भाग 10
सप्तक- ठीक है बाकि काम मैं कर दूंगा।
रॉनी- क्या काम कर दोगे आप ?
सप्तक- ये भी समय पर ही पता चलेगा रॉनी।
रॉनी- आपको मेरा नाम कैसे पता ?
सप्तक- सिर्फ तुम्हारा ही नहीं बल्कि मैं इन सभी के नाम भी जानता हूं और ये भी जानता हूं कि यहां आने से पहले तुम लोग क्या कर रहे थे और अपनी अब तक की जिंदगी में तुम लोगों ने क्या क्या किया है।
अनिकेत- पर आपने अब तक अपना परिचय नहीं दिया, आप कौन है? वो कॉलर कौन था, क्या उसी ने आपको यहां भेजा है ?
यश- हां, उसने हमें यहां बुलाया और यहां हमें वो कोई काम देने वाला था।
सप्तक- वो कॉलर मैं ही हूं, मैंने ही तुम लोगों को यहां बुलाया है और मैं ही तुम लोगों को एक बहुत विशेष काम देने वाला हूं।
प्रणिता- आप वो कॉलर है ? तो वो फोन कहां है, जिससे आप हमसे बात करते थे।
सप्तक- मुझे तुम लोगों से बात करने के लिए किसी फोन की आवश्यकता नहीं है, मैं तुम लोगों से मानसिक रूप से बात कर सकता हूं।
यश- क्या मजाक है, मुझे लगता है कि यह कोई पागल है और इसने हमारी कुछ बात सुन ली है और अब ये उस बात को लेकर ही हमसे बात कर रहा है।
अनिकेत- यश एक मिनट रूको। जबसे हम यहां आए हैं हमने ऐसी कोई बात नहीं की है, जिससे कि हमारे नाम और हमारे काम के बारे में इन्हें पता चल सके।
सप्तक- यश मैं ना सिर्फ तुम लोगों से बातें कर सकता हूं बल्कि ये भी जानता हूं कि इस समय तुम लोगों के मन में क्या चल रहा है। इसलिए तुम मुझसे कुछ भी छिपा नहीं सकते हो।
रॉनी- चलिए माना कि आप हमसे मानसिक रूप से बात कर सकते हैं पर क्या आप यह बताएंगे कि हमें इस तरह पुलिस और वीडी के मामले में क्यों फंसाया, हमारी पहचान हमसे क्यों मिटवाई और अब हमें यहां कौन सा काम देने वाले हैं आप ?
सप्तक- वीडी और पुलिस का मामला तुम लोगों की एक परीक्षा थी, इसके साथ तुम्हें इस बात से भी अवगत करवाना था कि बुराई को खत्म करने में कोई दोष नहीं लगता है। वीडी ना सिर्फ समाज के लिए बल्कि पूरी मानव जाति का अपराधी था, जिसका तुम लोगों ने अंत किया है।
राधिका- परीक्षा... कैसी परीक्षा ?
सप्तक- तुम लोगों के धैर्य की, साहस की, तुम्हारी निर्णय लेने की क्षमता की, तुम लोगों के जोखिम उठाने की और सबसे बड़ी बात तुम लोगों की मानसिक मजबूती की परीक्षा।
यश- ये सब क्या हो रहा है मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है। आप साफ साफ बताइए कि आप कौन है और हम लोगों से क्या चाहते हैं ?
सप्तक- यश इतनी जल्दी तुम्हारा आपा खो देना किसी दिन तुम्हें मुश्किल में डाल सकता है, इसलिए मन को जितना अधिक हो सके उतना अधिक शांत रखने की कोशिश किया करो। तुम मन को और खुद को जितना अधिक शांत रखोगे उतना अधिक ही तुम सफल हो सकोगे।
यश- ठीक है मैं आपकी बात याद रखूंगा पर फिर भी आपने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया।
सप्तक- ठीक है तो फिर आप सभी लोग बहुत ध्यान से मेरी बात सुनो। मैंने ये सब एक खास मकसद के कारण किया है। आप चाहे तो मान सकते हैं मैंने बहुत मुश्किल से आप लोगों को अपने इस काम के लिए चुना है। मैं जो काम आप लोगों को सौंपने वाला हूं यह काम सिर्फ और सिर्फ आप लोग ही कर सकते है।। अब आपको इस काम को करने के लिए वो सब कुछ करना होगा जिसमें सिर्फ सफलता ही मिले।
अनिकेत- ऐसा कौन सा काम है कि आपने सिर्फ हमें चुना है ?
रॉनी- और आपने हम लोगों को चुना कैसे है? इससे पहले तो हम लोग कभी मिले भी नहीं है।
सप्तक- मैंने कहा ना रॉनी मैं तुम लोगों के बारे सब कुछ जानता हूं। तुम लोगों की कुछ खूबियों के कारण ही मैंने तुम लोगों को इस काम के लिए चुना है।
यश- लो अब एक और नई कहानी। क्या कोई बताएगा मुझे ये सब क्या हो रहा है। हम क्यों इस पागल की बात को यहां खड़े होकर सुन रहे हैं ?
प्रणिता- यश कम से कम पहले उनकी पूरी बात तो सुन लो। काम करना है या नहीं करना है वो हम बाद में तय करेंगे।
रॉनी- उससे पहले तो आप हमें अपना परिचय दीजिए। आप हमारे बारे में सब जानते हैं पर आप कौन है हमें ये तक नहीं पता है और हम इतनी देर से बात किए जा रहे हैं।
सप्तक- मेरा नाम सप्तक हैं। मैं कैलाश पर्वत से यहां आया हूं। एक खास मकसद को पूरा करने के लिए मुझे तुम लोगों की मदद की जरूरत है। इस खास काम के लिए मैंने बहुत मुश्किल से तुम लोगों की तलाश की है।
यश- जोर से हंसते हुए लो अब ये कैलाश पर्वत से आए हुए हैं। अब ये मत कहना है कि तुम्हारी उम्र 200 साल है और तुम सालों से वहां तपस्या कर रहे हो।
सप्तक- वैसे ये सच है कि मैं कैलाश पर्वत पर तपस्या ही कर रहा था हां पर उम्र के बारे में मुझे फिलहाल कोई अंदाजा नहीं है।
राधिका- यश तुम बीच बीच में बोलना बंद करोगे ?
सप्तक- दोष इसका नहीं है, क्योंकि यह पला बढ़ा ही ऐसे माहौल में हैं, जहां किसी की भी बात पर यकीन नहीं करना ही सिखाया जाता है।
अनिकेत- आप किसी खास मकसद और काम के बारे में बात कर रहे थे, वो क्या है ? और आपने हमें ही क्यों चुना है उस काम के लिए। दुनियां में करोड़ों लोग है तो सिर्फ हम पांच ही क्यों ?
सप्तक- तुम लोगों को चुनने का कारण है कि तुम लोग कभी हार नहीं मानते हो, परिस्थितियां कैसी भी हो हमेशा लड़ते हो और हमेशा जीतने का प्रयास करते हो। इसके अलावा तुम लोगों की एक जिद है सफल होने की उसी के कारण तुम लोगों को इस काम के लिए चुना है।
तुषार - वो काम क्या है ?
सप्तक- हो सकता है कि अब जो मैं कहने जा रहा हूं उस बात पर तुम लोग यकीन ना करो परंतु सच यही है जो मैं कह रहा हूं।
रॉनी- कैसा सच, कौन सी बात ?
सप्तक- इस पूरी धरती पर नष्ट होने का खतरा है। इस धरती को नष्ट होने से बचाने के लिए एक युद्ध करना होगा। ना सिर्फ युद्ध करना होगा बल्कि उस युद्ध को जीतना भी होगा। तुम लोगों की हार पूरी पृथ्वी को नष्ट कर देगी।
यश- ओह ये बुढ़ा कोई कहानी पर कहानी सुनाए जा रहा है और आप लोग उस पर यकीन करते जा रहे हैं। मुझे लगता है कि ये कोई पागल है फालतु बातें करके हमारा समय खराब कर रहा है।
अनिकेत- यश तुम कुछ देर के लिए चुप रहोगे ? ये पागल है या कुछ और है कुछ ही देर में पता चल जाएगा तब तक तुम चुप रहो।
प्रणिता- वैसे आप जिस युद्ध की बात कर रहे हैं वो युद्ध किससे लड़ना है ?
सप्तक- उन लोगों से जो कभी इस पृथ्वी पर ही रहते थे, फिर उन्होंने पृथ्वी छोड़ दी थी और दूसरे ग्रह पर अपना जीवन शुरू कर दिया था। अब वो लोग वापस लौट रहे हैं। पृथ्वी से बचाने के लिए तुम लोगों को उन ही लोगों से युद्ध करना है।
रॉनी- पर क्या आपको लगता है कि दूसरे ग्रह के लोगों से हम इस तरह से युद्ध कर पाएंगे।
सप्तक- नहीं उस युद्ध के लिए तुम पांचों को मैं तैयार करूंगा। उस युद्ध में अभी समय है, इसलिए उतने समय में तुम लोगों को तैयार होना पड़ेगा।
तुषार - और अगर हम मना कर दें तो ?
सप्तक- तो फिर इस पृथ्वी को और पूरी मानव जाति को नष्ट होने से कोई नहीं बचा सकता है। अगर तुम लोग उस युद्ध के लिए तैयार नहीं होते हो तो समझ लो कि पृथ्वी नष्ट होने ही वाली है।
अनिकेत- हम लोग आपकी बात पर यकीन कैसे करें कि आप जो कह रहे हैं वो सच है ?
सप्तक- तो आओ मैं तुम्हें कुछ दिखाता हूं।
सभी सप्तक के साथ चल पड़ते हैं। सप्तक उन्हें खंडहर के पीछे की ओर ले जाता है, जहां वो एक बड़ा सा पत्थर आकर गिरा था। सप्तक उन सभी को उस पत्थर के पास ले जाता है।
सप्तक- देखो यह पत्थर कुछ दिन पहले यहां गिरा था। यह एक आहट थी कि वो लोग आ रहे हैं।
यश- इस पत्थर के यहां होने से यह साबित नहीं हो जाता है कि आप जो कह रहे हैं वो सच है। मैं अब भी कह रहा हूं कि यह कोई पागल है और हमें कहानी सुनाकर हमारा वक्त खराब कर रहा है। कॉलर अब नहीं आने वाला है और अब हमें यहां से चलना चाहिए।
सप्तक- क्या आप लोगों को भी लगता है कि मैं झूठ बोल रहा हूं ?
प्रणिता, तुषार, अनिकेत, राधिका और रॉनी बस एक दूसरे देखते हैं पर जवाब कोई नहीं देता है।
सप्तक- ठीक है आप लोग बताओ कि इस बार उस कॉलर का फोन आप में से किसके फोन पर आए।
रॉनी- मेरे।
सप्तक अपनी आंखें बंद करता है और दो मिनट के बाद ही रॉनी का फोन बज उठता है। रॉनी फोन उठाता है
रॉनी- हेलो।
कॉलर- कैसे हो रॉनी ? काफी देर हो गई है तुम सभी को यहां। मेरा फोन देर से आया है।
रॉनी- तुम कौन हो और कहां हो ? हमें तुमसे मिलना है।
कॉलर- मैं तो तुम लोगों से मिल चुका हूं पर तुम लोग मेरी बात का यकीन ही नहीं कर रहे हो।
अनिकेत- मतलब..... ?
सप्तक- अब तो यकीन हुआ कि मैं ही कॉलर हूं। मैं ही तुम लोगों से बात कर रहा था।
प्रणिता- पर आप बिना फोन के हमसे कैसे बात कर सकते हैं ?
सप्तक- मैं कुछ भी कर सकता हूं प्रणिता।
रॉनी- तो फिर वो युद्ध आप खुद ही क्यों नहीं लड़ लेते। हमें क्यों कह रहे हैं ?
सप्तक- युद्ध लड़ने के लिए मुझे इजाजत नहीं है। इसलिए मैं युद्ध नहीं लड़ रहा हूं। इसलिए तुम लोगों को तलाश कर तुम लोगों को उस युद्ध के लिए तैयार करना है।
अनिकेत- आपने कहा कि हमें दूसरे ग्रह के लोगों से युद्ध करना है, पर क्या आपको लगता है कि हम सिर्फ मामूली इंसान उनका और उनकी तकनीक का मुकाबला कर पाएंगे ?
सप्तक- नहीं कर पाओगे, इसलिए तो तुम लोगों को तैयार कर रहा हूं। तुम पांच लोगों को उस युद्ध के लिए तैयार करना है।
प्रणिता- पर हम तो छह लोग हैं।
सप्तक- मैं पांच लोगों को तैयार करूंगा बाकि एक की रक्षा करना तुम लोगों का कर्तव्य होगा।
तुषार - पर ये दूसरे ग्रह के लोग पृथ्वी पर आकर क्या करना चाहते हैं ?
सप्तक- इसका जवाब तुम्हें समय आने पर दिया जाएगा। पर इतना बता सकता हूं कि उन्होंने अपनी ओर से तैयारी शुरू कर दी है, उनमें से कुछ लोग पृथ्वी पर आ भी गए हैं और तुम लोगों से दो कदम आगे ही चल रहे हैं।
रॉनी- मतलब ?
सप्तक- मतलब यह है कि अभी तक तुम लोगों ने इस युद्ध में मेरा साथ देने के लिए हां तक नहीं कहा है, जबकि वो अपनी सेना तैयार करने लगे हैं। अगर वो अपने मकसद में कामयाब हो गए तो पृथ्वी नष्ट हो जाएगी। इसलिए जितना जल्दी हो सके तुम लोग उस युद्ध के लिए तैयार हो जाओ।
राधिका- पर.... ?
सप्तक- पर क्या ? ये युद्ध कोई साधारण युद्ध नहीं है। ये युद्ध पूरी मानव जाति और पूरी पृथ्वी के लिए है। तुम लोगों के पास मौका है पूरी पृथ्वी को बचाने का। पृथ्वी और मानव जाति पर आए इस संकट अब सिफ्र तुम लोग ही टाल सकते हो।
रॉनी- मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा है।
प्रणिता- मुझे भी।
तुषार - अनिकेत ?
अनिकेत- मैं भी कुछ नहीं कह सकता हूं।
यश- मैं कह रहा हूं कि ये हमें कहानी सुनाकर हमारा वक्त खराब कर रहा है पर तुम लोग मेरी बात सुन ही नहीं रहे हो।
अनिकेत- सप्तक जी शायद हम लोग आपका यह काम नहीं कर पाएंगे। ये युद्ध और दूसरे ग्रह के लोग, पृथ्वी का नष्ट होना ये सारी बातें हमारी समझ में बिल्कुल नहीं आ रही है।
सप्तक- तुम लोग बहुत गलत कर रहे हो। मेरी बात मानों हमारे पास समय कम है। अगर हम वक्त पर तैयार नहीं हुए तो यह धरती पूरी तरह से खत्म हो जाएगी और खत्म हो जाएगी पूरी मानव जाति।
रॉनी- सप्तक जी ये काम हम नहीं कर सकते हैं, आप इसके लिए किसी और को तलाश कर लीजिए।
सप्तक- लगता है कि तुम लोगों को अब भी मेरी बात पर यकीन नहीं हो रहा है। अब मैं तुम लोगों को कुछ ऐसा दिखाता हूं जिससे तुम लोगों को ना सिर्फ मेरी बात पर यकीन होगा बल्कि यह भी हो सकता है कि तुम लोगों का इस काम को ना करने का इरादा भी बदल जाए। आओ तुम सब मेरे साथ।