मैं अकेला ही काफी हूँ Mohit Rajak द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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मैं अकेला ही काफी हूँ

दोस्तों हमारे साथ अक्सर ऐसा है, होता जब हमे कोई नहीं समझता है । हमारे साथ कोई भी नहीं होता है, हमे हमारी मंजिलो तक खुद ही चलना पड़ता है कोई साथ नहीं देता है , ऐसे में जब कोई भी हमे नहीं समझता तो हमे निराश न होकर खुद ही अकेले अपनी मंजिलो तक जाना चाहिए।
दोस्तों यहाँ पर आपको कुछ कविता मिलेगी जो आपको अकेले ही आगे बढ़ने मे होंसला देगी..

चल रहा हूँ अकेला,सपने मेरे पास है
कोई साथ दे न दे ,खुदा मेरे साथ है,
जा रहा है अंधेरा🌑 नये सुबह🌄की शुरुआत है
गिरकर मैं फिर उठा हूँ यही तो मेरी खास बात है,
कोई साथ दे न दे, खुदा मेरे साथ है,
आशाओं का दीपक💡 मन में जलाकर,
हौसलों का तुफान🌪सीने में दबाकर,
चल रहा हूँ अग्निपथ पर, मुझे खुद पर विश्वास है,
कोई साथ दे न दे, खुदा मेरे साथ है।


दोस्तों आपको खुद पर
और खुदा पर विश्वस करना होगा, जब कोई साथ न दे तो अकेले चलने का होंसला रखना होगा, जब इंसान अकेला होता हैं तो निराश हो जाता है और ख़ुद को असाहय और कमजोर समझने लगता हैं, परंतु ये ही स्थिति इंसान को मजबूत बनाती है, ऐसे समय इंसान को खुद का ही सहारा बनना चाहिए, और यह खुद से कहना चाहिये, की भले ही आज मे अकेला ही किंतु कल पूरा जमाना साथ होगा, बस ढल गया है सूरज कल फिर प्रकाश होगा।
दोस्तों ये कविता आपको अंदर से मजबूत करेगी और आपको अकेले ही अपनी मंजिल तक जाने का साहस प्रदान करेगी..
आज अकेला हूँ, कल जमाना साथ होगा,
छिप गया है सूरज कल फिर प्रकाश होगा,
अंधेरो से लड़कर खुद को जगाना⏰ है,
मेहनत की ज्वाला को दिल💜में जलाना🔥 है,
इसी आग 🔥से रोशन ये आसमान⛅ होगा,
आज अकेला हूँ, कल जमाना साथ होगा
बस छिप गया है सूरज कल फिर प्रकाश होगा,
संघर्ष का मैदान है, दिल💜में एक तुफान है,
दुनिया में कुछ पाने के लिए बनना मुझे महान है
इसी इरादे से ही एक दिन☀ रोशन ये जंहान होगा
आज अकेला हूँ, कल जमाना साथ होगा.....
सितारों की बस्ती में, हसीनाओं की हस्ती में,
जगमगाता एक ✨⭐star✨⭐ होगा
आज अकेला हूँ, कल जमाना साथ होगा....


जीवन एक संघर्ष है इसमे इंसान को अकेले ही चलना पड़ता है
लोग बस सलाह देते हैं और कोई साथ नहीं देता है, कुछ अच्छे लोग आपको सही रास्ता जरूर बता देते हैं किंतु उन रास्तों पर अकेले ही चलना पड़ता है। यही जीवन की सच्चाई है असफलता में लोग आपका साथ छोड़ देते हैं जबकि सफलता में लोग आपका साथ देने आ जाते हैं, लोगों का व्यहार आपके समय साथ बदल जाता है, और जो आपको कुछ नहीं समझते हैं वो भी आपको अपना समझने लगते हैं, बस जिसमे अकेले चलने के हौसले होते हैं उन्ही के पीछे एक दिन काफिले होते हैं...
कोई साथ न देगा तेरा,
तुझे अकेले ही चलना पड़ेगा
जब दुनिया देगी ठोकरे तो
तुझे खुद ही संभलना पड़ेगा
जब तुम गिरोगे तो, कोई न तुम्हे उठायेगा
तुम्हारी बर्बादी पर, जमाना तालियां बजायेगा
लोगों के तानो को सुनकर तुम्हें
आगे निकलना पड़ेगा.....

कोई साथ न देगा तेरा, तुझे अकेले ही चलना पड़ेगा
सलाह सब देगे तुझे, हजार कमियाँ तेरी बता देगे
जैसे- जैसे तुम आगे बड़ोगे, तेरी राहों में कांटे बिछा देगे
काँटों से बचकर तुम्हे निकलना होगा..


कोई साथ न देगा तेरा, तुझे अकेले ही चलना पड़ेगा....

सफलता का कोई विकल्प नहीं होता,
बिना गिरे कोई बुलंद नहीं होता
लोगों की बातों को नज़र अंदाज कर
तुझे खुद पर विश्वास करना पड़ेगा


कोई साथ न देगा तेरा,
तुझे अकेले ही चलना पड़ेगा........

दोस्तों आशा है आपको ये छोटी सी कविता पसंद आई होगी, और इससे आपको अकेले ही दुनिया में चलने और अपनी मंजिलो तक पहुँचने में थोड़ी मदद मिलेगी
आप सभी दोस्तों और पाठको का बहुत बहुत धन्यबाद

जय हिंद, जय भारत

मोहित रजक