मेरी दूसरी मोहब्बत - 75 Author Pawan Singh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 75

Chapter 75 Saundarya VS Awani

अगले दिन पवन सौंदर्य और अवनी हॉस्पिटल जाते हैं वहां जाकर वो सब अविनाश से मिलते हैं।

अवनी-यह सौंदर्य है इस नहीं surrogate मदद बनने का फैसला लिया है, बाकी मैंने इन दोनों को मैंने इस बारे में बताया था जो तुमने मुझे बताया था पर मुझे लग रहा है मैं ठीक से समझ नहीं पाई मैं चाहती हूं कि एक बार तुम सरोगेसी के बारे में इन्हें थोड़ा बता दो ताकि सौंदर्य को थोड़ा relax feel हों।

अविनाश-हां sure मैं आपको बता हूं यह एक ऐसा प्रोसेस होता है जिसमें कोई घबराने वाली बात नहीं हैं actually सेरोगेसी process होता यह हैं कि यह एक ऐसा जरिया है जो किसी को भी संतान की खुशी हासिल करने में मदद करता है। इस latest technique को अपनाकर आप भी माता-पिता होने का सुख भोग सकते हैं।, सरोगेसी एक महिला और एक दूसरी lady के बीच का एक agreement होता है, जो अपना खुद का बच्चा चाहता है। सामान्य शब्दों में अगर कहे तो सरोगेसी का मतलब है कि बच्चे के जन्म तक एक महिला की किराए की कोख।

यूं तो सरोगेसी की टेक्निक उन लोगों के लिए बनाई गई है जिन लोगों को खुद के बच्चे पैदा करने में मुश्किलें आती है। कभी किसी को बच्चे को जन्म देने में कठिनाई आती है, तो कभी बार-बार गर्भपात हो रहा हो या फिर बार-बार आईवीएफ तकनीक फेल हो रही हो। जो महिला किसी और के बच्चे को अपनी कोख से जन्म देने को तैयार हो जाती है उसे ही सरोगेट मदर के नाम से जाना जाता है। और एक बात और बताना चाहूंगा कि सरोगेसी दो type कि होती हैं first होती है,

ट्रेडिशनल सरोगेस

इस सरोगेसी में सबसे पहले पिता के spermको एक अन्य महिला के अंडाणुओं के साथ inject किया जाता है, जिसमें जैनेटिक संबंध सिर्फ पिता से होता है।

जेस्टेंशनल सरोगेसी

इसमें माता-पिता के अंडाणु व sperm का मेल test tube विधि से करवा कर उस mixure को सरोगेट मदर की बच्चेदानी में डाल दिया जाता है। इस विधि में बच्चे का जैनेटिक संबंध माता-पिता दोनों से होता हैं।

पवन-पर इन दोनों में से कौनसा सही रहेगा?

अविनाश-second वाला best है तभी वो बच्चा अवनी और तुम्हारा होगा।

तो सारी बात clear हुई आप सब को ?

पवन- हां अब आप process start कर सकते हैं।

अविनाश nurse से कहता हैं सौंदर्य को ले जाने के लिए रूम में और पवन तभी उसे अपना sperm देता है फिर अवनीश उसे ले कर सौंदर्य के पास जाता है वहा अंदर process चल रहा होता है और बाहर पवन tension में होते हैं।

पवन- अवनी काफी देर हो गई सौंदर्य को गए हुए अभी तक तो उसे आ जाना चाहिए था?

अवनी -थोड़ा तो टाइम लगेगा ना तुम इतना चिंता मत करो वो थोड़ी देर में आ जाएगी।

थोड़ी देर बाद सौंदर्य दोनो के पास आती है उसे देख कर पवन( उसे पूछता है)- तुम ठीक हो ना ज्यादा pain तो नहीं हुआ ना?

सौंदर्य -बस थोड़ा सा हुआ था पर मैं बिल्कुल ठीक हूं।

Nurse कुछ paper ले कर आती हैं वो paper agreement के paper होते हैं। उन पेपर को देख कर पवन कहता है,

पवन-  इस agreement कोई जरूरत नही है क्योंकि ये हमारे ही घर की member हैं तो ये formality नहीं करनी हमें।

अवनी -आप please bill के paper le आए क्योंकि agreement हमें नही करना।

सौंदर्य को ये सब सुन कर अच्छा लगता है की दोनो उस पर कितना trust करते हैं और उसे अपने decision पर proud होता हैं।

सारी formalities होने के बाद तीनों घर पहुंचते हैं माया जी और योगेंद्र जी उनका wait कर रहे होते हैं।

माया जी -अवनी बेटा सब सही से हो गया ना?

अवनी हां- मां सब अच्छे से हो गया अब हम सबको मिलकर सौंदर्य का ध्यान रखना होगा.

माया जी-बिल्कुल सही कहा तुमने अवनी मैं आज सौंदर्य का मन पसंद खाना बनाऊंगी बताओं सौंदर्य तुम्हें आज क्या खाने का मन हैं?

सौंदर्य (हस्ते हुऐ ) -अगर आप कुछ प्यार से बनाओगे मैं खा लूंगी अंटी जी।

माया जी - तुम्हारे घर वालों ने तुम्हे बहुत अच्छे संस्कार दिए हैं जीती रहो बेटा भगवान करें तुम्हारी सारी इच्छाएं पूरी हों।

योगेंद्र जी - अरे अभी अभी वो हॉस्पिटल से आई है इससे आराम करने दो आओ बेटा मैं तुम्हे तुम्हारे कमरे तक ले चकता हूं।

सौंदर्य को सब उसके कमरे में लेकर जाते हैं सौंदर्य जब अपने कमरे को देखती है तो उस कमरे में बच्चे की pictures होती हैं, और साथ ही कुछ देवी देवताओं की और कुछ sportsman के photographs भी सौंदर्य कमरे में होते हैं ये देख अवनी को थोड़ा अजीब लगता है वह यह सोचती है,

अवनी – ये सब मेरे साथ होने वाला था पर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था पर कोई बात नहीं बच्चा तो मेरा ही है ना।

फिर अवनी (योगेंद्र और माया जी से कहती है)- अरे वाह मम्मी पापा मुझे तो लगा था उस दिन हॉस्पिटल में आप मजाक कर रहे थे पर आपने तो सच में यहां पर पोस्टर लगा दिए( अवनी ने ये बात हंसते हुए कही।)

योगेंद्र जी -अरे भाई हमें लगा हम दोनों को भी तुम्हें सरप्राइज देना चाहिए इसलिए हमने सौंदर्य का कमरा सजा दिया तो बताओ कैसा लगा हमारा सरप्राइज तुम सबको?

सौंदर्य- सच में अंकल बहुत अच्छे से डेकोरेट किया है मुझे बहुत अच्छा लगा थैंक यू.

योगेंद्र जी - Thank you तो हमें तुम्हें बोलना चाहिए बेटा तुम हमारे लिए इतनी बड़ी चीज करने जा रही हो यह तो उसके आगे कुछ भी नहीं है।

पवन -मैंने कुछ सोचा है सौंदर्य सुबह सुबह मेरे साथ morning walk पर चलेगी ये उस के लिए और हमारे बच्चे के लिए बहुत अच्छा रहेगा।

अवनी -और मैं भी सुबह तुम्हारे साथ चलूंगी ताकि मैं वहां पर सौंदर्य का ख्याल रख सकूं?

माया जी-अरे बेटा सुबह सुबह बहुत काम होते है मेरी मदद कौन करवाएगा तुम एक काम करो पवन और सौंदर्य को जाने दो तुम सुबह मेरे ही साथ रहना घर में बहुत काम है।

पवन-हां अवनी मां सही कह रही है मां की मदद भी तो करनी है ना तो तुम घर ही रहना मैं और सौंदर्य चले जाएंगे और मैं उसका ध्यान रख लूंगा तुम इस बात की चिंता बिल्कुल मत करो।

ये सुन कर अवनी को अच्छा तो नहीं लगता है पर उससे मजबूर हो कर बात माननी पड़ती है।

धीरे-धीरे सब सौंदर्य की तरफ ध्यान देने लगते हैं यहां तक कि पवन भी अवनी पर ध्यान नहीं दे पाता जिससे कि अवनी को जलन महसूस होती है एक दिन पवन सौंदर्य के साथ उसके कमरे में बैठ कर मूवी देख रहा था और दोनों जोर जोर से हंस रहे थे,ये देख कर अवनी पवन पर गुस्सा होती है और उसे कमरे से बाहर आने को कहती है।

अवनी (नाराज़ होकर)-काफी दिनों से मैं देख रही हूं कि तुम सौंदर्य की तरफ कुछ ज्यादा ही ध्यान दे रहे हो और मुझे तो जैसे भूल ही गए हो, जहां जाते हो अकेले जाते हो उसके साथ, अगर मैं चलने को कहती हूं तो मुझे मना कर देते हो,मुझे बच्चा चाहिए पर बच्चे के साथ में तो नहीं खो सकती मुझसे रहा नहीं गया इसलिए मैं तुमसे कह रही हूं उसी care करने के लिए मैं हूं ना है पापा है तुम बस मुझ पर ध्यान दो समझे तुम?

पवन (अवनी को चिड़ता हैं)-अच्छा तो मैडम को जलन हो रही है आप हमसे इसलिए नाराज है कि हम आप पर ध्यान नहीं दे रहे ? ठीक है आपकी नाराजगी हम बिल्कुल दूर कर देते हैं कल तुम और मैं बाहर घूमने जाएंगे तुम्हारे और मेरे अलावा कोई नहीं होगा, और हां मैं तुम्हें कभी भी नजरअंदाज नहीं कर सकता क्योंकि तुम मेरी जिंदगी हो (पवन अवनी को कमर से पकड़ लेता है)।

अवनी-तुम कही भी अपना romance शुरू कर देते हो जगह और वक्त तो देख लिया करो?

पवन-हे भगवान बीवी से दूर रहो तो दिक्कत बीवी के पास जाओ तो दिक्कत, क्या करें भाई मुझे कभी समझ में नहीं आऊंगी तुम?

अवनी-इतनी आसानी से मैं समझ आ जाती तो तुम्हें इतने पापड़ बेलने पड़ते मुझे पाने के लिए, और हां अगर कल तुमने अपना promise पूरा नहीं किया तो फिर तुम मुझे जानते हो ?

पवन-अरे हां बाबा कल पक्का बाहर घूमने जाएंगे कल कोई काम नहीं सिर्फ तुम और मैं।

अगले दिन अवनी और पवन बाहर घूमने के लिए जाते हैं दोनों एक अच्छी सी मूवी देख कर बाहर आते हैं तो पवन अवनी से कहता है,

पवन-देखो अवनी मैं जानता हूं कि तुम्हें मेरा सौंदर्य की करीब जाना पसंद नहीं है,पर तुम एक बात सोचो उस लड़की ने हमारी मदद की है तो हमारा भी फर्ज बनता है कि उसके लिए हम कुछ करें, बस मैं वही कर रहा हूं जो मुझे करना चाहिए तुम जानती हो ना उसने बहुत बड़ा कदम उठाया है हमारे लिए, और तुम अपने दिमाग से ये बात निकाल दो कि मैं तुम्हें कभी भी भूल सकता हूं,कल यह बात मैंने तुम्हें नहीं कहीं क्योंकि सौंदर्य अपने कमरे में थी अगर वह सुन लेती तो उसे बुरा लगता है, इसलिए मैं तुमसे कह रहा हूं, इसलिए मैं तुमसे कह रहा हूं तुम बहुत समझदार हो अवनी थोड़ा समझने की कोशिश करो।

अवनी-मैं बहुत कोशिश करती हूं पर जब मैं तुम्हें किसी और के साथ देखती हूं तो मुझसे रहा नहीं जाता,पर तुम शायद सही कह रहे हो इस बार बात कुछ और है, मैं थोड़ी मतलबी बन गई थी thank you so much कि तुमने मुझे समझाया I love you।

पवन- I love you too sweetheart ‌घर चले.

क्या सौंदर्य पवन अवनी को यह खुशी सच में देगी?