प्यार का ज़हर - 40 Mehul Pasaya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • आखेट महल - 19

    उन्नीस   यह सूचना मिलते ही सारे शहर में हर्ष की लहर दौड़...

  • अपराध ही अपराध - भाग 22

    अध्याय 22   “क्या बोल रहे हैं?” “जिसक...

  • अनोखा विवाह - 10

    सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट...

  • मंजिले - भाग 13

     -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ...

  • I Hate Love - 6

    फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर...

श्रेणी
शेयर करे

प्यार का ज़हर - 40

संतोष : नही हम कुच जानना नही चाहते. हमे शादी मे तक बुलाना नही समझा तुमने तुम मेरे पौते नही हो. जाओ अब हमसे बात मत करो.

राहुल : हेहेहे. हाहाहा ...

राज : राहुल भैया तुम हस क्यू रहे हो. आप लोग मेरे साथ मस्ती कर रहे हो ना.

गोविंद : हा बेटा ये तुम्हारी दादी का ही चाल थी तुम्हे चीड़ा ने की.

राज : मतलब आप हमसे नाराज़ नही हो.

संतोष : अरे नही बेटा तुमने इस परिवार के खातिर जल्दी शादी की. वरना हमे तुम भला क्यू शामिल नही करते हम इत्ना तो जानते है. की हमारे पौते ये नही करेंगे लेकिन क्या करे ये तुम्हारी मजबुरी थी. तो इसे फाल्तू मे बडी बात क्यू बनानी.

राज : ओ दादी आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपने हमे माफ कर दिया.

गोविंद : अरे अपने को माफ नही करेंगे तो फीर किसको करेंगे. वैसे ये सब छोडो बहू कहा है.

राज : जी वो मम्मी के पास है. कुच तैयारी कर करवा रही है. मम्मी उनसे.

सरस : अरे राज भैया और राहुल भैया कैसे हो आप लोग.

राहुल : अरे सरस कमाल है. तुम पहले कही भी जाती थी तो सबसे पहले हम दो भाईयों को पहले मिलती थी. लेकिन आज क्यू नही आए.

सरस : अरे भैया जब हम और दादी दादू आये तो आप सब सो रहे थे. इस लिये आपको उठाने का कष्ट नही किया हमने.

राज : लेकिन सरस बेहना अगर आप हमे जगाती तो हम आपको मारने वाले थोडी थे.

सरस : ठीक है. बाबा अबसे सोये हुए होन्गे तो भी उठा दूंगी. लेकिन नीन्द मे थप्पड़ मत मर देना आप दोनो के दोनो.

राहुल : हाहाहा हिहिही...

राज : देखो राहुल भैया आप फिर्से हस रहे हो.

राहुल : अरे भाई अब आपकी शादी हो चुकी है. अब कोई भी ऐसे गुप्त तरीके से नही जा पायेगा वो सोये हुए होन्गे तब क्यू की वहा हयाती भी रहेगी है ना.

राज : अरे हा सरस ये बात तो सही है. अब ना पहले जो हम करते थे अब नही कर पायेंगे. क्यू की कुच दिन बाद राहुल भैया की भी शादी हो जायेगी.

सरस : लेकिन भैया ये तो उल्टा हुआ ना. बडा भाई राहुल रह गया और छोटे भाई राज की शादी हो गई. कुच अजीब सी चिज नही आपको ऐसा नही लगता क्या कभी.

राहुल : अरे सरस तुम मेरी फिक्र मत करो मेरी भी शादी बस कुच दिनो मे होने वाली है.

सरस : अच्छा तो ठीक है. राज भैया की शादी मे तो नही रहे. लेकिन आपकी शादी मे जरुर रहेंगे.

राहुल : अरे क्यू नही बिल्कुल.

दिव्या : नमस्ते दादी दादू नमस्ते चोटी. कैसे हो सब आने मे कोई तकलीफ तो नही हुए ना.

संतोष : नमस्ते बेटा वैसे माफ करना हमने आपको पहचाना नही.

राज : अरे दादी यही तो वो लड्की है. जिससे राहुल की शादी होने वाली है.

सरस : सची भैया ये तो कितने अच्छे लग रहे है.

संतोष : वाकई राहुल बेटे की पसंद बहुत काबिल-ए-तारिफ है.

आगे जान्ने के लिए पढते रहे प्यार का ज़हर और जुडे रहे मेरे साथ