सात बहनों की कहानी ( सच्ची घटना पर आधारित ) HDR Creations द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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सात बहनों की कहानी ( सच्ची घटना पर आधारित )

ये कहानी भी हमारे ही शहर जमशेदपुर की | मुझे पुरी तरह से तो नही पता | की कहानी क्या है | फिर भी मै जितना भी जानता हुँ | आपको बताऊँगा जरुर |

ये घटना मैंनें उन्हीं लोगों से सुना है | जो नदी किनारे रहतें है | ईस बात में कितनी सच्चाई है | मुझे तो नहीं पता | पर कुछ एैसी घटना है | जिस्से मैं अच्छी तरह से परिचित हुँ | और ये सभी चिजें मुझे मानने को मजबुर करती है | की हो न हो ये कहानी एक सत्य घटना पर आधारित है |

बात तब की है | जब आदिवासियों का जमाना था | मनुष्य का विकास उस टाईम नहीं हुआ था | वे लोग जंगलों में रहतें थें | पुरानें जमानें में हत्यार के रुप में तीर और भालाएँ ही होते थे | उन लोगों के हत्यार के रुप में | जिसका ईस्तेमाल वो शिकार करनें या शिकारी जानवरों से बचनें के लिए करतें थें |

बताया जाता है | ईस नदी जिसे हमलोग चिडियाँ नदी भी कहतें है | ये कहाँ तक फैली है मुझे नहीं पता | पर एक बात पता है कि ईस नदी की कहानी की शुरुआत कब से हुई है |

ये कहानी भी उसी टाईम का है | जब आदिवासी लोग रहा करते थे | कहा जाता है की उस टाईम 7 बहनें ईस नदी में डुब कर मरी थी | जिसके बात से ईन बहनों की कहानी हमारे शहर में प्रचलित हुई |

वो सात बहनें कैसे मरी ईसका कोई खास सबुत नही है | पर मेरे मन में या नदी पास रहनें वालें लोगो की बातों से लगता है की उन्हें उन आदिवासियों नें ही मारा है | आपको कया लगता है | अपनी भी राय जरुर दें |

ईस नदी में हर साल किसी न किसी की मौत होती रहती है | एैसा नही की अकसर | साल में एक ही बार वो भी केवल एक ही ईंसान की | मतलब मेरा कहनें का यही है | हर साल कहीं न कहीं से बहता हुआ एक लाश आ जाता है | वो भी बरसात के टाईम में जब नदी का पानी काफी बड़ जाता | है |

दादी नानी के समय से ये चले आ रहा है | हर साल कोई न कोई ईस नदी में मरता ही है | आप अंदाजा लगा लिजिए के उस टाईम से लेकर कितनें ही लोग ईस नदी में मरे होंगे जिसका कोई अंदाजा भी नही है | मुझे जब से होश है | मैंने लगभग 7-8 मौतें देखी है | जो हमारे ही ईस नदी जिसे चिड़ियाँ नदी भी कहते है अभी उतना बाढ़ नही आता है | पर उस वक्त बाढ़ आना एक अहम समस्या थी | खैर अभी बाढ़ नही आता पर बरसात में ये नदी काफी गहरी हो जाती है |

उपर से देखनें पर लगता है खाई के जैसा | ये बीते कुछ साल पहले की ही बात है | और ये घटना से मै पुरी तरह से परिचित हुँ | क्युकी वे बच्चे ईसी मौहल्ले के थे | हुआ युँ के कुछ बच्चे नदी जाते लगभग वो चार पाँच लोग थे | वह नदी जातें है | शाम को पता चलता ही उन्ही बच्चो मे से एक बच्चे की नदी मैं डुबनें से मौत हो जाती है | मुझे उस वक्त की ये घटना पता नही थी | कुछ दिन बित्ते है | तो पता चलता है की वो नदी वैसे ही घुमनें के लिए गए थे | वो बच्चा नारियल निकालनें को नदी में उतरता है | सामनें कम पानी था | पर उसे पता नही था की आगे से नदी काफि गहरा है जगह जगह में खाई जैसा है | तो बच्चा नारियल पकड़नें के लिए आगे बड़ता है | तो वह नदी के बहाव के साथ ही बह जाता है | वहाँ पर मौजुद सभी बच्चे चिल्लाने लगते है | जब बाद में उस बच्चे को निकालते है तो वह मर चुका होता है | हुआ ये था की वो पानी के तेज बहाव के साथ बहते हुए पहाड़ी से टकरा जाता है | और उसी पहाड़ी में फंस जाता है | क्युकी वहाँ पानी बहुत कम था |

ईस घटना के बादसे मैंनें कुछ और भी बातें जानी है | ईस नदी की | कहते है सातो बहनों की मारने की अलग ही तरीका था | कहतें है ईन सातो बहनों में सें

एक आपको हँसा हँसा के मार देगी
दुसरी आपको डरा डरा के
तीसरी आपको रुला रुला के और
चौथी आपको गुदगुदी करके
पाँचवी आपका दम घोटके
और छ: नंबर वाली आपको डुबा कर मार देगी
पर जो 7 नंबर पे आती है जो सबसे छोटी है | जो बहुत ही गंदे तरीके से दिखती है |

वो सातों बहनें आपसे पुछेगी हमसब में कौन पसंद है | वो सभी बहुत ही खुबसुरत दिखती है सिर्फ छोटी वाली को छोड़कर

अगर आप उन 6 बहनों में किसी को भी पसंद करते हो तो आपका मरना निश्चित है |



पर अगर आप सबसे छोटी वाली को पसंद करोगे तो आप बच सकते हो |
पर मैं ईन्हें गलत मानता हुँ क्युँकी आजतक कोई भी डुबनें के बाद जिंदा लौटा ही नही है

तो कैसे मान लुँ की नदी साईड रहनें वाले लोग जो बता रहे हो सच है |

ये हो सकता है की सच में ईस नदी में सात बहनों की आत्मा है जो लोगों को मार रही पर ये भी सच है की जो लोग कह रहे है वह गलत है क्युकी आज तक एैसा नही हुआ की नदी में डुबनें के बाद से कोई बचा हो | जिन्हें तैरना आता उनका नही पता

ईसमें कितनी सच्चाई है मुझे नही पता मैंनें तो सिर्फ उन लोगों से सुना है | मुझे भी ईन बातों पर यकीन नही है | पर जो हर साल लोग नदी में डुबकर मर रहे है उसका क्या | ईस साल भी एक लाश बहकर आया था | वो भी बरसात के ही टाईम में |