तेरी महफ़िल Urooj Khan द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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तेरी महफ़िल



शीर्षक = तेरी महफ़िल



"प्लीज टच मी बेबी, प्लीज टच मी,, प्लीज होल्ड मी इन योर आर्म,, आई वांट टू किस यू " सोहम के नजदीक आती हुयी एक लड़की ने कहा, जो की अपनी मजबूरियो के चलते एक अय्याश महफ़िल का हिस्सा बना हुआ था


सोहम उसे बार बार अपने नजदीक आने से रोक रहा था, लेकिन वो थी की उसे अपनी बाहों में भरने को और उसके साथ डांस करने से खुद को रोक नही पा रही थी, जिस तरह से वो सोहम और उसके जिस्म को हाथ लगा रही थी वो सब सोहम को अच्छा नही लग रहा था


सोहम जो की एक बहुत ही खूबसूरत हट्टा कट्टा नौजवान था, जिसकी बेहद खूबसूरत बॉडी थी और तो और उसकी हरी हरी आँखे और घूँग्राले बाल भी थे जो उसे और हैंडसम बनाते थे


काफी देर तक एक अजीब तरह की प्रताड़ना सहने के बाद उसने ज़ोर से उस लड़की को दूर हटाया और बोला " जाओ यहाँ से, मुझे इस तरह मत छुओ मुझे घिन आ रही है, मुझे यहां आना ही नही चाहिए था "


सोहम ने उसे इतनी तेज धक्का दिया की वो शराब के नशे में होने की वजह से खुद को संभाल ना सकी और ज़मीन पर गिर गयी, उसके गिरते ही वो महफ़िल रुक सी गयी, जहाँ अभी अभी कुछ देर पहले अश्लील गानों पर अश्लीलता की हदे पार करते हुए लड़के लड़कियां एक दुसरे के साथ नाच गाना और भी ना जाने क्या कुछ कर रहे थे, सब उस हादसे की वजह से रुक से गए


तब ही वो लड़की जो की एक अमीर घर की मालूम पडती थी, अपनी जगह से उठी और सोहम का गिरेहबान पकड़ कर बोली " ब्लडी हैल, तेरी इतनी हिम्मत तूने तान्या ओबेरॉय को धक्का दिया, तू जानता है मैं कौन हूँ, मेरा पति कौन है, तुझे अभी के अभी खड़ा खड़ा खरीद लेगा वो, तेरी इतनी हिम्मत तूने मुझे धक्का दिया

तुझे बहुत घमंड है अपनी इस बॉडी पर देख तुझे अभी कितना पिटवाती हूँ, ऐ खड़े खडे देख क्या रहे हो मारो इसे, वरना तुम्हारा ये क्लब अभी के अभी बंद करवा दूँगी "


"नही मैडम, ऐसा मत करना, बेचारा अभी नया नया आया है, इसे नही पता यहां कैसे रहना पड़ता है, आज इसका पहला दिन था, माफ कर दीजिये इसकी तरफ से मैं माफ़ी मांगता हूँ" वहाँ के मैनेजर अशोक ने कहा जो की सोहम का दोस्त था

"माफ़ी माय फुट, इसकी हिम्मत कैसे हुयु मुझे धक्का देने की,इस क्लब को तो मैं बंद कराकर रहूंगी " उस लड़की ने कहा


"नही, नही मैडम आप इस तरह नाराज़ न हो, मैं आपसे माफ़ी मांगता हूँ, दरअसल ये थोड़ा परेशान है इसलिए ऐसा किया इसने, आप इसे माफ कर दीजिये इसे अभी इन सब चीज़ो की आदत नही है ये अभी इस तरह की महफ़िलो से वाकिफ नही है, धीरे धीरे सीख जाएगा " अशोक ने कहा


वो औरत कुछ और कहती इससे पहले ही वो शराब के नशे में धुत होने की वजह से बेहोश हो जाती है और उसे अशोक अपने आदमियों से कह कर उसे उसकी गाड़ी तक छुड़वा देता है जहाँ उसका ड्राइवर इंतजार कर रहा था उसका


"चलो, चलो कुछ नही हुआ, आप सब अपनी रात का आंनद ले, और माफ करना जो कुछ हुआ " अशोक ने कहा और सोहम का बाजु पकड़ कर बाहर लाते हुए बोला


"पागल लड़के, शुक्र मना की तू बच गया, वो बेहोश हो गयी, तू जानता है वो किसकी पत्नि थी, इस शहर के सबसे अमीर तरीन आदमी की पत्नि है जो हर रोज़ यहां लाखो रूपये तुझ जैसे लड़को पर और इस क्लब पर उड़ा देती है, तूने उसे धक्का दे दिया, इन जैसी औरतों की वजह से ही तो इसक्लब में महफ़िल सजती है, और तू है की पहले दिन ही नुकसान कराने पर तुला है " अशोक ने कहा


"मेरी कोई गलती नही है, तूने मुझसे कहा था की बस शराब सर्व करना है और वो मैं कर रहा था, पता नही वो कहा से आयी और मुझे छूने लगी मुझे अजीब लग रहा था," सोहम ने कहा


"पागल लड़के, मैं तो तुझे बहाने से लाया था यहां, वैसे तू यहां कैसे आता, तूने ही तो कहा था की तुझे नौकरी चाहिए थी और जिस तरह की तेरी पर्सनालिटी है तूने खुद को बनाया है उस हिसाब से तेरे लिए ये नौकरी सबसे अच्छी है, तुझे पता है कितना पैसा है इस काम में " अशोक और कुछ कहता इससे पहले ही सोहम बोल पड़ा


"तू शहर आकर बिलकुल बदल गया है, मुझे लगता है पैसे का भूत तेरे सर पर चढ़ गया है, मैं यहां इस शहर में मॉडलिंग करने आया था, ना की देह व्यापार का हिस्सा बनने, तूने ज़ब कहा था की मुझे शराब सर्व करना होगी तब मैंने सोचा की काम तो काम है, फिर चाहे वो शराब ही सर्व करना क्यूँ ना हो मेहनत का तो काम है, जो पैसे मिलेंगे उससे दाल रोटी तो चल ही जाएगी "



"तुझे क्या लगता है, तेरी मॉडलिंग का ख्वाब यूं ही पूरा हो जाएगा, तू जहाँ जाना चाहता है वहाँ के रास्ते इन्ही महफ़िलो से होकर गुज़रते है, और रही बात मेरे सर पर पैसे के भूत सवार की तो हर किसी को ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने की होड़ है, जो काम में कर रहा हूँ उसमे अपना समय देकर भी मैं इतने पैसे नही कमा पाता हूँ जितना की एक रात में कमा लेता हूँ, मेरी मान ज़ब तक तुझे कोई अच्छा ऑफर नही आ जाता अपनी इस बॉडी का कुछ फायदा उठा इन महफ़िलो का हिस्सा बन जा फिर देख तेरी कितनी चांदी होती है, तुझे मॉडलिंग की ज़रूरत ही नही पड़ेगी " अशोक ने कहा


"बस कर अशोक, खामोश होजा एक और लफ्ज़ मत कहना, तेरी नजर में पैसा सब कुछ होगा लेकिन मेरे लिए मेरा जमीर सबसे बड़ कर है, और जिसका सौदा मैं हरगिज़ नही कर सकता, तू जानता भी है तू मुझसे क्या करने को कह रहा, तुझे अगर याद नही तो याद दिलादू मेरा कोई इंतजार कर रहा है, कोई है जो मुझे सफल होता देखना चाहता है,

अगर उसे पता चल गया की मैंने सफलता हासिल करने के लिए इस रास्ते को चुना है तो वो मुझे कभी माफ नही करेगी और मैं खुद भी अपने आप को माफ नही करूँगा, मेरी किस्मत में अगर मॉडलिंग करना लिखा होगा तब मैं अपने उस करियर में आगे बड़ जाऊंगा अन्यथा मैं अपने घर वापस लौट जाऊंगा, मेहनत मजदूरी कर लूँगा लेकिन अपने माता पिता के दिए संस्कारो को यूं चंद कागज के नोटों के आगे नीलाम नही करूँगा


और तो और न ही अपने प्यार से बेवफाई करूँगा, मुझे ईश्वर पर पूरा भरोसा है, वो कोई न कोई राह अवश्य निकालेगा, लेकिन मैं इस गंदगी का और तेरी इस महफ़िल का हिस्सा नही बनूँगा जहाँ से निकलने के बाद मैं खुद से ही नजरें ना मिला सकूँ, तेरी ये दुनिया तुझे ही मुबारक मैं चला " सोहम ने कहा और वहाँ से जाने लगा


"ठीक है जा, मत बन इन महफ़िलो का हिस्सा, किस्मत एक बार ही दरवाज़ा खट खटाती है बार बार नही, तू मुझसे ज्यादा पैसे कमा सकता है " अशोक ने कहा


"तू ही कमा इस तरह से पैसे, मुझे कोई शोक नही, मैं मेहनत मजदूरी करके कम पैसे कमा लूँगा, लेकिन अपना ज़मीर नही बेचूँगा, और ना ही उसके साथ बेवफाई करूँगा जो मेरा इंतज़ार कर रही है " सोहम ने कहा और वहाँ से चल दिया


अशोक भी वहाँ से चला जाता है


सोहम, उस सब को याद करते हुए वहाँ से जा रहा था, कि तब ही किसी ने उसे आवाज़ दी

" सुनिए! मेरी बात सुनिए आप थोड़ा धीरे चलिए, मैं अब थक गयी हूँ "


सोहम ने पीछे मूड कर देखा तो एक हसीन तरीन लड़की, वेस्टर्न कपड़ो में लड़खड़ाते क़दमों से उसके पीछे आ रही थी

"कितना तेज चलते हो तुम, थोड़ा सास भी लो थोड़ा रुक भी जाओ " उस लड़की ने कहा


"आप कौन? और मेरा पीछा क्यूँ कर रही है?" सोहम ने पूछा रुक कर


"बताती हूँ, सब बताती हूँ पहले जरा कम्बख्त हील्स को तो उतार कर फेकू, टांगो में दर्द कर दिया " उस लड़की ने हील्स उतरते हुए कहा


"चलो कही बैठ कर बात करते है, वो देखो एक कुर्सी पड़ी है वहाँ " उस लड़की ने कहा

"मोहतरमा, आप कौन है? मैं आपके साथ क्यूँ बेठू, आपको क्या काम है?" सोहम ने पूछा

"यार तुम, बहुत जल्द बाज लड़के हो, तुमने उस औरत को भी बहुत जल्दी धक्का दे दिया थोड़े मजे ही ले लेते, तुम तो बहुत शरीफ मालूम पड़ते हो " उस लड़की ने कहा


"आप उस महफ़िल में थी, नाम मत ले उस जगह का और उस औरत का " सोहम ने कहा


"अच्छा! अब तो पता चल गया और जान पहचान भी हो गयी, चलो अब बैठ कर बात करते है वरना मैं यही गिर जाउंगी, फिर तुम्हे मुझे उठा कर ले जाना पड़ेगा " उस लड़की ने कहा

"हे! भगवान आज का दिन ही ख़राब हे, पहले वो और अब ये" सोहम ने पैर पटख कर कहा


"भगवान से शिकायत कर ली हो तो चले " उस लड़की ने कहा


"ठीक हे चलो, लेकिन मेरे करीब मत आना वरना तुम जानती हो अंदर क्या हुआ था " सोहम ने कहा

वो लड़की हसीं और बोली " नही आउंगी, जानती हूँ तुम किसी और के हो और कोई तुम्हारा इंतज़ार कर रहा हे "

सोहम को ये सुन थोड़ा अचम्बा हुआ और बोला " क्या, कहा तुमने? तुम्हे ये कैसे मालूम "

"सब यही बतादू, या कुछ बैठ कर भी बात करे " उस लड़की ने कहा


दोनों जाकर बैठ गए, तब वो लड़की बोली " मेरा नाम नताशा हे, वैसे तो मैं इन क्लब वगेरा में ज्यादा आना पसंद नही करती हूँ, लेकिन ज़ब कभी उदास होती हूँ या फिर कोई मुझे चीट करता हे तब मैं यहां आकर अपना गुस्सा शराब पी कर निकाल देती हूँ


आज भी कुछ ऐसा ही हुआ जिनके चलते मैं इस महफ़िल में आ गयी जहाँ मेरी मुलाक़ात तुमसे हुयी, बताती चलू मेरा ताज़ा ताज़ा ब्रेकअप हुआ था कुछ देर पहले ही जिसका सोग मनाने मैं यहाँ आयी थी मैंने अपने बॉयफ्रेंड को किसी और लड़की के साथ देख लिया था, मुझसे प्यार मोहब्बत के वायदे करता था और देखो मुझे ही चीट कर रहा था


यहां आकर मैं पेग पर पेग पी जा रही थी और उन लड़को को देख रही थी जो वहाँ बैठी औरतों के पास बैठे थे और उनके साथ साथ और भी लड़को को गाली दे रही थी और कह रही थी ये मर्द जात होते ही एक जैसे हे किसी एक के नही होते हे


लेकिन तब ही कुछ ऐसा हुआ जिसने मेरा धयान उस और खींच लिया, और वो तुम थे जिस तरह तुमने उस औरत को धक्का दिया अपने नजदीक आने पर तब मुझे थोड़ा अजीब लगा मैं तुम्हे ही देख रही थी और सोच रही थी आखिर तुमने उसे धक्का क्यूँ दिया होगा, उस तरह के मोके को कौन हाथ से जाने दे सकता था जिस तरह का मौका तुम्हे मिल रहा था


ज़ब वहां का मैनेजर तुम्हे बाहर लाया और तुम्हे समझाया और तुम्हे इंसिस्ट करता रहा उस महफ़िल का हिस्सा बनने पर लेकिन तुमने जो कुछ उससे कहा वो सब मैं सुन रही थी, अभी थोड़ी देर पहले जो मेरी सोच थी लड़को को लेकर वो तुमने बदल दी थी,


वाकई वो लड़की बहुत ख़ुश किस्मत हे जिसे तुम मिलोगे, तुमने चंद पैसों के खातिर अपने जमीर और प्यार को नही बेचा तुम वहाँ से लोट आये और तब से ही मैं तुम्हारे पीछे आ रही थी लेकिन तुम हो कि घोड़े की तरह दौड़े ही चले जा रहे थे "


"अच्छा! तो आप मेरा पीछा क्यूँ कर रही थी, मुझे अपना जमीर न बेचने के लिए कोई तोहफा देना था आपको " सोहम ने पूछा


"नही, बिलकुल नही मैं भला तुम्हे क्या दे सकती हूँ? पर हाँ मेरे पास कुछ हे जो तुम्हारे काम आ सकता हे, शायद जिसे पाकर तुम्हे शायद फिर कभी इन महफ़िलो की तरफ नही आना पड़े क्यूंकि कभी कभी आदमी इतना मजबूर हो जाता हे की ना चाहते हुए भी वो कर गुज़रता हे जो उसे नही करना चाहिए होता हे, ये चका चोँद रौशनी से भरा शहर कब इंसान को अँधेरे की और ले जाता हे उसे खुद पता नही चलता हे " नताशा ने कहा


"ऐसा भो क्या हे? " सोहम ने पूछा

"जैसा की तुम जानते हो, मैंने तुम्हारी सारी बाते सुन ली थी और ये भी जान लिया था की तुम यहां इस शहर मैं क्यूँ आये हो, ताकि तुम मॉडलिंग कर सको, तुम्हारा सपना साकार हो सके, तुमने जो मेहनत करके बॉडी बनायीं हे उसके बलबूते तुम सफलता हासिल कर सको, मुझे तुम्हारा ईश्वर में विश्वास करना बहुत अच्छा लगा

दरअसल मैं एक फैशन डिज़ाइनर हूँ, और लड़को के कपडे डिज़ाइन करती हूँ, मेरा खुद का एक ब्रांड हे, पहले मैं अपने उस बेवफा बॉयफ्रेंड को अपना मॉडल बनाना चाहती थी अपने अपकमिंग डिज़ाइन के लिए, लेकिन जैसा की मैंने बताया उसने मुझे धोखा दिया हे इसलिए अब मैं उससे कोई भी राब्ता नही रखना चाहती हूँ, इसलिए मैं तुम्हे अपना मॉडल बनाना चाहती हूँ, चाहती हूँ की तुम मेरे तैयार किए डिज़ाइन पहनो और अपना सपना साकार करो, और बता दो अपने दोस्त और बाकी सब को कि अगर ईश्वर में सच्ची आस्था हो तो रास्ता कही से भी कभी भी निकल सकता हे


बोलो तुम्हे मंजूर हे, तुम मुझे गलत मत समझना, मैं तुम्हारी सिर्फ और सिर्फ या तो दोस्त रहूंगी या फिर तुम्हारी डिज़ाइनर जिसके कपड़े तुम पहनोगे मैं ऐसी वैसी लड़की नही हूँ, लेकिन हाँ मुझे थोड़ी जलन जरूर रहेगी कि काश तुम मुझे पहले मिले होते उस लड़की से भी पहले जिसके खातिर तुमने सब कुछ छोड़ना जरूरी समझा लेकिन उसके विश्वास और भरोसे को तोडना नही

तुम सच में बहुत अच्छे लड़के हो, तुमसे मिलने के बाद मुझे लगा कि दुनिया में आज भी बहुत से अच्छे और सच्चे लड़के हे जो एक लड़की के साथ पूरी उम्र गुज़ार सकते हे और दूसरी किसी को आँख उठा कर भी नही देख सकते, मुझे इंतज़ार रहेगा तुम्हारे जैसे ही किसी जीवन साथी का


मैं भी क्या बाते लेकर बैठ गयी, ये लो मेरा कार्ड तो बताओ तुम कल आओगे ना मेरे ऑफिस बाकी बाते वही कर लेंगे " नताशा ने कहा


सोहम को तो कुछ समझ ही नही आ रहा था आखिर क्या हो रहा था, उसने उसका कार्ड ले लिया, नताशा के चेहरे पर मुस्कान थी उसने अपने पर्स से फ़ोन निकाला और अपने ड्राइवर को बुलाया, वो सोहम को भी उसके घर तक छोड़ना चाहती थी लेकिन सोहम उसके साथ नही गया और ऑटो करके अपने घर आ गया


और रात भर इसी कश्मकश में रहा और उस कार्ड को देखता रहा और सोचता रहा कि वो जाए या ना जाए, नताशा कि बातों पर यकीन करे या न करे


आखिर कार अगली सुबह वो चला जाता, नताशा उसे देख बेहद खुश होती हे, और फिर थोड़े बहुत फोटोशूट होते हे जिसके बाद सोहम भी कॉन्ट्रैक्ट अच्छे से पढ़ कर समझ कर साइन कर देता हे, और निकल पड़ता हे अपने सपने को साकार करने अपनी दोस्त नताशा के साथ और अपनी प्रेमिका सुहानी की मोहब्बत को दिल में बसा कर



समाप्त