मेरी दूसरी मोहब्बत - 14 Author Pawan Singh द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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मेरी दूसरी मोहब्बत - 14

Part -14 Awani ki haan

पवन - ऐसा है इस वक़्त हम दोनों को थोड़ा सा time दो, जल्दबाजी अच्छी नहीं।

सुरेखा प्रभु अवनी और पवन की हाँ में हाँ मिलाती है। (दोनों बच्चों को आशीर्वाद देते हुए ) कोई नहीं बच्चों आप मन से ही शादी करना।

दोनों बच्चे मुस्कुराते हुए चले जाते हैं।

तभी इसी बीच पंजाब से दादा जी आए हैं। चौकीदार ने आकर बताता है।

अवनी - (खुशी में चिल्लाते हुए) दादा जी... कहते हुए उनके गले लग जाती है।

दादा जी - ओ मेरे सोना पुतर जी कैसे हो।

अवनी - दादू आप आ गए ना .....

अब सब ठीक है।

दादू जी - क्या मतलब पुतर जी किसी ने परेशान किया तुझे। जरूर इस नालायक ने अपनी नेतागिरी दिखाई होगी।

अवनी - नहीं दादू कुछ नहीं । बस अभी हम शादी नहीं करना चाहते।

दादू जी- अच्छा ठीक है। तुम दोनो की मर्जी है।

अवनी - अवनी ‌ने पवन की ओर देखते हुए कहा - जी दादू।

दादू जी - ठीक बच्चों... ये पवन है ना।

पवन - (पैर छूते हुए) प्रणाम दादा जी।

दादू जी - जिंदा रह पुत .....

अवनी - दादू चलो आप थक गए होंगे। चलों चलते हैं...

अब अवनी दादू दोनों साथ चले जाते हैं बाकी सब भी अपने अपने काम पर लग जाते हैं।

अब दादू और अवनी एक साथ खाना खा रहे हैं। तभी पवन भी आ जाता है। अवनी दादू के साथ साथ पवन के लिए भी खाना ले आती है। तीनों एक साथ खाना खा रहे हैं।

दादू जी - अच्छा बच्चों आप दोनों का आगे क्या इरादा है। शादी तो अभी करनी नहीं तुम्हें...

अवनी -दादू कल पवन जा रहा है अपने फ़्लैट में। ये पापा के रोकने से यहाँ रुका हुआ था। मैं कल अपने कॉलेज पढ़ाई को continue करने के लिए जाऊँगी।

दादू जी- लेकिन एक बात समझ नहीं आई अवनी तुम्हारी पढ़ाई और पवन तुम्हारे काम सब शादी होने पर भी हो सकतें हैं। फिर दिक्कत कहाँ है...

पवन दादू जी को अपनी और अवनी की मुलाक़ात के बारे में बताता है।

दादू जी - अच्छा तो तुम दोनों ये कहना चाहते हो कि अभी तुम एक दूसरे को प्यार नहीं करते इसलिए शादी नहीं करनी।

अवनी - दादू जी ये पवन को लगता है मुझे क्या किसी से भी शादी कर दो मैं तैयार हूँ...

पवन - यही तो किसी से भी कर दो। दादू जी जब मैंने इससे पूछा कि तुम मुझसे ‌प्यार करती हो। तब इसने कहा कि प्यार तो मैंने ‌आलोक से किया था। वो नहीं ‌है‌ तो कोई भी चलेगा।

अब मैं अपनी पूरी ‌जिदंगी कोई ‌भी चलेगा के सहारे नहीं बिता सकता । मैं ऐसी लड़की से शादी करूँगा जो मजबूरी में नहीं सच में मुझे प्यार‌ करे।

दादू जी - अवनी ‌पुतर जी यहाँ तो मैं पवन से agree हूँ।

अवनी - दादू जी अब आप ही बताओ तो‌ ऐसे में हम क्या करें । इसलिए हमने ‌इस जल्दबाजी की शादी के लिए इनकार किया।

दादू जी - पवन‌ चल ठीक बस मुझे तुमसे कुछ चाहिए । बोल देगा पुतर।

पवन - क्या दादू जी आज्ञा करो।

दादू जी ‌- पुतर ठीक है चले‌ जाना । कल नहीं दो दिन बाद। मैं पंजाब से special आया हूंँ तुझसे मिलने। रूक जा...

पवन -( सोचते हुए ) ठीक है ‌दादू जी ।

दादू जी - ये हुई न चंगे पुतर वाली गल।

अब सब सोने चले जाते हैं । अगले दिन सुबह-सुबह ‌दादू‌ लॉन में बैठे चाय के साथ अख़बार पढ़ रहे हैं। अख़बार में पवन‌, नितेश प्रताप, और अवनी की तस्वीरें हैं।

दादू जी ‌- पवन‌ को‌ दिखाते‌‌ हुए।

तभी अवनी भी आ जाती है।सभी अखबार ‌में तस्वीरें ‌देखते हैं।

अचानक पवन‌ का फोन‌ आता है, वो फोन सुनने के लिए एक तरफ ‌चला जाता है।

दादू जी - एक बात बता ये लड़का तुझे बचाने के लिए अपनी जान पर खेल गया । तुझे इस लड़के से ज्यादा कोई प्यार नहीं कर सकता। वो आलोक भी नहीं । वो तुझे छोड़ कर चला गया है। बच्चे अपनी जिंदगी के सच को जानों। वक्त रहते जाग जा। बाद पछतावा होगा ‌।

अवनी - लेकिन दादू मैं शादी के लिए कहाँ मना कर रही हूँ।

दादू जी - मना तो नहीं कर रही लेकिन ऐसी शादी कौन चाहता है ‌। हर लड़का चाहता है कि उसकी wife भी उतना प्यार करे जितना वो।

अवनी - दादू जी प्यार बार -बार नहीं होता।

दादू जी - पुतर तू बचपन से मुझे वो हर बात बता देती है जो अपने माँ बाप को भी नहीं बता पाती। इस बार तेरे प्यार में चूक है। कल से मैं तुझे देख रहा हूँ। तू भी पवन को ही प्यार करती है। But तू ना थोड़ी confuse है। इसलिए ये कह रही है। तुझे लगता है मैं तो आलोक से प्यार करती थी। पवन को कैसे हाँ कह सकती हूँ।

अवनी चुपचाप दादू जी की बातों को सुने जा रही है। और फिर बोलती है।

अच्छा दादू आप ही बताओ मैं क्या करूँ।

दादू जी - बेटा खुलकर वो कर जो तेरा दिल कहता है। दिल कभी झूठ नहीं बोलता।

अवनी - दादू I love you.

पवन - सुनते ही आता है क्या हुआ।

दादू जी - कुछ नहीं बरखुरदार जल्दी ही तुम्हें सुनने को मिलेगा ।

पवन और अवनी दोनों ही शरमाते हुए अपने अपने कमरे में चले जाते हैं।थोड़ी देर बाद- अवनी तैयार होकर कॉलेज जा रही है। पवन को देखकर बोलती है। तुम मेरे साथ कॉलेज चलो...

पवन - चलो बाइक से चलें।

दादू और सभी अवनी और पवन को साथ जाते देखकर खुश हैं।

बाइक पर दोनों जा रहें हैं।

तभी तेज़ ब्रेक लगते ही अवनी पवन को पकड़ लेती है। दोनों एक दूसरे के करीब आ जाते हैं।

कॉलेज में सारी formalities पूरी करके अवनी पवन को कैंटीन में अपने friends से मिलवाती है।

अवनी - friends ये हैं मेरे मंगेतर।

सभी friends बोलते हैं आलोक ...

अवनी - नहीं आलोक नहीं पवन मैं इन्हीं से शादी कर रही हूँ।

Friends - लेकिन अवनी तुम तो आलोक से शादी करने वाली थी।

अवनी - sorry friends आलोक मेरी सिर्फ भूल है और सच पवन है मैं इन्हीं से प्यार करती हूं और इन्हीं से शादी करूँगी।

सभी friends तालियाँ बजाते हैं और इस खुशी में party करते हैं।

पवन (हैरान होकर) एक तरफ अवनी को ले जाकर तुम ये सच कह रही हो।

अवनी बिल्कुल ।

सबके सामने वो पवन‌ को I love you कहती है।

अब party के बाद दोनों घर पहुँचते हैं। वहाँ अवनी के घर पर उसकी और आलोक के friend मानी सिंह आई हुई है।

अवनी - मानी सिंह तुम ।

मानी सिंह - हाँ यार तुमने कोई call नहीं किया तभी तस्वीर अख़बार देखी। इसलिए तुझसे मिलने आ गई।

पवन - सुनिए ! सुनिए ! आप सभी के लिए खुशखबरी अवनी ने हाँ कर दी है। वो भी मुझसे प्यार करती है।

मानी सिंह - हिचकिचाते हुए क्या अवनी तुमसे प्यार करती है।

अवनी - मानी को चुप कराते हुए अपने कमरे में ले जाती है।

क्या मानी तुम ना अब मेरी शादी पवन से हो रही है मैं भी पवन से ही प्यार करती हूँ ।

मानी सिंह - लेकिन पवन और अपने घरवालों को सब सच बता दिया है न अपने और आलोक के बारे में...

अवनी - तू चुप हो जा सब बहुत खुश हैं और मैं भी । मैं भी अब पवन से प्यार करने लगी हूँ। बीता हुआ कल याद नहीं करना चाहती।

मानी सिंह - लेकिन नयी जिंदगी शुरू करने से पहले सब सच बताना जरूरी है। शादी के रिश्ते में विश्वास जरूरी है। तुम सब सच बता दो।

अवनी - नहीं यार अब और कुछ नहीं।

मनी सिंह - मैं बता देती हूँ, तुम्हें झिझक है तो..

क्या अवनी की friend अवनी के घरवालों और पवन को सब सच बता देगी ?