कहानी संग्रह - 4 - ढाबे में नौकरी Shakti Singh Negi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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कहानी संग्रह - 4 - ढाबे में नौकरी

ढाबे में नौकरी

दिनेश एक संपन्न परिवार से है। उसका बचपन सुख सुविधा में गुजरा। पर वह 42 वर्ष की उम्र तक कंपटीशन की तैयारी करता रहा। आखिर वह असफल रहा। आर्थिक तंगी आने लगी। आखिर अपने बच्चों का पेट भरने के लिए उसने किसी होटल-ढाबे में नौकरी करने की सोची। वह देहरादून गया। 2-4 ढाबों में पूछने पर आखिर उसे एक ढाबे में नौकरी मिल गई।
रोज 5-6 बजे सुबह उठकर वह अन्य कर्मचारियों के साथ काम पर लग जाता। और रात 1:30-2:00 बजे तक वह काम करता रहता। लगभग 20 घंटे की रोज ड्यूटी होती। दिनेश सोचता आखिर इन ढाबे वालों को 8 घंटे की ड्यूटी का नियम मालूम है भी या नहीं। बड़ी मुश्किल से एक महीना बिता उसने अपनी तनख्वाह ढाबे के मालिक से मांगी। बार-बार मांगने पर आखिर उसने 15 दिन लेट तनख्वाह दी। तनख्वाह 5000 थी। तनख्वाह लेते ही दिनेश घर आ गया। आखिर इतने परिश्रम के बाद इतनी कम सैलरी में गुजारा कैसे हो? काम के घंटे ज्यादा, कठिन परिश्रम, फिर भी ढाबे के मालिक के ताने और अंत में इतने कम पैसे वह भी कई दिन लेट। 15 दिन की तनख्वाह तो वही छोड़नी पड़ी। अब दिनेश 3 माह से खाली बेरोजगार बैठा है। आखिर वह क्या करें?









"लोग क्या कहेंगे" अक्सर ये जुमला हर दूसरे व्यक्ति के मुंह से सुनने को मिलता है. भाई मैं तो अच्छे कपड़े पहनूंगा नहीं तो लोग क्या कहेंगे. थोड़े पैसे पास में हैं तो अपनी शादी पर खूब खर्च करूंगा नहीं तो लोग क्या कहेंगे. बीवी को अच्छे गहने पहनाऊंगा नहीं तो लोग क्या कहेंगे.


अच्छे होटल में बैठकर खाऊंगा नहीं तो लोग क्या कहेंगे. बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाऊंगा नहीं तो लोग क्या कहेंगे. यह लोग क्या कहेंगे शब्द समूह कई अच्छी चीजों में काम आता है. यह जीवन में आगे भी बढ़ाता है. आदमी को मॉडर्न भी बनाता है.


भाई अच्छी वाली ब्रांड की जींस पहनूंगा नहीं तो लोग क्या कहेंगे. नहीं तो लोग क्या कहेंगे इस तरह यह एक सकारात्मक वाक्य भी है पर कुछ क्षेत्रों में यह नकारात्मक भी है. आपकी राय क्या है.







मैं एक बार बस में रात के समय सफर कर रहा था। एक सुंदर सी लड़की मेरी बगल की सीट पर आकर बैठ गई। रास्ते में हम दोनों में बातचीत होने लगी। कुछ ही देर में यूं लगने लगा जैसे वह एक अजनबी न हो बल्कि युगों युगों से मेरी जान पहचान की हो।


उसने अपना फोन नंबर मुझे दिया और मैंने भी उसे अपना दिया। अपने गंतव्य तक पहुंचते-पहुंचते हम दोनों अजनबी नहीं रहे गऐ थे। हम दोनों दोस्त बन चुके थे। आज भी मुझे वह अजनबी याद आती है, जो अब मेरीे होने वाली बीवी है।










समय एक बहती धारा है। आज जो 5 वर्ष का बच्चा है, 50 साल बाद वह 55 साल का बुड्ढा होगा। आज जो 20 वर्ष की सुंदर युवती है, 50 साल बाद वह 70 वर्ष की नीरस बुढ़िया होगी।








एक बूढ़ा है कई सदियों पुराना। घाव लगे हैं पूरे शरीर पर उस के। इंतजार कर रहा है वह मुक्ति का।


तड़प रहा है वह पीड़ा से। 5000 साल हो गए हैं उसे इस धरती पर। अमर है वह लेकिन श्रापित भी।


लेकिन जल्द ही किसी के आने से श्राप टूट जाएगा उसका। वह है द्रोण पुत्र अश्वत्थामा।









कमला देवी का आशीर्वाद किसको पसंद नहीं है. उनके आशीर्वाद से एक निर्धन अमीर बन जाता है.


रोडपति करोड़पति बन जाता है. हे विष्णु भगवान माता कमला देवी मुझ पर भी कृपा कर दे.







मुझे डर लगता है हर गंदे काम से. मुझे डर लगता है नियमों को तोड़ने से. मुझे डर लगता है कानून को तोड़ने से.


मुझे डर लगता है अधर्म करने से. मुझे डर लगता है हर बुरी चीज को करने से. आपकी क्या राय है मैं गलत हूं या सही.








मेरे कई लड़कियों से अवैध संबंध हो गये. मैंने बहुत मजा लूटा. लेकिन लास्ट में मेरे इससे कई दुश्मन पैदा हो गये और मुझे कई बीमारियां भी हो गई.


इतना मजा लूटने के बाद मैं अब बहुत कष्ट में पड़ गया. अब मैं अकेले खाट पर पड़ा रहता हूं. पहले जहां 10 - 10 लड़कियां मेरी सेवा करती थी. अब कोई भी मेरी सेवा नहीं करता.


आप ही बताइए. मेरी हालत का जिम्मेदार कौन है? आपकी क्या राय है?


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आजकल वाकई प्यार का मौसम है. आज ही दो सुंदर सी लड़कियों ने मुझे प्रपोज किया. मैं आश्चर्यचकित रह गया. हालांकि मैं लंबा - चौड़ा, गोरा - चिट्टा, मजबूत बॉडी का इंसान हूं. लेकिन मैं सोच नहीं पाया कि किसका प्रपोजल स्वीकार करूं.

मैं दिन भर सोचता रहा. एक लड़की बहुत सुंदर है लेकिन वह थोड़ी काली है. दूसरी लड़की भी काफी सुंदर है लेकिन वह बहुत गोरी है. आपकी क्या राय है? मैं किसका प्रपोजल स्वीकार करूं.

प्लीज कमेंट कीजिए जल्दी -जल्दी. मेरी जिंदगी का सवाल है आखिर भैया.









मेरी उम्र 1000 साल है. मैं लगभग अमर ही हूं. मैं हमेशा जवान ही रहता हूं. मैं बहुत सुंदर और हृष्ट - पुष्ट हूं. जब मैं 16 वर्ष का था, तब मैंने पहली शादी की थी. तब से आज तक मैं कई शादियां कर चुका हूं.


अभी भी कई लड़कियां मुझे प्रपोज करती रहती हैं. कभी-कभी मैं इस जिंदगी से बोर हो जाता हूं. आखिर मैं कब तक शादियां करता रहूंगा. आपकी क्या राय है? मैं क्या करूं?