हीरोइन - 14 Prabodh Kumar Govil द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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हीरोइन - 14

भारतीय फिल्म आकाश में कई नक्षत्र सितारों से चमके हैं। अलबत्ता बॉलीवुड तो है ही सितारों की आकाश गंगा, द ग्रेट गैलैक्सी !
लेकिन फ़िर भी समय - समय पर यहां चमक और दमक के अखाड़े सजे हैं। अपनी सलाहियत, हिम्मत, जीवट और ताक़त से एक नक्षत्र ने दूसरे को अपने और जग के सामने झुकाया है, और देखने वालों को मुकाबलों का मज़ा आया है।
पृथ्वी राज कपूर के खानदान की एक बेटी करिश्मा का करिश्मा देख लेने के बाद जब दूसरी करीना, फ़िल्मों में आने के लिए घर की दहलीज पर आई तो लोगों की निगाहें सहसा उठ गईं,क्योंकि राज कपूर घर की महिलाओं का फ़िल्मों में काम करना गवारा नहीं करते थे।
और करीना की एंट्री भी अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन के साथ हो रही थी, फ़िल्म थी रिफ्यूजी।
ज़ाहिर है कि करीना से दर्शकों को उम्मीदें भी बड़ी थीं। ये उम्मीदें "मुझे कुछ कहना है,अजनबी,चमेली" जैसी फ़िल्मों से तो पूरी नहीं हुईं लेकिन "कभी खुशी कभी गम" जैसी मल्टी स्टारर फ़िल्म में काजोल के समकक्ष करीना की उपस्थिति ने दर्शकों का ध्यान ज़रूर खींचा।
लेकिन इसके बाद "ओंकारा, जब वी मेट,गोलमाल,बजरंगी भाईजान" जैसी सफल फ़िल्मों ने करीना का कद बढ़ाया। ब्लॉकबस्टर और फ़िल्म उद्योग की दिशा मोड़ देने वाली फ़िल्म "थ्री इडियट" ने करीना को एक बड़ी हीरोइन सिद्ध किया और वो तेज़ी से टॉप की ओर बढ़ने लगीं।
करीना दीया मिर्ज़ा, ग्रेसी सिंह, ईशा देओल, चित्रांगदा सिंह, लारा दत्ता और कोंकणा सेन जैसी अपनी समकालीनों से आगे निकलती दिखाई दीं।
लेकिन इन्हीं दिनों फ़िल्म "अंदाज़" से आई प्रियंका चोपड़ा उन एक्ट्रेसेज़ में नहीं थीं जो आसानी से किसी और की जीत को पचा जाएं। उनके साथ "विश्व सुंदरी" का खिताब भी था।
"मुझसे शादी करोगी, ऐतराज़, ब्लफ़ मास्टर, कृष और सलामे इश्क़" जैसी फ़िल्में उनके खाते में थीं। कई फ़िल्मफेयर पुरस्कारों से नवाज़ी जा चुकी थीं।
उनकी प्रतिद्वंदिता करीना कपूर के साथ ऐसी ठनी कि दर्शकों को लुत्फ़ आने लगा।
और जब दर्शकों ने उन्हें फ़ैशन, बर्फी, अग्निपथ, मेरीकॉम तथा बाजीराव मस्तानी जैसी फ़िल्मों में देखा तो मान लिया कि फ़िलहाल प्रियंका चोपड़ा जैसा कोई नहीं। प्रियंका चोपड़ा में एक बड़ी हीरोइन के तमाम गुण नज़र आने लगे।
यद्यपि करीना ने भी पुरस्कारों की झड़ी लगा दी थी, पर प्रियंका चोपड़ा का जवाब वो नहीं बन सकीं। उनकी उड़ता पंजाब में भी उनसे बहुत ज़्यादा सराहना आलिया भट्ट को मिली।
इधर प्रियंका चोपड़ा बॉलीवुड में तहलका मचाने के बाद हॉलीवुड की फ़िल्म "बेवॉच" से तो जुड़ी ही, "क्वांटिको" जैसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति के सीरियल ने भी उन्हें उनके खिताब के अनुरूप ग्लोबल बना दिया। उनकी ज़िंदगी में वो दिन भी आया जब विश्व के सिरमौर न्यूयॉर्क जैसे विराट नगर में उनके चेहरे के पोस्टर छा गए। उनकी कामयाबी एक अंतरराष्ट्रीय स्टार की बन गई और वो भारतीय रजत पट की अपने समय की सर्वोच्च एक्ट्रेस भी कहलाने लगीं। उनकी सफलता का आलम ये था कि जिन मैरी कॉम की बायोपिक में उन्होंने काम किया उनकी ख्याति में भी इसलिए चार चांद लग गए कि उनकी भूमिका प्रियंका चोपड़ा ने निभाई है। इस तथ्य ने प्रियंका चोपड़ा के अभिनय के साथ साथ उनके व्यक्तित्व का कद ऊंचा करने में भी सहायता प्रदान की। लोगों को उनकी सहजता भी असाधारण लगी। प्रियंका चोपड़ा के विवाह ने भी उनकी लोकप्रियता में इज़ाफा किया क्योंकि उनकी शादी संगीत की दुनिया के एक अमेरिकी सुपरस्टार से हुई।
अपनी उपलब्धियों की ये पोटली प्रियंका को उस मुकाम पर ले गई जहां "नरगिस, मधुबाला, मीना कुमारी ,वैजयंती माला, साधना, शर्मिला टैगोर, हेमा मालिनी, रेखा, श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित,काजोल, ऐश्वर्या राय,रानी मुखर्जी के साथ उनका नाम भी "आल टाइम ग्रेट, नंबर वन एक्ट्रेसेज़ ऑफ बॉलीवुड" की सुनहरी सूची में जुड़ गया।