भाग 3
दूसरी ओर रॉनी आज कुछ दुखी था क्योंकि फाइट में लोगों का फेवरेट होने के कारण फाइट जीत जाने के बाद भी उसे रूपए नहीं मिले थे। फाइट के बाद वो अपने घर आ गया था और सभी बच्चे सो गए थे। अगले कुछ दिनों में उसे मकान का किराया देने के साथ ही स्कूल जाने वाले बच्चों की फीस चुकानी थी और फिलहाल उसे कहीं से भी रूपए की व्यवस्था होती नजर नहीं आ रही थी। तभी उसकी गैंग के लोग भी वहां आ जाते हैं और लगभग सभी लोग रूपए न होने की बात रॉनी से करते हैं। रॉनी इसी उधेड़बुन में बैठा था तभी उसका मोबाइल बज उठता है। हालांकि वो अंजान नंबर देखकर फोन नहीं उठाता है, कुछ ही देर में दोबारा फोन बजता है इस बार रॉनी फोन उठाता है।
रॉनी- हैलो।
कॉलर- कैसे हो रॉनी। आज फाइट जीत गए बधाई हो।
रॉनी- कौन बोल रहा है ?
कॉलर- तुम्हारी सारी परेशानियों का समाधान।
रॉनी- मैं इस समय मजाक के मूढ में नहीं हूं, कुछ काम हो तो बोलो वरना फोन रखो।
कॉलर- ओह सॉरी, सॉरी। वैसे मैं मजाक नहीं कर रहा हूं। मैं सच में वो बोल रहा हूं जो तुम्हारी सारी परेशानियों को खत्म कर सकता है।
रॉनी- क्या चाहते हो ? साफ बात करो।
कॉलर- तुम्हारे लिए एक काम है और उसके बदले मैं तुम्हें रूपए दे सकता हूं, जिससे तुम घर का किराया और बच्चों की स्कूल फीस जमा कर सकते हो।
रॉनी- क्या काम है ?
कॉलर- किसी को बचाना है।
रॉनी- किसे और किससे ?
कॉलर- एक लड़की को कुछ बुरे लोगों से बचाना है।
रॉनी- कहां है वो लड़की और उसे क्या खतरा है।
कॉलर- उसकी जान को खतरा है और कुछ लोग उसे मार सकते हैं पर तुम्हें उसे बचाना है।
रॉनी- पर मैं ही क्यों, पुलिस के पास जाओ।
कॉलर- देखों तुम ये काम नहीं करोगे तो कोई तो करेगा ही, मैं तो तुम्हें मौका दे रहा हूं, कुछ रूपए कमाने का, जिससे तुम्हारी परेशानियां खत्म हो सकती है। तुम एक फाइटर भी हो तो तुमसे बेहतर उस लड़की को कौन बचा सकता है।
रॉनी- कितने रूपए ?
कॉलर- उतने जितने के बाद तुम्हें किराए और स्कूल की फीस भरने के लिए कभी कोई फाइट नहीं करना होगी।
रॉनी- मतलब ?
कॉलर- मतलब यह है कि यदि उस लड़की को बचा लेते हो तो मैं तुम्हें पांच करोड़ रूपए दे सकता हूं।
रॉनी- पांच करोड़ ? आखिर उस लड़की को बचाना इतना क्यों जरूरी है?
कॉलर- किसी की जान बचाना कोई गुनाह तो नहीं है। चलो तुम्हें 10 करोड़ देता हूं पर उस पर कोई आंच नहीं आना चाहिए।
रॉनी- इतनी रकम तो कोई किसी को जान से मारने के लिए भी नहीं देता और तुम एक जान बचाने के लिए दे रहे हो।
कॉलर- वैसे तो किसी की भी जान की कोई कीमत नहीं होती है। तो बोलो क्या तुम तैयार हो ?
रॉनी- मुझे सोचने का कुछ वक्त चाहिए।
कॉलर- बस वहीं मेरे पास नहीं है। एक काम करते हैं 25 करोड़ में डील फाइनल करते हैं। इतनी रकम में तुम खुद का एक मकान खरीद सकते हो और जिंदगी भर बच्चों को स्कूल, कॉलज भेजकर उनकी पढ़ाई पूरी करा सकते हो।
रॉनी- 25 करोड़… ठीक है मुझे मंजूर है। पर वो लड़की कहां है ?
कॉलर- जल्दी ही तुम्हें उसकी पूरी डिटेल मिल जाएगी। अगले आधे घंटे में तुम्हारे अंकाउट में रूपए भी पहुंच जाएंगे। वैसे तो तुम ऐसे बंदे नहीं हो कि तुम पर शक किया जाए, पर फिर उसकी लड़की की सुरक्षा अब से तुम्हारी जिम्मेदारी है।
रॉनी- ठीक है जब तक मैं हूं उस लड़की पर कोई आंच नहीं आएगी।
कुछ ही देर में रॉनी के अकांउट में रूपए आ जाते हैं और वो इस बात से खुश था कि अब बच्चों की परवरिश अच्छे से हो सकेगी। हालांकि वो यह भी सोच रहा था कि आखिर कौन है वो लड़की, जिसे उसे बचाना है। इन सवालों के जवाब तो तभी मिल सकते थे, जब कॉल करने वाला उस लड़की की डिटेल उसे भेजेगा, वो डिटेल कब तक आएगी यह फिलहाल पता नहीं है। रॉनी यह भी सोच रहा था कि यह कॉल करने वाला कौन था और क्योंकि एक लड़की की जान बचाने के लिए 25 करोड़ रूपए उसे दिए है।। कॉल करने वाले और लड़की के आखिर ऐसा क्या संबंध है कि उसकी जान बचाने के लिए ही उसने 25 करोड़ रूपए इतनी आसानी से दे दिए है। हालांकि रॉनी को कॉल करने वाले की एक बात अच्छी लगी थी कि इतने रूपए के बाद वो चाहे तो बच्चों और खुद के लिए एक नया घर ले सकता है। रॉनी अब इसी बात पर विचार कर रहा था कि बच्चों के लिए नया घर लेगा।
एक ओर जहां रॉनी नए घर की प्लानिंग कर रहा था, वहीं यश अपने कुछ दोस्तों के साथ एक पब में पार्टी कर रहा था। वे लोग आपस में राजनीति को लेकर ही बात कर रहे थे। यश अपने दोस्तों से बात कर रहा था कि ऐसा कोई मुद्दा नहीं मिल रहा है जिसका विरोध या समर्थन कर वो अपने नाम को उठा सके। राजनीति में आ तो गया हूं पर आगे बढ़ने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। बड़े लोग पहले से बड़े पदों पर बैठे हुए हैं और उनका हटाने के लिए कुछ बड़ा करने की जरूरत है। पर कोई मौका नहीं मिल रहा है कि कुछ बड़ा किया जा सके। यश के दोस्त उसकी बात से सहमति जता रहे थे और उनकी पार्टी चालू थी। रात करीब 2 बजे वे सभी पब से बाहर निकले और फिर अपने घर के लिए रवाना हो गए। यश भी अपनी कार से घर की ओर जा रहा था कि तभी उसका मोबाइल बज उठता है। वो कार को साइड में पार्क करता है और फोन उठाता है-
यश - हैलो।
कॉलर- यश कैसे हो ?
यश- मैं तो ठीक हूं आप कौन बोल रहे हैं।
कॉलर- नाम बताना जरूरी है क्या ?
यश- हां, क्योंकि कम से कम मुझे यह तो पता चले कि मैं किससे बात कर रहा हूं।
कॉलर- नाम भी बता दूंगा, पर फिलहाल मेरे पास कुछ ऐसा है, जिसकी तुम्हें तलाश है।
यश- क्या है ?
कॉलर- तुम एक मुद्दा चाह रहे हो ना, जिससे कि अपने नाम को चमका सको और राजनीति में आगे बढ़ सको।
यश- हां पर ये तुम्हें कैसे पता ?
कॉलर- मुझे क्या पता है और क्या नहीं ये छोड़ा। ये बताओ कि मुद्दा चाहिए ? मुद्दा भी ऐसा जिससे कुछ ही दिनों में तुम राजनीति के शिखर तक पहुंच जाओगे।
यश- ऐसा क्या है जो मुझे राजनीति के शिखर पर पहुंचा देगा ?
कॉलर- हां यह बात। तो सुनो। तुमने वीडी सुपर सैलर कंपनी का नाम तो सुना ही होगा।
यश- हां बिल्कुल सुना है।
कॉलर- कुछ ही दिनों में उसे फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट चोरी होने वाले है। इससे कंपनी बर्बाद हो सकती है और लाखों लोगों पर इसका असर पड़ेगा। अब तुम इस मुद्दे को भुना सकते हो तो भुना लो।
यश- पर ये चोरी कौन करने वाला है ?
कॉलर- वो तुम्हें जानने की जरूरत नहीं है। वैसे एक खास हिदायत है तुम इस मामले को चोरी होने के बाद उठाओगे तो ही तुम्हें फायदा होगा। अगर पहले उठाया तो कंपनी सतर्क हो जाएगी और चोरी रूक गई तो तुम जिस मौके की तलाश में हो वो हमेशा के लिए खो दोगे।
यश- पर तुम्हारी बात सच है, इस पर मैं कैसे यकीन कर सकता हूं ?
कॉलर- कुछ दिन रूक जाओ जब चोरी होगी तो तुम्हें पता चल ही जाएगा। तब यकीन कर लेना मेरी बात का। पर जब तक चोरी नहीं होती है तब तक तुम कुछ नहीं करोगे, क्योंकि चोरी होने में ही तुम्हारा फायदा है।
यश- ठीक है पर तुमने अपना नाम नहीं बताया ?
कॉलर- नाम पर नहीं मेरी बात पर ध्यान दो। जब तक चोरी नहीं होती तब तक तुम्हें शांत ही रहना है और चोरी होने के बाद इस मुद्दे को जितना भुना सकते हो भुना लेना और अपना नाम बड़ा कर लेना।
तुषार जो दे रात तक अपने ऑफिस में बैठा काम कर रहा था। अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए वो काफी मेहनत करता था। उसकी मेहनत के कारण ही उसका बिजनेस आज इस मुकाम पर है। काम करते हुए तुषार ने अपनी घड़ी पर नजर डाली करीब तीन बजने वाले थे। उसने सोचा कि अब घर चलना चाहिए। उसने अपना लैपटॉप बंद किया और फाइल को एक ओर रखा और चलने के लिए आगे बढ़ा ही था कि उसका मोबाइल बज उठा। तुषार सोच रहा था कि इतनी रात को किसका कॉल हो सकता है। वो मोबाइल देखता है तो एक अंजान नंबर था, पहले वो फोन न उठाने की सोचता है पर बाद में फोन उठाता है।
तुषार - हैलो।
कॉलर- क्या बात है तुषार है इतनी रात तक ऑफिस में ही बैठे हो ?
तुषार - कौन बोल रहा है ?
कॉलर- तुम जिस भी नाम से चाहो उस नाम से बुला सकते हो, वैसे मैं तुम्हारा शुभचिंतक बोल रहा हूं।
तुषार - ओह शुभचिंतक। बोलो क्या बोलना चाह रहे हो ?
कॉलर- कुछ ऐसा जिससे तुम्हारा फायदा हो सकता है और तुम्हारा बिजनेस बर्बाद होने से बच सकता है।
तुषार - क्या बकवास कर रहे हो, कौन मेरे बिजनेस को बर्बाद करना चाह रहा है ?
कॉलर- करने वाला नहीं है पर हो सकता है अगर तुम सतर्क नहीं हुए तो।
तुषार - मतलब ?
कॉलर- मतलब ये है कि एक हैकर है जो बड़ी कंपनियों के डॉक्यूमेंट चुराकर उन्हें दूसरी कंपनी को बेचने की फिराक में हैं। तुम्हारा बिजनेस तो बहुत बड़ा है। तुम्हारे बिजनेस की बातें अगर तुम्हारे प्रतिस्पर्धी को मिल गई तो सोचो तुम्हारे बिजनेस का क्या होगा ?
तुषार - ऐसा कौन कर रहा है और क्यों ?
कॉलर- मुझे नहीं पता। मुझे जितना पता था वो मैंने तुम्हें बता दिया। अब तुम अपने बिजनेस को बचाना चाहते हो तो उस हैकर का पता लगा लो। इससे तुम्हें दो फायदे होंगे एक तो तुम्हारा बिजनेस बर्बाद होने से बच जाएगा, और दूसरा यह क दूसरी कंपनियों की जो जानकारी उसके पास वो तुम्हें मिल जाएगी तो तुम्हारे बिजनेस को और भी फायदा हो सकता है।
तुषार - कौन है वो हैकर ?
कॉलर- कहा ना मुझे नहीं पता, मुझे जितना पता था उतना तुम्हें बता दिया।
तुशार- पर मैं उसे कहां तलाश करूंगा ?
कॉलर- इस काम में मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं। एक पुराना पुलिस ऑफिसर है, जो आजकल नौकरी से बाहर है और प्राइवेट जासूसी करता है। तुम उसे हायर कर सकते हो। वैसे मेरी नजर में इस काम को सिर्फ वो ही कर सकता है। अब ये तुम पर निर्भर करता है कि तुम उसे इस काम को करने के लिए कैसे राजी करते हो।
तुषार - कौन है वो जासूस ?
कॉलर- अनिकेत। वैसे मैं तुम्हारे लिए एक काम और भी कर सकता हूं कि मैं उसे एक कॉल कर देता हूं तुम उससे जाकर मिल लेना और उसका पेमेंट कर देना।
तुषार - तो क्या वो काम करेगा।
कॉलर- तुम्हारे कहने से शायद नहीं करता पर मैं कहूंगा तो वो जरूर करेगा।
तुषार - तो फिर तुम कहते क्यों नहीं ? उसे जितना रूपया चाहिए होगा मैं दे दूंगा।
कॉलर- तुम्हारे लिए इतना तो कर ही सकता हूं। तुम कल जाकर उसे पेंमेंट कर देना।
तुषार - पर तुम कौन हो ?
कॉलर- अरे फिर वहीं आ गए तुम। कहा तो था तुम्हारा शुभचिंतक। इसलिए ही तो अनिकेत से तुम्हारा काम करने के लिए भी कर रहा हूं। बस तुम कल उससे मिल लेना।
तुषार फोन कट हो जाने के बाद काफी देर तक सोचता है कि क्या इस बात में सच्चाई हो सकती है। फिर वो सोचता है कि यदि कुछ रूपए खर्च करने से सच का पता चलता है तो कोई बुराई नहीं है। फिर तुषार अपने घर के लिए निकल जाता है। हालांकि पूरे रास्ते उसके दिमाग में उस कॉलर की बात ही चल रही थी। फिर वो सोचता है कि क्या अनिकेत उसका काम करने के लिए तैयार होगा। हालांकि कॉलर ने कहा था कि उसके कहने पर वो काम जरूर करेगा। ऐसे ही सोचते हुए तुषार घर आ जाता है और फिर अपने कमरे में आकर सो जाता है।