कहानी संग्रह - 6 - सबसे गरीब Shakti Singh Negi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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कहानी संग्रह - 6 - सबसे गरीब

सबसे गरीब

सूरजपुर में एक गरीब परिवार रहता था। उसमे एक गरीब वृद्धा अपने छोटे पोते के साथ रहती थी। वहां के राजा ने जब ये सुना तो उसने सोचा कि मेरे राज्य में पांच करोड़ लोग है अतः उसने सभी लोगों को एक - एक रुपया वृद्धा को देने को कहा। सभी ने ऐसे ही किया। कुल 5 करोड रुपए वृद्धा को मिले। अब वृद्धा बहुत अमीर हो गई।







मैं एक बार बचपन में स्कूल से घर आ रहा था। जल्दबाजी के चक्कर में मैंने शॉर्टकट रास्ता पकड़ा। इस शॉर्टकट के रास्ते में एक श्मशान घाट पडता था। जैसे ही मैं शमशान के नजदीक पहुंचा मुझे अपने पीछे कट कट की आवाज सुनाई दी।


मैंने मुड़कर देखा तो एक भयानक कटा हुआ हाथ मेरा पीछा कर रहा था। मैं दौड़कर भागा और बड़ी मुश्किल से घर पहुंचा। अभी भी सपने में कभी-कभी मुझे वह कटा हुआ हाथ दिखाई देता है। आखिर यह क्या था?





विलेन वह है जो दुष्ट है, नीच है, पापी है, खलनायक है। समाज के लिए खतरा है, मानवता के लिए खतरा है, देश के लिए खतरा है।






मैं और मेरी गर्लफ्रेंड लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं। मैं अपनी गर्लफ्रेंड से बोला जानू हम रहते हैं, इस छोटे से फ्लैट में। मैं रहता हूं और तुम रहती हो यहां।


वह मुस्कुरा कर बोली हां जानेमन हम और तुम।








मैं राजा बन गया। 4 घोड़ो के सुंदर रथ पर मैं सवार हूं। मेरे हाथ में तीर कमान है, कमर में तलवार है। अचानक दुश्मन की 20 अक्षौहिणी सेना ने मुझ पर आक्रमण कर दिया। मेरे पास केवल एक अक्षौहिणी सेना है।


भयंकर युद्ध होने लगा। दुश्मन भारी पड़ने लगा। अचानक दुश्मन की एक बड़ी सैन्य टुकड़ी ने मुझे घेर लिया। मैं अकेला पड़ गया। लेकिन मैंने बहादुरी से अपने दिव्य धनुष पर दिव्य वाण रखे। और बाणों की वर्षा शत्रु की सेना पर करने लगा।


उधर दूसरे छोर पर मेरी छोटी सी सेना की शत्रु से लड़ रही थी। वह सब भी बहादुरी से लड़ रहे थे। मैंने ब्रह्मास्त्र, पाशुपतास्त्र, आदि दिव्य अस्त्र - शस्त्र शत्रु पर गिराए। आखिर शत्रुओं की पूरी सेना खत्म हो गई।


सब शत्रु मृत्यु को प्राप्त हुए। युद्ध में मुझे भी थोड़ी बहुत क्षति पहुंची और मेरी सेना को भी थोड़ी क्षति पहुंची। लेकिन आखिर में युद्ध जीतकर मैं अपनी राजधानी आपस लौट आया। प्रजा ने मेरा भावपूर्ण स्वागत किया। उसके बाद मैंने अपनी सेना के घायलों का इलाज करवाया। और स्वयं का भी इलाज कराया।



इसके बाद मेंने राजधानी की रक्षा व्यवस्था सुदृढ़ की। सेना को और सुदृढ़ और तगड़ा बनाया। मेरा दरबार लगा हुआ है। देश-विदेश के अनेक राजा मेरे दरबार में खड़े हैं। वह मेरी अधीनता स्वीकार करना चाह रहे हैं।


मेरी वीरता को देखकर सब मुझे अपना चक्रवर्ती सम्राट मानने को तैयार हैं। दरबार में मेरी जय - जय कार हो रही है। मैं बहुत प्रसन्न हूं।


अरे यह क्या हुआ। अचानक मेरी नींद खुल गई। तो यह क्या मैं ये सब सपने में देख रहा था। या पूर्व जन्म की कोई घटना सपने में मुझे दिख रही थी। आपकी क्या राय है। आप ही बताइए।