मेरी दूसरी मोहब्बत - 50 Author Pawan Singh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 50

Part 50: Bye Bye Anuj

अनुज अवनी को मारने ही वाला होता है तभी वहां पर पुलिस आ जाती है और पुलिस के साथ पवन के पापा होते हैं पवन के पापा अनुज को पकड़कर उसे दो चांटे लगाते हैं,

पवन के पापा- तूने सोचा भी कैसे कि तू अवनी को नुकसान पहुंचा पाएगा? तू ने क्या सोचा कि तू हम सबको बेवकूफ बनाकर अपने मकसद में कामयाब हो जाएगा? पर इतना आसान नहीं है,

मुझे तुझ पर शक हो गया था तेरी हरकतों की वजह से तेरे बात करने के तरीके से तेरे छोटी-छोटी चीजें में नोटिस करता था,

तुझे याद है जब तू कमरे में शर्ट बदल रहा था और मैं तुझसे मिलने के लिए तेरे कमरे में आया था,तब मैंने देखा तेरी कमर पर birth निशान नहीं है जो पवन की कमर पर था और जो अवनी ने निशान देखा था वो तेरा बनाया हुआ था,

तब उसे देख कर मुझे यकीन हो चुका था कि तू मेरा बेटा नहीं है,अगर वह निशान में देखता भी नहीं ना तो फिर भी मुझे पता नहीं क्यों मेरे बेटे वाली बात तेरे अंदर नहीं लग रही थी,मुझे तेरे साथ अलग सा महसूस होता था जैसे कोई अनजाना सा हो जो मेरे घर पर रह रहा है मेरे बेटे की शक्ल का फायदा उठाकर,

इसलिए मैंने तुझ पर तब से नजर रखना शुरू कर दिया पर यह तो अच्छा हुआ कि अवनी को भी तुझ पर शक हो गया, और तू इतना बेवकूफ निकलेगा मुझे पता नहीं था, तूने ही मुझे मौका दिया ताकि मैं तेरा पीछा कर सकूं, तुझे याद हैं जब तो बीच रास्ते में बहाना बनाकर उतर गया था,

तुझे क्या लगा मैंने तेरी बात पर यकीन कर लिया था और तुझे आसानी से जाने दिया, पर हकीकत तो यह है, कि जब तू कार से उतारकर गया था तब मैंने तेरा पीछा किया और पीछा करते-करते मुझे उस जगह के बारे में पता लगा जहां तूने मेरे बेटे को छुपा कर रखा था,

पर मुझे वहां पता चला कि मेरा बेटा वहां से गायब हो चुका है फिर मैंने police की मदद ली और तेरे मां बाप से जब पूछताछ की तब उन्होंने बताया की तू अवनी के पीछे गाया हैं, बस तुझे एक गलती हो गई की तूने अपनी मां को इस flat का पता बता दिया और फिर मुझे यहां का पता चला और तेरे मां-बाप को मैंने पुलिस के हवाले कर दिया अब तेरी बारी है

Inspector ले जाइए इसे नहीं तो मैं इसे जान से मार दूंगा,

पुलिस अनुज को वहाँ से ले जाती है,

अवनी- thank god अंकल जी आप सही समय पर आ गए नहीं तो पता नहीं आज यह इंसान किस हद तक जाता, पर मुझे एक बात बताइए आपको जब सब कुछ सच पता चल गया तो आपने मुझसे कुछ कहा क्यों नहीं ?आपको यह भी पता चल गया था कि मुझे सच पता है तब भी आप चुप रहे क्यों?

पवन के पापा- बेटा तुम अपने तरीके से काम कर रही थी और मैं अपने तरीके से क्योंकि मुझे पता था कि वो तुम्हें नुकसान जरूर पहुंचाएगा, और जब तुमने मेरे बेटे को वहां से निकाला उसकी जान बचाई इसलिए मुझे तुम्हारा ख्याल रखाना था ताकि वह तुम्हें कुछ ना कर सके,

अब तीनों जेल में अपनी पूरी जिंदगी निकालेंगे तब उन्हें पता चलेगा गलत काम का नतीजा कितना बुरा होता है,

वह पवन की तरफ जाते हैं- मेरे बेटे के जैसा कोई नहीं बन सकता मेरा बेटा सबसे अलग है,मेरे बेटे की शक्ल तो मिली उसे पर वो पवन के जैसे बन ना सका, क्योंकि उसके अंदर पवन जितनी अच्छाई और ईमानदारी नहीं थी इसीलिए वह अपने जाल में खुद ही फंस गया.

अवनी- सही कहा अंकल आपने मैं बहुत lucky हूं कि मुझे पवन जैसा जीवनसाथी मिलने जा रहा है, पर क्या आपने इसके बारे में आंटी जी से कुछ कहा?

पवन के पापा- नहीं मैंने पवन की मां से इस बारे में कुछ नहीं कहा पवन को घर लेकर जाएंगे तो उन्हें सारा सच बता देंगे,

तभी वो देखते हैं की पवन की उंगलियां हिलने लगती है वह धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलता है,

पवन के पापा और अवनी जब यह देखते हैं तो उन्हें विश्वास नहीं होता,

पवन के पापा- बेटा धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलो देखो पापा तुम्हारे ही पास है सब कुछ ठीक है

पवन- पापा आप कैसे हैं( पवन बहुत धीमी आवाज में उनसे पूछता है?)

पवन के पापा- यह बात तो मुझे तुमसे पूछनी चाहिए बेटा अब तुम कैसा महसूस कर रहे हो??

और मैं तुम्हें देखकर अब बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं.

पवन- अब मैं ठीक हूं, वंशिका कहां है पापा दिखाई नहीं दे रही और मां भी कहीं नजर नहीं आ रही और यह घर तो हमारा नहीं है यह कौन सी जगह है पापा??

वंशिका का नाम सुनते ही पवन के पापा और अवनी एक दूसरे को देखते हैं

अवनी- पवन यह वंशिका कौन हैं??

( अवनी पवन से बहुत नरमी के साथ पूछती हैं),

पवन- पहले तुम बताओ कि तुम कौन हो ??

और तुम मुझे कैसे जानती हो पापा यह लड़की कौन है और उसे मेरा नाम कैसे पता है तुम क्या मेरी कोई दोस्त हो अगर हो तो मुझे बिल्कुल भी याद नहीं??

अवनी जब यह सुनती है तो उसे लगता है कि पवन उससे कोई मजाक कर रहा है,

अवनी- पवन तुम्हें इस वक्त भी मजाक करना हैं यार तुम ने हद कर दी है, कसम से बस बहुत हो गया मेरा बिल्कुल मूड नहीं है इस वक्त कोई मजाक सुनने का तुम्हारा समझे तुम?

पवन- excuse me,मैं कोई मजाक नहीं कर रहा मैं सच बोल रहा हूं सच में मुझे तुम याद नहीं हो मैं तुम्हें नहीं जानता पाप आप इसे बताते क्यों नहीं हो?

पवन के पापा-बेटा तुम ये क्या बोल रहे हो??

ये अवनी है जिससे तुम प्यार करते हो, आज अगर ये नही होती तो पता नहीं तुम्हारे साथ क्या होता ??

वह पवन को सब कुछ बताते है की कैसे उसके हमशक्ल ने उसकी जगह लेने की कोशिश की और अवनी ने उसकी कैसे जान बचाई.

पवन- मैं अवनी को इन सब चीज़ों के लिए thank you बोलता हूं,पर मैं वंशिका से प्यार करता हूं मैं तो अवनी को जानता भी नहीं तो फिर प्यार की तो बात ही नहीं है.

पवन के पापा- मेरी बात सुनो बेटा तुम देखो अवनी वो लड़की है जिससे तुम प्यार करते थे और तुम दोनो की जल्दी ही शादी होने वाली थीं पर तभी तुम्हारा एक्सीडेंट हों गया.

पवन-क्या शादी?? ये आप क्या बोल रहे है मुझे कुछ भी याद नहीं,और मैं बस इतना जानता हूं की मैं वंशिका से प्यार करता हूं.

ये सब सुन कर अवनी को बहुत बुरा लगता हैवह रोते हुए बाहर की तरफ जाती है ये देख कर पवन के पापा उसे समझाने जाते हैं।

पवन के पापा- बेटा मुझे लग रहा है कि पवन को तुम याद नहीं हो उसे सिर्फ अपने मां-बाप और पिछले साल की बातें याद हैं जिसमें वह लड़की वंशिका हुआ करती थी तब तुम पवन से नहीं मिली थी इसलिए उसे वंशिका याद है तुम नहीं, पर बेटा तुम बिल्कुल घबराओ मत पवन को धीरे-धीरे सब याद आ जाएगा।

अवनी (रोते हुए)- यह क्या कह रहे हैं अंकल आप ऐसा कैसे हो सकता है आप दोनों उसे याद हो पर मैं याद नहीं हूं उसे पीछे की सारी बातें याद है पर मैं याद नहीं ऐसा नहीं हो सकता वो जरूर नाटक कर रहा है मुझे पता है उसकी आदत है मुझे छेड़ने की.

पवन के पापा- नहीं बेटा वो नाटक नहीं कर रहा हैं सच बोल रहा हैं कभी-कभी ऐसा होता है कि कुछ बातें हमें याद होती है और कुछ बातें हम भूल जाते हैं शायद ये सब accident कि वजह से हुआ है, बाकी मैं डॉक्टर को घर बुलाता हूं और फिर पता चलेगा कि आखिर हुआ क्या पवन को,अभी पवन को घर लेकर चलते हैं पर तुम एक काम करना पवन के साथ ज्यादा से ज्यादा टाइम बिताना ताकि पवन को तुम्हें याद करने में आसानी हो ठीक है बेटा,

अवनी- अंकल मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं सब सही होने वाला होता है एंड मौके पर आकर सारी चीजें खराब हो जाती है पहले शादी होने वाली थी तो पवन का एक्सीडेंट हो गया फिर कोई पवन बनकर आ गया और अब जब पवन मिल गया तो अब उसे कुछ याद नहीं है हर बार मेरे साथ ऐसा क्यों होता है,मुझे ही क्यों हर बार परीक्षा देनी पड़ती है, क्या अपने प्यार को पाना क्या इतना मुश्किल होता है? मुझसे अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा हैं.

पवन के पापा- बेटा ऐसे रोने से काम नहीं चलेगा हिम्मत रखो,क्या तुम पवन को ऐसी हालत में छोड़ कर चली जाओगी और किसी और लड़की का होने दोगी??

उसे कुछ याद दिलाने की कोशिश भी नहीं करोगी,??ऐसी तो नहीं थी मेरी अवनी जो मुसीबत को देखकर भागने की कोशिश कर रही है ??

यह सुनकर अवनी में थोड़ी हिम्मत आती है और वह उनसे कहती है,

अवनी- नहीं अंकल जी बिल्कुल नहीं मैं पवन को किसी और का नहीं होने दे सकती मैं उसे सब कुछ याद दिलाऊंगी,आप सही कह रहे हैं मुझे हिम्मत रखनी है अब आप चलिए हम पवन को घर लेकर चलते हैं फिर सोचते हैं कैसे क्या करना है आगे.

पवन के पापा और अवनी पवन घर लेकर जाते हैं।

क्या पवन अवनी को अब हमेशा के लिए भूल जाएगा?