मेरी दूसरी मोहब्बत - 49 Author Pawan Singh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 49

Part 49: Memory Test

अवनी को लगता है कि वह अपनी कोशिश में कामयाब हो रही है पर अनुज अपना दिमाग लगाकर( अवनी से कहता है)

अनुज -अरे हां बाबा पूरी बात तो सुन लो तुमने मेरे लिए blue color की shirt पसंद की, और कुछ ही देर पहले तुमने ही तो बोला था कि जो तुम मेरे लिए पसंद करोगी मैं वही पहनूँगा, और मैंने कहा कि यह मुझ पर अच्छी लगेगी, क्योंकि तुमने मेरे लिए पसंद की है, और अब से मेरा favorite कलर Blue भी है क्योंकि यह कलर तुमने मेरे लिए पसंद किया है, तुम्हारी पसंद को मैं नकार कैसे सकता हूं.

अनुज ने बहुत होशियारी से अवनी की कोशिश को मात दे दी।

जब यह बात घर वाले सुनते हैं तो( पवन के पापा बोलते हैं)- क्या बात है अभी से अवनी की कितनी बात मान रहा है तो आगे क्या होगा ?चलो अच्छी बात है दोनों की जोड़ी ऐसे ही सलामत रहे हम तो चाहते हैं कि बस दोनों ऐसे ही खुश रहे.

अवनी को यह सब सुनकर अनुज पर बहुत गुस्सा आता है क्योंकि उसने उसकी कोशिश को नाकाम कर दिया था,

Shopping के बाद सब घर की ओर निकल जाते हैं,

अनुज (खुद से बात करते हुए)-आज इस लड़की ने तो अपुन को मरवा ही दिया था, पर अपुन भी कच्चा खिलाड़ी नहीं है, अपुन ने इसको इसके खेल में ही माता दे दी,

पर अपुन को अब शक है कि अवनी को अपुन पर शक हो चुका है इसलिए वह बार-बार कोशिश कर रही थी कि अपुन से कुछ गलती हो जाए, अपने को अब सतर्क रहना होगा नहीं तो बहुत बड़ा लोचा हो जाएगा।

(फिर अनुज को कुछ याद आता हैं)

अनुज-ओह तेरी!! कल अपुन जब उस छोकरे के पास जा रहा था उस वक्त अपुन का कोई पीछा कर रेला था पर अपुन ने ध्यान इच नहीं दिया, अपुन को अब कुछ गड़बड़ लग रेली हैं,अपुन को उस छोकरे के पास जाना होगा ये देखने की वहा सब ठीक हैं की नहीं?

अनुज अपना फोन निकाल कर झूठ मुठ फोन पर बात करता है।

अनुज- अरे!!हां मुझे तो याद ही नहीं था कि मुझे तुझसे आज मिलना है मैं तो भूल ही गया, actually मैं फैमिली के साथ shopping करने गया था शादी की तैयारियां हो रही है, इसी सिलसिले से बाहर आया हुआ था, मैं तो बिल्कुल भूल गया कि मुझे तुझसे मिलना था यार I’m sorry मुझे माफ कर दे मैं बस थोड़ी देर में तुझसे मिलने आता हूं ठीक है ओके बाय.

पवन के पापा- किसका फोन था बेटा किस से मिलने जा रहे हो?

अनुज- पापा कल एक दोस्त को मैंने promise किया था उससे मिलने जाऊंगा उसको मैंने अपने बारे में बताया था ना, हां अवनी भी तो मेरे साथ थी उस दिन जब उसका फोन आया था तो मैंने उससे कहा था कि मैं तुझसे मिलने आऊंगा,पर मैं भूल गया बस मुझे सुना रहा था तू भूल गया है तू ये हैं वो ‌है,मुझे उसे मिलने जाना पड़ेगा नहीं तो वह मुझसे नाराज हो जाएगा

पवन के पापा – ठीक है बेटा हम सब घर चले जाते हैं तुम बाद में आ जाना घर,

अनुज को वहा से निकलने का मौका मिल जाता है वह सीधा पवन को देखने के लिए निकल जाता है पर जब वो घर पहुंचता है तो पवन वहा नहीं होता,

अनुज अपनी मां को(गुस्से से कहता हैं)- अपुन ने आप दोनों को एक जिम्मेदारी सौंपी थी पर आप दोनों ने सब गड़बड़ कर दी, अपुन अब कहां ढूंढेगा उसे वो एडी के गई उसे अपने साथ, अपुन सही सोच रहा था उस शानी को अपुन और शक था, पर वो घर में घुसी कैसे? आप दोनों कहां थे,?

अनुज की मां- बेटा मैं और तेरे बाबा थोड़ी देर के लिए बाहर गए थे कुछ काम से जब वापस आए तो देखा पवन यहाँ नहीं हैं, हमसे बहुत बड़ी गलती हो गई माफ कर दो बेटा हमें नहीं पता था कि ऐसा हो जाएगा,

अब हम क्या करेंगे अगर किसी को पता चल गया तो हमारी पूरी जिंदगी जेल में बीतेगी,

कहीं उसके पापा को तो पता नहीं चल गया??कहीं वो तो पवन को अपने साथ नहीं ले गए?

मुझे बहुत डर लग रहा है बेटा मैं अपनी बाकी की जिंदगी जेल में नहीं बीता सकती जेल की जिंदगी बहुत खराब होती है, तू कुछ कर बेटा जल्दी कुछ कर बचा ले हम सबको..

अनुज- अरे आई चुप हो जा गलती कर के अब यहां पर रोना-धोना मचा रखा है,उसके पापा नहीं हो सकते क्योंकि उसके पापा को तो पूरा यकीन है कि अपुन ही पवन हैं,

लेकिन अवनी पवन को कहाँ लेकर गई है उसके घर वो उसे लेकर गई नहीं और ना ही अपने घर ले कर गई हैं,

फिर वो उसे लेकर कहां गई है?? उसने उसे कहीं और छुपा के रखा है इसका मतलब वह अभी सच सबको बताना नहीं चाहती,

उल्टा अपुन से चाह रही थी कि अपुन कुछ ऐसा करे जिससे घरवालों को शक हो,

बहुत चालाक निकली ये लड़की अब अपुन उसे बताएगा कि चालाकी क्या होती है, अपुन से पंगा लिया है ना तो अब उसे पता चलेगा पंगा लेने का नतीजा क्या होता है,पर इससे पहले अपुन यह पता लगाएगा कि उसने पवन को कहां छुपा कर रखा है।

अब आप दोनों ऐसे हाथ पर हाथ धरकर बैठोगे तो पवन मिलने नहीं वाला, अब अपुन को ही कुछ करना होगा आप से तो मुझे उम्मीद ही नहीं करनी चाहिए थी.

वो अवनी के घर जाता है और वहां जाकर देखता है की अवनी कहीं जा रही होती है,

अवनी (अनुज से)- क्या बात है? आज तुम मेरे घर के चक्कर लगा रही हो,

अनुज- आज थोड़ी देर पहले ही तो तुम ने मुझे बोला था कि तुम मुझसे मिलने की कोशिश करती रहती हों, तो मैंने सोचा कि मैं भी थोड़ी कोशिश शुरू कर दूँ,

(अनुज अवनी का हाथ पकड़ कर कहता है)-तुम वैसे जा कहा रही हो??

अवनी- मेरे दोस्त का बर्थडे है आज तो बस उसी का celebration है,sorry आज मैं तुम्हें टाइम नहीं दे पाऊंगी पवन,पर मैं वादा करती हूं इसके बाद बहुत जल्द हम मिलेंगे, मैं चलती हूं अपना ध्यान रखना बाय।

अनुज समझ जाता है कि वे जरूर पवन से मिलने जा रही है वह उसका पीछा करता है, वह देखता है कि अवनी एक apartment के आगे रूकती है और उस अपार्टमेंट में चली जाती है अनुज उस के पीछे पीछे जाता है वह 110 room number में चली जाती है और गेट बंद कर लेती हैं,

अनुज- अच्छा तो इसने यहां छुपा कर रखा है पवन को, अपुन से होशियारी करने चली थी, अभी इसको सबक सिखाता हूं

अनुज गेट खटखटा हैं,

अवनी- इस वक्त कौन आया होगा?? अविनाश तो अभी थोड़ी देर पहले ही गया था, अरे अच्छा हां nurse आई होगी,

अवनी जाकर गेट खोल देती है और सामने अनुज को देखकर हक्की बक्की रह जाती है।

अवनी (घबराकर)-पवन तुम यहां क्या कर रहे हो???

अनुज अवनी को अंदर की तरफ (धक्का देता हुए कहता हैं)- बंद करो अपना ड्रामा, तुम्हें सब कुछ पता चल गया हैं की अपुन कौन हैं?

बड़ी चालाक निकली तू बहुत कोशिश की तुने मेरी सच्चाई सबके सामने लाने की पर तू कामयाब नहीं हो पाई,

पर तू अपने आशिक को वहां से जाकर ले ही आई, प्यार हो तो ऐसा जीयेंगे भी साथ और ‌मरेंगे भी साथ वाला प्यार.

अवनी (गुस्से में)-देखो पवन को हाथ भी मत लगाना तुम, नहीं तो तुम जानते नहीं कि तुम्हारा बाद में क्या हाल होगा, मैं तुम्हें नहीं छोडूंगी तुम्हें क्या लगा था? तुम अपने मकसद में कामयाब हो जाओगे सब को धोखा देकर पर इतना आसान नहीं था मेरी आंखों से बचना,

वैसे तुमने exam की तैयारी अच्छे से नहीं की अगर अच्छे से की होती तो मुझे शक नहीं होता तुम्हारे ऊपर, तुमने पवन के जैसे बनने की कोशिश पर उसमें तुम ठीक से कामयाब नहीं हो पाए तुम्हें यह नहीं पता चल पाया कि पवन को कविताये इतनी पसंद हैं,

पर जब तुमने मुझे कविताएं सुनाने के बजाय बहाने लगाने लगे तभी मुझे तुम पर शक हो गया था और मैंने तुम्हारा पीछा किया और तुम्हारे मां बाप भी मिले हुए हैं ना सब जानती हूँ अब मैं सब कुछ सब को सच-सच बता दूंगी.

अनुज- चल माना कि तूने अपुन की चोरी पकड़ ली पर तू तब सब को सब कुछ बता पाएगी ना जब जिंदा बच पाएगी,

तुझे क्या लगता है अपुन तुझे यूं ही छोड़ दूंगा ताकि तू अपुन की सच्चाई सबको बता दे अपुन तुझे अभी मार देगा और इसे भी, और फिर पवन का सब कुछ अपुन का पैसा,पावर सब कुछ अपुन का होगा, अपुन का प्लान तू खराब नहीं कर सकती अपुन तुझे अपने प्लान में रुकावट बनने नहीं देगा।

अवनी- तुम्हें क्या लगता है तुम हमें मार कर बच जाओगे किसी को पता नहीं चलेगा ?पवन के पापा को जानते नहीं हो तुम अगर उन्हें थोड़ा सा भी शक हुआ ना तुम्हारी ऐसी हालत करेंगे की दुबारा जन्म लेने से भी डरोगे,

अनुज- अपुन का बाद में क्या होगा वो अपुन देख लेगा पर अभी जो अपुन को करने का है ना वह तू देख अपुन तेरे साथ क्या करता है, और इस तेरे आशिक के साथ भी।

अनुज अवनी को मारने के लिए कुछ ढूंढता है उसे वहां एक लोहे की rod दिखती है वह उसे उठाकर अवनी को मारने के लिए बढ़ता है।

क्या अनुज अवनी को मारने में कामयाब होगा??