अगले दिन कि सुबह संजना के घर चारो तरफ खुशियां ही खुशियां छाई हुई थी ।
" भैया जल्दी आइए ना हमे देर हो रही है .." संजना होल मे इधर उधर चलते हुए बोली जा रही थी।
" आ रहा हूं संजू .. अभी देर है उनको आने मे " मोहित नीचे आता हुआ बोला।
" मोहित कितनी देर लगाता है तैयार होने मे ये कब से तेरी राह देख रही है " रागिनी जी भी बोल पड़ी थी।
" हा मा आप लोग इतना ओवर रिएक्ट क्यों कर रहे है ? " मोहित परेशान हो गया था इन लोगो कि बाते सुनकर।
" अरे ओवर रिएक्ट तो करेंगे ना दोनो मा बेटी की बहने जो आ रही है " राजेश जी कहते हुए हसने लगे।
" अब चलिए भी भैया.. यहां खड़े रहकर बाते ही करते रहेंगे क्या ? " संजना मोहित को खींच कर ले जाने लगी।
" क्या कर रही है .. आतो रहा हूं.. एसे खिंच मत मुझे "
फिर दोनो ही गाड़ी मे एयरपोर्ट के लिए निकल गए।
एयरपोर्ट् पर जाते ही संजना किंजल को ढूंढने लगी।
संजना ने जैसे ही किंजल और उसकी रीमा मासी को आते हुए देखा वो उनकी तरफ दौड़ी..
" संजू संभलकर .." मोहित संजना को भागते देख जोर से चिल्लाया।
किंजल भी संजू को देखकर उसकी तरफ दौड़ी ..
दोनो ही बहनें एक दूसरे के गले लग गई।
" बहुत मिस किया तूझे.." ये कहते हुए संजना कि आंखे भर आई ..
" मैने भी तूझे बहुत मिस किया " दोनो बहने इतने दिनों के बाद मिलाकर इमोशनल हो गई थी।
" अरे मे भी हूं यहां ..." रीमा जी ने वहा आते हुए कहा।
" मासी..." ये कहकर संजना रीमा मासी के गले लग गई और पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया।
" कैसी है मेरी बच्ची.."
" एकदम बढ़िया मासी.. आप कैसे हो.."
" में भी ठीक हूं.."
" अरे कोई यहां भी तो देखो.. " मोहित ने मुंह बनाते हुए कहा..
" भैया...." किंजल मोहित को देखकर उसके गले लग गई..
" कैसी है मेरी गुड़िया..? "
" मे एकदम ठीक हूं भैया.. पर आप इतने पतले कैसे हो गए .. जरुर ये संजू आपको ठीक से खाना नहीं खिला रही होगी.." किंजल कि मस्ती शुरू हो गई थी।
" अच्छा बच्चू.. यहां आ जरा.. फिर दिखाती हूं तुझे.." संजना ने जूठा गुस्सा दिखाते हुए कहा।
" शांति बालिके.. ये नौटंकी बंध करिए .. पतला मे नहीं तुम दोनो हो गई हो..समझी " मोहित ने दोनो के सिर पर हाथ मार दिया।
" आउच.. भैया..." दोनो ही मुंह बिगाड़ते हुए एकसाथ बोली।
फिर तीनो हसने लगे..
" कैसे हो मासी आप ..? " मोहित ने रीमा मासी के पैर छूते हुए कहा।
" मेरे बच्चो को इतना खुश देखकर मे एकदम खुश हूं .." रीमा जी ने कहते हुए उनके तीनो बच्चो कि नजर उतारी।
" सब बाते यही करोगी क्या ? घर नहीं जाना ..? " मोहित ने दोनो बहनों को आपस में खुसुर पुसुर करते देखकर बोला।
" हा चलिए .."
फिर सब गाड़ी मे बैठकर घर आ गए।
रागिनी जी भी रीमा जी से मिलकर बहुत खुश थी। सभी होल में बैठकर बाते कर रहे थे।
पर इन सब से ज्यादा खुश मोहित था। अपनी दोनो बहनों को एकसाथ खुश देखकर उसकी आंखो से भी खुशी के आंसू निकल आए थे।
" चल किंजु मेरे साथ आ.. मे तूझे कुछ दिखाती हूं.."संजना ने किंजल को खींच के ले जाते हुए कहा।
" हा हा चलो.."
संजना ने कमरे में आकर अलमारी में से अपना शादी का जोड़ा निकाला और उसे किंजल को दिखाने लगी।
" देख कींजु.. कितना सुन्दर है ना .. पिंक कलर का जोड़ा लिया है .. जैसे अनिरूद्ध चाहता था बिल्कुल वैसा.. " संजना के चहेरे पर खुशी के साथ आंसू भी थे।
किंजल सिर्फ उसे देखे जा रही थी।
" अनिरूद्घ को मिस कर रही हो ना .." किंजल ने संजना के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा।
ये सुनते ही संजना उसके गले लगकर रोने लगी।
किंजल उसके सिर पर हाथ फेर रही थी। वो अपनी बहन को अच्छे से जानती थी । बचपन से दोनो बहने पक्की वाली सहेलियां थी । एक दूसरे कि मन कि बात दोनो एक जटके मे समझ जाती थी।
" बस कर संजू .. जो होना था वो हो गया.. " किंजल ने संजना के आंसू पौछते हुए कहा।
संजना भी अब चुप हो गई थी।
" संजू तूने शादी का फैसला सोच समझ के किया है ना ? "
" ये तो मे नहीं जानती पर अब जो मम्मी पापा और भाई चाहेंगे वो ही मे करूंगी "
" देख संजू ये तेरी पूरी लाइफ का सवाल है .. रिश्ते मन से जुड़ते हैं , प्यार से जुड़ते हैं जबरदस्ती से नहीं .. "
" नहीं उन्होंने कोई जबरदस्ती नहीं कि मेरे साथ मैने ही ये फैसला किया है और हरदेव जी अच्छे इंसान है मैंने उनसे इस बारे में बात कि थी "
" तो उन्होंने क्या कहा ? "
" उन्होंने कहा कि उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है .. वो कह रहे थे कि समय के साथ सब कुछ ठीक हो जाएगा .."
" ठीक है .. पर सुन तूझे जरा भी एसा लगे की तू इस रिश्ते से ख़ुश नहीं है तो मुझे बताना मे हमेशा तेरे साथ हूं "
" ठीक है " ये कहते हुए संजना मुस्कुराती हुई फिर से किंजल के गले लग गई।
" ये अनिरूद्ध कि फोटो तो दिखा मुझे कि वो दिखता कैसा था ? कभी मेरे सामने आए तो मे अच्छे से उसे बता सकु कि उसने मेरी बहन का दिल दुखाके अच्छा नहीं किया.. उसे तो मे छोडूंगी नहीं .." किंजल को बहुत गुस्सा आ रहा था।
संजना ये सुनकर कुछ भी बोली नहीं।
" अरे दिखाना फोटो.."
" मैंने तुझे भेजे तो थे हमारे कई सारे फोटो "
" कब ? मैंने तो देखे नहीं "
" अरे जब मैंने तुम्हे मेरे और अनिरूद्ध के बारे में बताया था "
" हा लगता है गलती से डिलीट हो गए होंगे .. मैंने डाउनलोड भी नहीं किए थे"
" ठीक है अभी दिखाती हूं .."
" संजू... किंजल जल्दी नीचे आओ खाना तैयार है .." रागिनी जी ने आवाज लगाते हुए कहा।
" चलो मे बाद मे तूझे दिखाती हूं अभी मुझे बहुत तेजी से भूख लगी है "
" ठीक है चलो " किंजल ने कहा और दोनो बहने नीचे खाना खाने चली गई। "
इस तरफ ओब्रॉय हाउस में सर्वेंट अनिरूद्ध के पास आया..
" सर ये आपके लिए पार्सल आया है "
" ठीक है लाओ " अनिरुद्ध ने वो पार्सल लेते हुए कहा।
उसने बॉक्स खोला तो उसमें मिठाइयां और एक कार्ड था।
कार्ड देखते ही उसके चहेरे का रंग उड़ गया।
वो कार्ड संजना कि शादी का था।
तभी उसके फोन पर मोहित का कोल आया।
" हेल्लो"
" जी मि. ओब्रॉय मे मोहित बोल रहा हूं .. "
" हा मोहित बोलिए "
" आप को संजना कि शादी का इन्विटेशन कार्ड भेजा है .. वैसे तो हमे खुद वहा आना चाहिए पर शादी कि तैयारियों में आ नहीं पाए "
" कोई बात नहीं "
" तीन दिन बाद हल्दी और संगीत है और अगले दिन शादी आप जरूर आइएगा "
" ठीक है मे जरूर आऊंगा .. "
" जी धन्यवाद " मोहित ने कहा और कोल कट कर दिया।
" सिर्फ तीन दिन है मेरे पास अपने काम को अंजाम देने के लिए "अनिरूद्ध ने गहरी सांस लेते हुए कहा।
" हा और उनको बताने के लिए कि जगदीश त्रिपाठी और उनका बेटा उनके रिश्ते के लायक नहीं " पीछे से कोई अनिरूद्ध के कंधे पर हाथ रखते हुए बोला।
" हा सौरभ उन दोनों बाप बेटे को अपने किए कि सजा में दिलवाकर रहूंगा.. मुझे और संजना को जुदा करके उन्होंने ठीक नहीं किया.." अनिरूद्ध कि आंखे गुस्से से लाल हो चुकी थी।
" हा अनिरूद्ध .. उसे लगता है कि वो उसके रचाए खेल मे जीत गया है पर जब प्यार सच्चा हो तो उसे जुदा करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.."
" पर सौरभ जब संजना को पता चलेगा कि अनिरूद्ध ओब्रोय ही अनिरूद्ध सिन्हा है और में उसे अभी तक धोके में रख रहा था तो क्या होगा..? क्या वो मुझे माफ़ करेगी..? " अनिरूद्घ के चहेरे पर संजना को खोने का डर साफ नजर आ रहा था।
" हा.. वो तुमसे नाराज जरूर होंगी पर वो नहीं जानती की उस दिन तुम्हारे साथ क्या हुआ था? और क्यों तुम अपनी असली पहचान छुपा रहे थे ? जब सच उसके सामने आएगा तब वो जरूर तुम्हे माफ़ कर देगी । "
" हा यार काश सब कुछ ठीक हो.. संजना को ये बात कही और से गलत तरीके से मालूम हो इससे पहले ही मे खुद सब कुछ उसे बता दूंगा और उससे माफ़ी भी मांग लूंगा.."
" तुम ठीक कह रहे हो अनिरूद्ध .. ये बात तुम्हे जल्द ही उसे खुद जाकर बतानी चाहिए .." सौरभ ने भी अनिरूद्ध कि बात पर सहमति जताते हुए कहा।
" संजना कि हल्दी और संगीत कि रस्मे शुरू हो उससे पहले ही मे उसे सब कुछ सच बता दूंगा .. उसकी और हरदेव कि सगाई मैने कैसे भी करके बर्दाश्त कर ली पर उसके नाम कि हल्दी और महेंदी संजना को लगे ये में हरगिज़ बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा.." अनिरूद्ध ने खड़े होकर गुस्से मै अपनी मुठ्ठी कसली थी।
" Dont worry अनिरूद्ध हम एसा कुछ नहीं होने देंगे .. मे तुम्हारे साथ हूं ना .." सौरभ ने अनिरूद्ध को सांत्वना देते हुए कहा।
" हा और हम भी " पीछे से सौरभ के मम्मी पापा अखील मल्होत्रा और अनुराधा मल्होत्रा ने आते हुए कहा।
उन सब को एसे अपना साथ देते हुए देखकर अनिरुद्ध कि आंख भर आई..
" थैंक यू अंकल आंटी.. " अनिरूद्ध ने दोनो को एकसाथ गले लगा लिया।
" मेरे बच्चे तू चिंता मत कर ईश्वर सब कुछ ठीक कर देगा । " अनुराधा जी ने अनिरुद्ध के सीर पर हाथ फेरते हुए कहा।
" हा बेटा .. तेरी आंटी बिल्कुल सही कह रही है .. तू बस अपने प्लान पर फोकस कर " अखील जी भी अनिरूद्ध के सीर पर हाथ रखते हुए बोले।
" ये लो इस इमोशन ड्रामे मे ये लोग इस बेटे को तो भूल ही गए .." सौरभ ने मुंह बना लिया था।
" चल तू भी आजा " अनिरूद्ध ने सौरभ को भी गले से लगा लिया।
🥰 क्रमशः 🥰