Meri Dusri Mohabbat - 5 books and stories free download online pdf in Hindi

मेरी दूसरी मोहब्बत - 5

Part - 5 Pawan ya anyone?

पवन गार्डन मे बैठ कर planning कर रहा होता है उसके दिमाग मे एक भागने का तरीका आता है और वो घर की तरफ जाता है अवनी के पापा से कहता है.......

पवन – अंकल मुझे मेरे एक दोस्त का फ़ोन आया अभी थोड़े देर पहले वो दिल्ली आया हुआ है तो मुझसे मिलने की ज़िद कर रहा है मे सोच रहा था मे मिल आता अगर आप कहे तो पवन ने हिचकिचाते हुए कहा....

सुरेश जी – बेटा रात हो रही है कल सुबह मिल लेना ???? पवन – अंकल वो क्या है ना सुबह 5 बजे उसकी US की flight है तो इसलिए जाना होगा बहुत खास दोस्त है मेरा!!!!!

सुरेश जी – ठीक है एक guard को अपने साथ ले जाओ

पवन (घबराते हुए) – नहीं नहीं अंकल जी guard क्या करेगा वहा मैं अपनी कार से चला जाऊंगा और 2 घंटे मे वापस आप जाऊंगा आप इतनी चिंता मत कीजिये,,,

पवन का दिल बहुत तेज़ी से धड़क रहा होता है वो सोच रहा होता है की अगर इन्होने मना कर दिया तो मे यहां से नहीं निकल सकता,,,,

सुरेश जी – चलो मिल आओ जब इतना खास दोस्त है तो...पवन अंदर ही अंदर बहुत खुश हो जाता है ख़ुशी से अवनी के पापा को गले लगा लेता है thank you uncle thank you so much ये बोल कर वो बाहर की ओर जाता है बाहर जब वो अपनी कार का gate खोल ही रहा होता है तभी उसे एक आवाज़ सुनाई देती है

पवन कहाँ जा रहे हो???अवनी की माँ पवन को पीछे से आवाज़ देती है

पवन – मेरे एक दोस्त से मिलने जा रहा हूँ। आंटी जी.......

अवनी की माँ -दोस्त से मिलने जा रहे हो या भाग रहे हो???

पवन -क्या??? क्या?? बोल रहे है आप भाग नहीं रहा हूँ दोस्त से मिलने जा रहा हूँ पवन डरते हुए बोलता है,,,,

अवनी की माँ – मुझे सब पता है तुम वो लड़के नहीं हो जिस से अवनी शादी करने वाली थी!!!!!

पवन चौंक जाता है ये सुन कर,,,,,, आपको अवनी ने सब बता दिया???

अवनी की माँ -मुझे अवनी ने कुछ नहीं बताया मैंने तुम दोनों की सारी बाते सुनी थी आज सुबह जब अवनी अपने पापा के कमरे से जब बहार निकल कर तुमसे बात कर रही थी वो सारी बाते मैंने सुनी थी.... बस बेटा मे तुमसे ये बोलना चाहती हूँ कि तुम अवनी से शादी करलो, एक बार उसका दिल टूट चुका है

अब दोबारा हुआ तो वो सेह नहीं पायेगी वो बहत अच्छी लड़की है दिल की बिलकुल साफ है, तुम यहाँ से कही मत जाओ मै तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूँ

पवन -अरे!!! आंटी जी ये क्या कर रही है आप प्लीज ऐसा मत कीजिये पवन उन्हें देख कर भावुक हो जाता है

आंटी जी आप मेरी बात सुनिए अवनी और मे एक दूसरे से प्यार नहीं करते अवनी भी ये शादी नहीं करना चाहती,,,,,

मैं जानता हूँ अवनी बहुत अच्छी लड़की है पर जिस लड़के से वो प्यार करती है वो मैं नहीं हूँ

पवन उन्हें बहुत समझाता है पर अवनी की माँ पवन की एक नहीं सुनती उल्टा पवन को ही समझाने लग जाती है, देखो बेटा प्यार तो शादी के बाद भी हो जाएगा एक बार शादी तो हो जाने दो,,,, चलो ठीक है माना की अवनी किसी और से प्यार करती है पर वो लड़का तो अब उसके साथ नहीं है तुम हो उसके साथ अगर चाहो तो शादी से पहले उसके दिल मे अपने लिए जगा बना सकते हो??

पवन सोचने लगता है की ये मेरी बात नहीं समझने वाली अगर मैंने ज्यादा कुछ बोला तो कही ये अंदर जाके सच ना बता दे कि मे भागने वाला था अभी मे इनकी बात मान लेता हूँ बाद मे कुछ सोचूंगा,,,,,

अवनि की माँ- क्या हुआ बेटा कुछ तो बोलो कहाँ खो गए??

पवन – ठीक है मै आपकी बात मान लेता हूँ मै कोशिश करूंगा कि अवनी के दिल मे अपने लिए जगा बना सकूँ,,,

माँ - ये हुई ना बात मे भी इस मे तुम्हारे मदद करूंगी पर तुम अवनी से कुछ मत कहना कि मुझे सब पता चल गया है

पवन – जी ठीक है कुछ नहीं कहूंगा!!!अवनी कि माँ वहा से चली जाती है पवन घर मे वापस जाता है,,,,,,

सुरेश जी -क्या बात है पवन बेटा बड़ी जल्दी वापस आ गए???

पवन – जी वो मेरे दोस्त को कुछ काम आ गया तो वो वहां चला गया,,,,

ये कहे कर पवन अपने कमरे मे चला जाता है उसी रात सुरेश जी और उनकी पत्नी आपस में बातचीत कर रहे होते हैं

सुरेश जी- वैसे लड़के की नाक बहुत अच्छी है दिखने में भी अच्छा है और कार भी है तो अच्छा खासा कमा भी लेता होगा और अगर राइटिंग में कुछ ना हो सका तो मेरा इतना बड़ा बिजनेस है रुपेश के साथ मिलकर संभाल लेगा । अवनी को लेकर मेरी सारी परेशानी दूर हो गई है उसे अच्छा जीवन साथी मिल गया है और हमें एक अच्छा दामाद तुम क्या कहती हो सुरेखा? सुरेखा!!!सुरेखा!!! सुरेश जी सुरेखा कि तरफ देखते हैं पर वह सो जाती हैं

अरे!!!!

भागवान सो गई तब से खुद से ही बातें कर रहा था मैं यह कह कर सुरेश जी सो जाते हैं वही पवन अपने कमर में परेशान होकर घूम रहा होता है

पवन -क्या यार हर बार एक नई मुसीबत आ जाती है पहले बेटी ने फ़साया और अब मां शुरू हो गई अब उन्हें बोल तो दिया कि अवनी के दिल में अपने लिए जगह बनाने के लिए पर मैं ऐसा नहीं कर सकता और वैसे भी वह मेरे टाइप कि नहीं है बहुत चिड़चिड़ी और हमेशा सीरियस रहने वाली लड़की l तभी पवन को कुछ सूझता है,,,

उसकी मां ने मुझे अवनी के दिल में जगह बनाने को कहा है ना तो ठीक है जगह बनाते हैं पर वह जगह प्यार की नहीं नफरत की होगी अवनी के दिल में मैं अपने लिए नफरत पैदा कर दूंगा जिससे कि वह खुद ही मुझे यहां से जाने को बोल देगी और फिर मैं यहां से निकल जाऊंगा पवन यह सोचकर मन ही मन खुश होता है तभी पवन को कोई बुलाने आता है, नीचे सब खाना खाने के लिए आपका इंतजार कर रहे हैं पवन नीचे जाता है और सब के साथ जाकर खाने की टेबल पर बैठ जाता है सब खाना खा रहे होते हैं तभी बीच में अवनी के चाचा बोल पड़ते हैं भाई साहब आपने पंडित जी से मुहूर्त निकलवाया???

सुरेश जी- हां पंडित जी कह रहे थे कि इस महीने की 25 से 30 तारीख के बीच में बहुत अच्छे मुहूर्त है.....

अवनी के चाचा- यह तो बहुत अच्छी बात है तो एक कोई तारीख हम पकी कर लेते हैं क्यों अवनी बेटा?

अवनी और पवन यह सुनकर दोनों ही बहुत घबरा जाते हैं अवनी को लगता है कि अब मुझे पापा से जल्दी ही बात कर लेनी चाहिए नहीं तो बहुत देर हो जाएगी,,,,,

अवनी फैसला कर लेती है अवनी के मन मे एक बात और चल रही होती है कि पवन उससे कुछ तो छुपा रहा था!!!!! अवनी पवन से बात करने का मौका ढूंढती है पर ज्यादा रात होने की वजह से बात नहीं कर पाती......

अगली सुबह अवनी पवन से बात करने उसके पास जाती है पवन रुपेश के साथ बगीचे में टहल रहा होता है

अवनी- पवन?

पवन -हां

अवनी???? अवनी रुपेश से कहती है तुम्हे मां बुला रही है जाओ ज़रा देखो क्या काम है उन्हें,,, रूपेश वहां से चला जाता है

पवन -इतनी सुबह क्या हुआ जो तुम यहाँ चली आई कुछ गड़बड़ तो नहीं कि तुमने???

अवनी -अरे नहीं बाबा मुझे कल रात से एक बात बहुत परेशान कर रही है

पवन -कौन सी बात???

अवनी – तुमने अपने घर वालों के बारे में कुछ नहीं बताया और तुमने जो पापा को बताया था पता नहीं वो मुझे सच नहीं लग रहा और जिस तरह से कुश्ती कि उसे देख कर लग रहा है कि तुम उस में माहिर हो तो बताओ क्या छुपा रहे हो तुम??

पवन -मैंने तुमसे कुछ नहीं छुपाया जो उस दिन सबके सामने बोला वही सच है और कॉलेज के दिनों में एक दो बार कुश्ती कि थी बस वही दिमाग में थी,,,,,

पवन घबराकर हिचकिचाते हुए जवाब देता है

अवनी -अच्छा इतना पसीना क्यों आ गया तुम्हारे चेहरे पर ऐसा लग रहा है जैसे मैंने कोई तुम्हारी चोरी पकड़ ली!!!!

पवन -चेहरे का पसीना??? अरे!!यहां गर्मी बहुत है ना इसलिए,,

अच्छा तुम्हें पीने की आदत तो नहीं है ना? या प्यार में दिल टूटने की वजह से दिमाग पर असर आ गया है जो सुबह सुबह बहकी बहकी बातें बोले जा रही हो,,,मैंने कहा ना जो बताया था वही सच है तुम्हें माना है तो मानो पर मेरा सर मत खाओ पहले ही तुमने मुझे बहुत बड़ी मुसीबत में फंसा रखा है!अब मैं जा रहा हूं मुझे नहाना है बाय!!! ये बोल कर पवन चला जाता है और अपने कमरे में जाकर गेट को बंद कर लेता है उसे घबराहट होने लगती है वो एक जगह बैठ जाता है और एक गहरी सोच में डूब जाता है

क्या सच में पवन का कोई राज़ है जिसे वो छुपा रहा है या अवनी का सिर्फ एक वहम है????

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