवाजा खटखटाता है। मिलन पूछता है? "कौन है।"

सोनम दरवाजे के पीछे से आवाज लगाकर कहती है "सोनम हूं।"

सोनम की आवाज सुनकर पहली बार मिलन का दिल किसी लड़की के लिए तेज तेज धड़कता है। और सोनम की आवाज सुनकर मिलन हड़बड़ाहट में जल्दी से दरवाजा खोलता है।

दरवाजा खोलते ही सोनम मिलन का हाथ पकड़ कर बोलती है "प्लीज छोटे जीजा अपना लैपटॉप कुछ देर के लिए मुझे दिखा दो बाबूजी ने लैपटॉप देने से बिल्कुल मना कर दिया है। मुझे और मेरी सहेलियों को अपने कॉलेज की फेयरवेल पार्टी की वीडियो फिल्म देखनी है।"

मिलन बोलता है"अंदर आ कर ले लो।" सोनम जैसे ही मिलन के कमरे के अंदर घुसती है, तो बिजली चली जाती है। और अंधेरे कमरे में डर की वजह से सोनम मिलन से बार-बार चिपक कर खड़ी होने लगती है। सोनम के इतने करीब आने के बाद सोनम के बदन की सुगंध मिलन के तन मन में बसने लगती है।

और मिलन को समझ नहीं आ रहा था कि कल तक जिस छोटी सी बच्ची की मेरी नजरों में आम बच्चों जैसी कीमत थी, आज वह मेरे लिए इतनी बहुमूल्य कैसे हो गई है।

उस अंधेरे कमरे में मिलन हो ऐसा लगता है कि मैं अभी सोनम को अपनी बाहों में भर लूं और अपने प्रेम का इजहार कर दूं।

सोनम को भी मिलन आज कुछ बदला-बदला लग रहा था, इसलिए वह अंधेरे कमरे में ही चुपचाप मिलन से लैपटॉप लेकर मिलन को थैंक्य कहे बिना कमरे से बाहर चली जाती है।

क्योंकि महिलाओं में पुरुष को पहचान ने की तीसरी शक्ति होती है। इसलिए शायद सोनम मिलन की हरकतों को समझ जाती है।

सोनम के इस तरह कमरे से बाहर जाने के बाद मिलन को घबराहट होने लगती है कि कहीं मैंने कोई ऐसी हरकत तो नहीं कर दी है जिससे मैं सोनम की नजरों में गिर गया हूं।

इसलिए मिलन सोनम के पीछे पीछे वहां जाता है, जहां सोनम अपनी सहेलियों के साथ बैठकर लैपटॉप पर अपने कॉलेज का प्रोग्राम देख रही थी। मिलन वहां पहुंचकर कहता है कि "लैपटॉप तो ठीक चल रहा है ना।"

मिलन को देखकर सोनम बोलती है"आ जाओ छोटे जीजा जी आप भी हमारे कॉलेज का प्रोग्राम देख लो।"

सोनम कि यह बात सुनकर मिलन को तसल्ली हो जाती है कि "मेरे दिल के अंदर सोनम के लिए प्रेम के जो अंकुर फूट रहे हैं, वह बात सोनम को समझ में नहीं आई है।"

दूसरे दिन मिलन के भतीजे रवि की बरात जाने से पहले सोनम बहुत खूबसूरत गुलाबी साड़ी पहनकर मिलन के पास उसके कमरे में आती है।

और एक पत्नी जैसे उसे बरात में जाने के लिए तैयार होने में मदद करने लगती है।

और बातों बातों में मिलन से पूछती है? कि "आप ने अब तक शादी क्यों नहीं की है।"

"तुम्हारी जैसी खूबसूरत घरेलू समझदार लड़की नहीं मिली इसलिए।" मिलन बोलता है।

"तो अब तो मैं आपको मिल गई हूं, तो आप मुझसे शादी क्यों नहीं कर लेते।"सोनम बोलती है।

मिलन समझ नहीं पा रहा था कि दुनिया की इतनी बड़ी खुशी मुझे इतनी आसानी से कैसे मिल गई है।

इसलिए वह समय गवाएं बिना सोनम को बाहों में लेकर कहता है "बस अब रवि की शादी के बाद तुम्हारी मेरी शादी होगी।"

सोनम शर्माने की जगह "पक्का करोगे ना मुझसे शादी।" कह कर कमरे से बाहर चली जाती है।

सोनम की बातों से मिलन को ऐसा लगता है कि जैसे सोनम अपनी पसंद का समान खरीदने का सौदा पक्का करके गई हो।

सोनम और मिलन एक दसरे को पसंद करते थे, और मिलन एक जिम्मेदार समझदार अच्छा पैसा कमाने वाला सुंदर व्यक्ति था, इसलिए दोनों की शादी आसानी से हो जाती है।

सुहाग रात वाली रात मिलन सोनम से पूछता है? "तुम सुंदर हो पढ़ी लिखी हो जवान हो तो फिर एक जवान युवक की जगह मुझ से शादी क्यों की जबकि मैं तुम से बीस वर्ष आयु में बड़ा हूं।"

"आप एक समझदार पढ़े-लिखे जिम्मेदार अनुभवी अच्छा पैसा कमाने वाले व्यक्ति हो और सबसे बड़ी बात आपकी नजरों में मैंने अपने लिए सच्चा प्यार देखा है।" सोनम कहती है।

"यह सब गुण तो तुम्हारी आयु के किसी भी लड़के में हो सकते हैं।"मिलन बोलता है।

लेकिन मैं एक बार धोखा खा चुकी हूं। और दोबारा नहीं खाना चाहती हूं। आपसे क्या छुपाना ऐसे ही किसी गुणवान युवक का बच्चा मेरे पेट में पल रहा है। और उसने मुझे और इस बच्चे को अपनाने से साफ इंकार कर दिया है।"

सोनम की यह बात सुनकर मिलन के सर पर तो जैसे बिजली गिर जाती है। वह सोनम से शुरू से सारी बात सुनता है, उसे वह धोखेबाज युवक हर जगह गलत नजर आता है, और सोनम हर जगह सही।

लेकिन मिलन समझ नहीं पा रहा था कि सोनम वफादार है या बेवफ़ा धोखेबाज है या सच्ची या सोनम ने उसका इस्तेमाल किया है या नहीं।
सोनम मिलन को बचपन से जानती थी। इसलिए उसे पता था कि मिलन उसकी एक एक भावनाओं और मजबूरियों की पूरी कदर करेगा। इसलिए सोनम मिलन को दिल खोलकर अपने सारे राज बता देती है।

और मिलन यह सोच कर कि इंसान गलतियों का पुतला है, इसलिए सोनम का भूतकाल भूलकर सोनम को अपनी बाहों में भर लेता है।