प्यार का ज़हर - 69 Mehul Pasaya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यार का ज़हर - 69

"हा तो चलो अब हमे अब कुच नही सुन्ना ठीक है" ये बोलते हुए रिहान की अम्मी रिहान का हाथ पकड़ कर रितेश के अड्डे से ले जा ने लगी" उतने मे रितेश बोला चाची कम से कीमी हमे रिहान भाई से मिल तो लेने दो वैसे भी अब तो कई दिनो के बाद ही इनसे मुलाक़ात होगी, रिहान की अम्मी थोडी सी नाजुक हो गई, और बोला की ठीक है जल्दी बोलो जो भी बोलना हो" बाद मे रितेश ने राहुल को बोला की आपका बहुत बहुत धन्यवाद मेरे दोस्त मेरा जो ये बदलाव है, वो सिर्फ आपकी वजह से बदला है, तो रिहान ने बोला.

" कोई बात नही मेरे दोस्त हम मिलते रहेंगे ठीक है" जरुर लेकिन इस दोस्त को भुल मत जाना मेरे दोस्त, तो रिहान ने रितेश को कहा की नही बिल्कुल नही आप जैसे दोस्तो को भुला नही जाता, और देवेन्दर आपकी भी याद बहुत याद आयेगी हमे. तब देवेन्दर बोलता है.

" हा रिहान भाई हमे भी आपकी याद आयेगी बेहद बस मिला करना" राहुल ने कहा फिक्र मत करो मे बहुत जल्द मिलने आऊंगा, और हा आप दोनो अब अपने घर जाओगे और अपने परिवार से माफी मांग कर वहा रहने की मांग करोगे ठीक है इस अड्डे मे बिल्कुल नही रहोगे आप दोनो सून लिया ना, रितेश ने कहा हा ठीक है, हम जरुर ये करेंगे आखिर कार कब तक ये सब परेशानी झेलते रहेंगे, परेशान हो चुके हक़ी अब तो. तब देवेन्दर बोल पड्ता है की,

" हा भाई अब हम इस अड्डे पे नही रहेंगे अब हम भी एक इज्जत वाली जिन्दगी जिएंगे, लोगो के ताने सून सुन कर थक चुके है. रिहान ने कहा खैर अब सब ठीक हो चुका है तो अब मे रज़ा लेता हू दोस्तो बहुत जल्द मिलेंगे ठीक है" रितेश ने कहा संभाल कर जाना दोस्त, जरुर. देवेन्दर ने भी ये कहा की संभाल कार जाना और अपना खयाल रखना, और बाद मे रिहान ने कहा की.

"अब तक सब ठीक था लेकिन कहते है ना की जिन्दगी इतनी आसान नही होती, अब आप खिद जान लो राहुल के घर एक फ़ोन आया" और फोन वाले ने कहा की,

" हाहाहा राहुल बोल रहे हो ना अपनी बेगम को जिन्दा देखना चाहते हो तो पैसो का इन्तेजाम करके रखो" वरना हम तुम्हारी बेगम के साथ क्या क्या कर सकते है, वो तुम सोच भी नही सकते, ठीक है तो चलो तैयारी करो. राहुल इतना ने पहले से ही गुस्सा हुआ था ये बाद मे जो सुना उसके गुस्से का कोई ठिकाना ही नही रहा, और राहुल गुस्से मे बोला.

" मम्मी दिव्या कहा है. राज भैया, सरस, हयाती, अरे कहा मर गए सब दिव्या कहा है, राहुल का ये गुस्सा अब दिन पे दिन बढता ही जा रहा था और उसकी वजह से प्रणाली को इस की बहुत फिक्र हो रही थी, लेकिन अभी सब दिव्या को ढूंड मे लग गए, सब लोग अपने अपने कमरे से बहार आ गए और सब पूछने लगे को क्या हुआ, तभी राज ने बताया की इस घर की छोटी बहू गायब है यानी उसको कोई उठा के लेकर गया है, उधर गुंडे लोग दिव्या को परेशान करने मे लगे थे और इधर राहुल और सब लोग परेशान थे और जब राहुल ने उस फ़ोन वाले को पता पुछा तो बोला की.

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