ये उन दिनों की बात है - 27 Misha द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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ये उन दिनों की बात है - 27

फिर कुछ सोचकर मैंने कहा, ठीक है, तुम्ही बताओ कहाँ मिले?

नाहरगढ़ चलोगी? उसने मेरी तरफ देखते हुए कहा |

नाहरगढ़? इतनी दूर? थोड़ा-सा झिझकते हुए पूछा मैंने |

इतनी दूर भी नहीं है और मैंने सुना है कि कपल्स अक्सर वहीँ पर मिला करते हैं | वो उनके एकान्त की जगह है जहाँ वे ढेर सारी बातें करते हैं | हाथों में हाथ डालकर घुमते हैं और……………… इतना कहकर वो चुप हो गया |

और क्या? क्या कहना चाहते हो तुम? मैंने डरते-डरते पूछा |

और वहीँ जो मैं तुमसे सुनना चाहता हूँ और तुम मुझसे | "देट थ्री मैजिकल वर्ड्स" "व्हेन एवरीवन इज इन लव देन दे से टू ईच अदर", मुस्कुराते हुए कहा उसने | जहाँ तुम्हारे और हमारे सिवा कोई और नहीं होगा |

मैं शर्मा सी गई थी |


संडे को फ्री हो ?

संडे को तो पापा रहते हैं |

ऐसा करना तुम घर पर बता देना कि तुम कामिनी के घर पढ़ने जा रही हो |

पर उसका घर तो पास ही है |

अरे पूरी बात तो सुनो ना!!

हाँ......तो....तुम कहना कि मैं कामिनी के घर जा रही हूँ | कामिनी के घर से फिर तुम हवा महल की ओर जाना जहाँ मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रहा होऊँगा | बस अब ये तुम्हे कैसे करना है, कैसे मैनेज करना है, ये तुम डिसाइड कर लेना | हमारी फर्स्ट डेट पर क्या पहनोगी तुम?

अब मैं अपनी ड्रेसेस गिनने लगी | लाल, पीली, नीली, पोल्का डॉट्स वाली, व्हाइट वाली, नहीं, नहीं, वो तो किसी त्यौहार या पार्टी में ही पहनी जा सकने वाली ड्रेस है | इस तरह मैं खुद से ही बातें किये जा रही थी और कंफ्यूज हुए जा रही थी |

मैं कुछ मदद करूँ, अंततः सागर ने कहा |

हम्म्म्म्म.............

मैंने कहा, "मेरी हेल्प चाहिए"!! सागर ने फिर से दोहराया |

हाँ....हम्म........मैं हाँ में सिर हिलाया |

वो तुमने सरिस्का पिकनिक प्रोग्राम पर जो ड्रेस पहनी थी, "वो पोल्का डॉट्स वाली ड्रेस", वो पहन लेना | सिंपल एंड सोबर है, तुम काफी क्यूट लगती हो उसमें | ठीक है तो तय रहा दो दिन बाद संडे को ठीक 4 बजे हवा महल पहुँच जाना |

4 बजे!! ज्यादा लेट नहीं है!!

नहीं, ज्यादा लेट नहीं है |

फिर आएंगे कितने बजे?

6 बजे तक वापस आ जायेंगे | ओके, एनी डाउट्स!!

मैंने नहीं में सिर हिला दिया |

एक बात पूंछूं?

हाँ |

क्या लिख रहे थे?

वो तुम्हें मिलकर ही बताऊंगा |

मैंने कामिनी को हमारे बीच की सारी बातें कह सुनाई | सुनते ही कामिनी हँस पड़ी |
क्यों हँस रही है तू? कोई चुटकुला तो नहीं सुनाया मैंने |
तेरी बेवकूफी पर हँस रही हूँ पागल |
क्यों? ऐसी क्या बेवकूफी कर दी हमने, जरा हमें भी तो पता चले, इतराते हुए मुँह बिचकाते हुए कहा मैंने |
बेवकूफी ही तो है | ऐसा कौन कहता है की कामिनी से पूछकर बताऊंगी |
"सागर मियाँ" अरे मेरा मतलब है की "जीजाजी" ने सोचा होगा की किस बेवकूफ से प्यार-व्यार कर लिया | कहकर कामिनी फिर हँस पड़ी और फिर से मैं उसे मारने को दौड़ी |

हम दोनों ही बिस्तर पर गिर गए और फिर हँसने लग गए |

अच्छा, अच्छा, अब बता आगे क्या करना है |
परेशान ना हो बच्चा!! देवी कामिनी है ना, सब ठीक हो जायेगा | देवी कामिनी का आशीर्वाद सदैव तुम्हारे साथ है बच्चा, कहकर उसने आशीर्वाद की मुद्रा में हाथ ऊंचा किया |

अच्छा, अच्छा, देवी कामिनी आपकी जय हो | आप साथ हैं तो सब ठीक ही होगा, मैंने हाथ जोड़ते हुए कहा और फिर हम दोनों ही हँस पड़े |


और फिर वो दिन आ ही गया जब हमें एक दुसरे से अपने दिल का हाल कहना-सुनना था |

मैं तैयार हो रही थी और साथ ही "सजना है मुझे सजना के लिए" गाना गुनगुना रही थी |

आज कोई स्पेशल दिन है क्या!! इतना सज धजकर और ये ड्रेस पहनकर कहा जा रही हो, नैना ने कमरे में आते ही ये सवाल पूछा |

तुझसे बिना टोके रहा नहीं जाता क्या!! कितनी बार कहा जब कोई कहीं जा रहा हो उसे टोका नहीं करते |

ऐसा भी मैंने क्या कह दिया, ठीक है नहीं बताना तो मत बता, मुझे क्या |

कामिनी के घर जा रही हूँ, खुश और ये कहकर मैं नीचे आई |

मम्मी, मैं जा रही हूँ |

ठीक है |

मैं कामिनी के घर पहुंची | फिर कामिनी और मैं हवामहल की ओर चल दिए |


सागर वहां पहले से ही खड़ा मेरा इंतज़ार कर रहा था |

वो रहा सागर, मैंने सागर की तरफ इशारा किया |

जैसे ही कामिनी आगे बढ़ने को हुई मैंने उसे रोका |
"क्या हुआ" ?
स्कार्फ़ तो बाँधने दे किसी ने देख लिया तो शामत आ जाएगी, मैंने स्कार्फ़ से चेहरा ढकते हुए कहा |
अरे ये तो मैंने सोचा ही नहीं!!
हम्म्म्म.........मुझे पागल बता रही थी |

उस समय किसी लड़के से मिलने जाना मतलब गहरी खाई को पाटने के समान था | हम ऐसे ही चोरी छुपे मिला करते थे | इसी तरह चेहरा ढकते थे ताकि कोई जानकार मिल भी जाए तो उसे पता ना चल पाए की दुपट्टे के अंदर चेहरा किसका है|

सागर मेरी सहेली को लेकर जा रहे हो उसे ज्यादा परेशान मत करना, कामिनी ने हिदायत देते हुए कहा |

नहीं करूंगा जी, सागर हँस पड़ा |

मैं कामिनी से गले मिली और उसके कान में कहा डर लग रहा है मुझे |
उसने धीरे से मेरा हाथ दबाया और सागर की तरफ इशारा किया मानों कह रही हो वो तेरा अच्छे से ख्याल रखेगा |