मेरी दूसरी मोहब्बत - 29 Author Pawan Singh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 29

Part - 29 Dusri Mohabbat

अवनी एयरपोर्ट के लिए निकल जाती है पर बीच रास्ते मैं उसकी cab खराब हो जाती है ।

(अवनी cab वाले से पूछती है )

कितना टाइम लगेगा ठीक होने मेरी filght है आधे घंटे मे प्लीज़ आप थोड़ा जल्दी कीजिए ना??

Cab wala – हां मैं कर रहा हूं मैडम!! वो पूरी कोशिश करता है पर उसकी cab ठीक नही होती ।

अवनी वहाँ एक और कैब करती है और वहां से निकल जाती है जब एयरपोर्ट पहुंचती है तो उसकी flight miss हो जाती है ।

अवनी- क्या यार क़िस्मत ही खराब है अब क्या करू??

सब कुछ उल्टा हो रहा है मेरे साथ।

(वो उदास हो जाती है और वहां bench पर बैठ जाती है )

पवन भी मुझे अकेला छोड़ कर चला गया पर गलती भी तो मेरी थी, मैने आलोक के सामने उसकी insult की मैने ऐसा ना किया होता तो आज पवन मेरे साथ होता, हम साथ मे घर जाते पर मैने सब खराब कर दिया, उस आलोक के चाकर में वो मेरे लिए यहां आया था और मैंने उसके साथ कितना गलत किया।

यह सब सोचते वक्त अवनी की आंखो में आंसू होते है वो बिल्कुल टूट जाती है।

साइड में बैठे एक आदमी की आवाज आती है क्या हुआ तुम्हारी भी फ्लाइट मिस हो गई??

अवनी पीछे मुड़ कर देती है तो वह इंसान और कोई नहीं पवन होता है।

अवनी पवन को देखकर बहुत खुश हो जाती है, उसे गले लगा लेती है, उसे पूछती है मुझे लगा था तुम चले गए हो?? और तुम बैठ कर तब से मेरी सारी बातें सुन रहे थे है ना???

पवन-हां सुन तो रहा था और सुनने का मन था, पर तुम्हें दुखी नहीं देख सकता था इसलिए मुझे बीच में बोलना पड़ा, हां मैं जाने वाला था पर पता नहीं कैसे मूड चेंज हो गया और मेरी भी फ्लाइट मिस हो गई और जब मैंने तुम्हें आते हुए देखा जैसे तुम मुझे देख कर खुश हुई उससे कहीं ज्यादा मुझे तुम्हें देख कर खुशी हुई।

अवनी -तुम ऐसे कैसे चले आए कम से कम मुझे एक बार कहा तो होता, मैं जानती हूं मैंने तुम्हारी इंसल्ट की उसके इसलिए मैं तुमसे माफी मांगती हूं,पर ऐसे कोई जाता है क्या बिना बताए तुम्हें पता है मुझे कितनी चिंता हो रही थी तुम्हारी??

पवन- मैं क्या करूं तुम ने काम ही ऐसा किया था कि मुझे गुस्सा आ गया तुमने आलोक के सामने मेरा इंसल्ट किया तो यह चीज मुझे बर्दाश्त नहीं हुई,और मैं वहां से निकल गया,

पर मैंने सोचा कि मैं तुम्हें ऐसे अकेला छोड़कर सही कर रहा हूं कि नहीं शायद इसी चक्कर में जानबूझकर मैंने अपनी फ्लाइट मिस कर दी,पर मुझे नहीं पता था कि तुम मुझे यहां मिल जाओगी अच्छा हुआ कि मैंने अपनी फ्लाइट मिस हो गई है, नहीं तो तुम मुझे कैसे मिलती??

(अवनी यह सुन कर मुस्कुरा देती है)

अवनी -मुझे पता चल चुका है कि मैं आलोक के साथ होकर भी खुश क्यों ‌नहीं थी, मैं जो चाहती थी वह सब कुछ मुझे मिल रहा था पर फिर भी मैं खुश नहीं थी उसका कारण मुझे पता चल चुका है और वो मैं तुम्हें बताना चाहती हूं??

पवन-अच्छा तो मुझे बताओ जरा कि वह क्या कारण था जिसकी वजह से तुम आलोक के साथ कुछ नहीं थी??

अवनी – वो‌ कारण तुम थे, जब भी मैं आलोक के साथ होती मुझे तुम याद आते थे, मेरा उस के साथ मन ही नहीं लगता था हर वक्त यही सोचती थी कि काश पवन मेरे साथ होता।

(फिर अवनी वहां सबके सामने अपने प्यार का इज़हार पवन से कर देती है।)

यह सब सुनकर पवन को अपने कानों पर विश्वास नहीं होता। वो भी अवनी से अपने दिल की बात कह देता है और उसे गले लगा लेता है । दोनों एक दूसरे को ऐसे ही जकड़ कर कही खो जाते हैं।

तभी वहां आलोक आ जाता है वो अवनी का हाथ पकड़ कर उसे अपने साथ चलने को कहते हैं पर अवनी उसके साथ जाने से मना कर देती है।

(वो गुस्से से आलोक से बोलती है)- अब मैं तुम्हारी जिंदगी में नहीं आ सकती इस बात को तुम ‌एक्सेप्ट कर लो हमारे बीच सब कुछ खत्म हो चुका है,

जब मुझे तुम्हारी सबसे ज्यादा जरूरत थी तब तुम मेरे साथ नहीं थे तब पवन मेरे साथ था उसने मुझे सुसाइड करने से रोका मेरे घर वालों के सामने मेरी इज्जत बनाए रखी, यह हर वक्त मेरे साथ था।

मेरे हर बुरे वक्त में खुशी में, पर तुम कहीं नहीं थें,तुम अपनी जिंदगी में अपने सपनों में खोए हुए थे और अब तुम्हें प्यार का एहसास हुआ है,

यह प्यार नहीं है यह सिर्फ तुम्हारी ज़िद है मुझे पाने की और मैं किसी की ज़िद पूरी करने के लिए नहीं हूं मैं पवन से प्यार करती हूं और उसके साथ वापस जा रही हूं हो सके तो मुझे भूल जाना ।

आलोक अवनी की बात नहीं सुनता वो जबरदस्ती अवनी को अपने साथ ले जाने की कोशिश करता है तब पवन अवनी का हाथ छुड़ाकर आलोक को एक घुसा मारता है

और वह जमीन पर गिर जाता है पवन आलोक से गुस्से में बोलता है जब अवनी ने मना कर दिया उसे तुम्हारे साथ नहीं जाना तो तुम्हें सुन लेना चाहिए और यहां से चुपचाप चले जाना चाहिए नहीं तो अभी एक घुसा मारा है,

अगर मेरी बात नहीं मानी तो मार मार के तुम्हारे हड्डी पसली तोड़ दूंगा।

आलोक गुस्से में अवनी से बोलता है-तुम मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकती मुझे छोड़कर जा रही हो, तुम मुझसे प्यार करती हो मैं जानता हूं, देखो मेरे पास सब कुछ है जैसे हमने सपने देखे थे वो सब कुछ है अब मेरे पास उन सपनों को पूरा करने के लिए थे,

अब ऐसे बीच रास्ते में छोड़ कर मत जाओ वो भी इस दो कौड़ी राइटर के लिए।

मेरे सारे सपने तुमने बहुत पहले ही तोड़ दिए थे और खबरदार अगर पवन के बारे में कुछ भी बोला तो वरना मुझसे बुरा और कोई नहीं होगा मैंने तुम्हें मना कर दिया है कि मैं तुम्हारे साथ नहीं जाऊंगी मैं वापस जा रही हूं अच्छा होगा कि तुम यहां से चले जाओ इससे पहले कि तुम्हारी और बेइज्जती हो।

आलोक-अवनी तुम पछताओगी तुम मेरे पास वापस जरूर आओगी यह तुम्हें कुछ नहीं दे पाएगा तब तुम्हें मेरी याद आएगी आलोक यह बोलकर चला जाता है।

थोड़ी देर में इंडिया की फ्लाइट होती है फ्लाइट में बैठकर पवन और अवनी‌ घर पहुंच जाते हैं। घर पर सब पवन अवनी को देख कर खुश होते हैं।

सुरेश जी- अवनी बेटा तुमने ऐसा क्यों किया?? मैंने वही किया जो तुम चाहती थी पर फिर भी तुमने यह सब कुछ क्यों किया बेटा, 1 साल से तुम कैलिफ़ोर्निया में थी और तुमने हमें बताया तक नहीं, तुम्हें पता भी है हम सब‌ पर पिछले 1 साल से क्या बीती है??

अवनी -पापा जी मुझे माफ कर दीजिए पता नहीं मुझे क्या हो गया था, मुझे माफ कर दीजिए पापा जी!!

अवनी के चाचा -अरे भाई साहब छोड़िए ना अब दोनों घर आ गए हैं अब जल्दी से इनकी शादी करवा दीजिए वरना नहीं तो यह दोनों फिर भाग जाएंगे इस बात पर सब हंसने लग जाते हैं।

सुरेश जी -पवन बेटा तुम्हारा बहुत-बहुत धन्यवाद कि तुम मेरी बेटी को वापस ले आए यह तुम्हारा मेरे ऊपर एहसान रहेगा।

पवन- अरे अंकल ऐसा मत कहिए ऐसी कोई बात नहीं है एहसान तो मैं आपका मानता हूं अगर आप मेरे पास नहीं आते तो मुझे पता ही नहीं चलता कि अवनी कैलिफ़ोर्निया में है आपकी वजह से मैं अवनी से दोबारा मिल सका!!!

अवनी की मां -अरे यह बातें होती रहेंगी दोनों बच्चे इतनी दूर का सफर करके आए हैं थोड़ा आराम करने दीजिए उन्हें ।

अवनी की मां दोनों को कमरे में जाने के लिए बोलती है।

दोनों कमरे की तरफ जाते हैं ।

(तभी अवनी पवन से बोलती है)

कि अभी तक हम सिर्फ नाटक कर रहे थे कि हम शादी करने वाले हैं पर अब हम‌ शादी सच में करने वाले हैं कभी नहीं सोचा था मैंने कि जो लड़का मुझे इतना तंग करता है जिसकी बातें मुझे इतनी इरिटेट करती थी अब उसी के साथ मुझे जिंदगी भर रहना होगा ।

(अवनी यह बोल कर हंसने लग जाती है)

पवन – तुम्हें बुरा लग रहा है तो मैं अंकल जी से बोल कर शादी के लिए मना कर देता हूं (पवन अवनी से मजाक में बोलता है)

अवनी – ऐसा कुछ करने की जरूरत नहीं है समझे, अब तुम्हें भी मुझे पूरी जिंदगी झेलना होगा और मुझे तुम्हें, पर मैं तो बहुत खुश हूं तुम झेलने के लिए क्या तुम हो?!

पवन -मुझे तो आदत हो गई है और आपसे प्यार भी तो मेरी तरफ से बेफिक्र रहो ।अवनी को ये सुन कर अच्छा लगता है और वो पवन के गले लग जाती है

पवन -अरे !! अरे!! क्या कर रही हो कोई देख लेगा तो मुसीबत हो जायेगी ?

अवनी -ये तो मेरा डायलॉग बोल दिया तुमने लड़की की तरह शर्मा रहे हो तुम अवनी ज़ोर ज़ोर से हसने लगती है।

(पर पवन फिर मन ही मन में सोचने लगता है)

मैंने शादी के लिए हां तो कह दिया है पर अवनी को सच कैसे बताऊं कि मैं कौन हूं अवनी के बारे में अपने घर वालो को कैसे बताऊं ??

क्या अवनी पवन का सच जान पाएगी ??