द डार्क तंत्र - 12 Rahul Haldhar द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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द डार्क तंत्र - 12


Grimoire - 4


सुबह-सुबह 26 - 27 साल का एक लड़का थाने में आकर ऑफिसर साहब को ढूंढ रहा है यह देखकर इंस्पेक्टर रवि उसके पास गए ।
" तुम बाजार के मोड़ वाले दुकान के इलेक्ट्रिशियन हो न लेकिन तुम्हें ऑफिसर साहब से क्या काम है ? "
इसके जवाब में उस लड़के ने सिर झुकाकर बोला - " यह बात मैं बड़े साहब को ही बताऊंगा । "
इसके बाद इंस्पेक्टर उसे ऑफिसर साहब के केबिन में लेकर गए ।
" सर बाजार के मोड़ पर जो इलेक्ट्रॉनिक का दुकान है । उस दुकान का लड़का आपके साथ कुछ जरूरी बात करना चाहता है । "
कुर्सी की तरफ निर्देश करते हुए ऑफिसर साहब बोले -
" हाँ बैठो , बताओ क्या हुआ है ? "
इंस्पेक्टर रवि खड़े रहे और उस लड़के ने कुर्सी पर बैठकर जो बोला उसे सुनते ही ऑफिसर साहब और इंस्पेक्टर दोनों आश्चर्यचकित हो गए ।
" सर , मेरा नाम अमित है । यहाँ लगभग तीन सालों से हूं और वह दुकान मेरा ही है । असल में मैं अपने आप को सरेंडर करने आया हूं । अंतिम हत्या जो हुई है उसे मैंने ही किया है । मैं ही हत्यारा हूं । "
बोलते हुए अमित रोने लगा । ऑफिसर साहब और इंस्पेक्टर दोनों ने एक दूसरे को देखा । दोनों के चेहरे पर हैरानी साथ दिखाई दे रहा था ।
इंस्पेक्टर रवि ने मोबाइल के रिकॉर्डर को चालू करके अमित के आगे रख दिया और बोले ,
- " तुम बोलते रहो और सब कुछ साफ-साफ बताओ । "
अमित ने बोलना शुरू किया ,
- " आप जानते हैं कि हत्या जलाकर किया गया है । पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह भी पता लग गया है कि उसके
पीठ पर तीन बार किसी धारदार हथियार से मारा गया है । वो मेरा ही स्क्रुड्राइवर था । मैंने ही उसके पीठ पर मारा और वह नीचे गिर गया फिर इसके बाद क्या हुआ था ये मैं नहीं बता सकता । लेकिन अगर मैं उस दिन उस आदमी पर पीछे से वार न करता तो वह बच जाता । सर , मुझे गिरफ्तार कर लीजिए । "

बाहर की व्यस्तता और थाने के अंदर कोलाहल के अलावा पूरा केविन शांत है । दोनों ही हैरान होकर सुन रहे थे ।
" लेकिन तुमने उसको स्क्रूड्राइवर से क्यों मारा ? तुम उसे कैसे जानते हो ? और उसके शरीर को किसने जलाया ?
जो कुछ भी बताना है सब कुछ शुरू से बताओ । "
इतना कहते हुए और भी कुछ कहने जा रहे थे ऑफिसर साहब लेकिन उनको रोककर अमित बोला - " मैं इस बारे
में और कुछ भी नहीं बता सकता । मैं अपने गुनाह को मान रहा हूं आप मुझे गिरफ्तार कर लीजिए । इसके आगे अगर मैंने कुछ बताया तो मैं जिंदा नहीं बचूंगा । "
इंस्पेक्टर रवि बोले - " बोलना तो तुमको पड़ेगा क्योंकि किसी और का भी जीवन संकट में है । किसी भी वक्त कुछ भी हो सकता है और हम उसे बचा नहीं पाएंगे । इसीलिए तुम जो कुछ भी जानते हो सब कुछ खुलकर बताओ । समय मतलब बर्बाद करो । "
एक बार ऑफिसर साहब और फिर इंस्पेक्टर रवि की तरफ देख सिर झुकाकर अमित बोला
- " मैं जो कुछ बताऊंगा उस पर आपको विश्वास नहीं होगा । फिर भी बता रहा हूं आगे आप ही विचार कीजियेगा । "
अमित ने बताना शुरू किया ,
" मैं जब यहां आया तो फ्लैट के मालिक तांत्रिक गोविंद के साथ अच्छा खासा परिचय हो गया । वो मुझे बहुत ही प्यार करते थे । इसके बाद उन्होंने मुझे अपना शिष्य बनाया लेकिन यह बात किसी को भी नहीं पता । मैं दिन भर दुकान पर रहता और रात को चंडी घाट के पास वाले श्मशान के दुसरे तरफ नदी के पास तांत्रिक गोविंद से तंत्र साधनाएं सीखता । वो पूरी रात साधना करते थे ।
भयानक नकारात्मक शक्तियों की पूजा करते और मैं उनके साधना में लगने वाले समानों का जुगाड़ व उनका आदेश पालन करता था । उनके पास से बहुत सारे नए तंत्र विद्याओं को मैंने सीखा था और इसी में मैं नशापूर्ण हो गया । मैं भी तांत्रिक गोविंद को अपने पिताजी की तरह सम्मान करता था । तांत्रिक बाबा के पास एक प्राचीन ग्रिमोअर है । "
बात को बीच में रोकते हुए स्पेक्टर रवि बोले - " रुको रुको , ग्रिमोअर , ये क्या है ?
" ग्रिमोअर एक प्राचीन जादू की किताब है । यह किताब बहुत ही खतरनाक है । उस किताब के बदौलत भविष्य की बातों के साथ ही भूत , प्रेत , आत्मा को बुलाने का मंत्र भी
उसके अंदर लिखा है । कहा जाता है कि कई नकारात्मक शक्तियों के द्वारा इस किताब को तैयार किया गया है । अलग-अलग शक्तियों के बारे में इसके अंदर बताया गया
है । जैसे प्रेत , पिशाच , बेताल , भूत साधना , मारण , उच्चाटन , वशीकरण , स्तम्भन , शव साधना ऐसे कई प्रकार के तंत्र विद्याओं के बारे में इस किताब के अंदर लिखा गया है । ग्रिमोअर में विदेशी तंत्र भी हैं जो हमारे तंत्र क्रियाओं से
पूरी तरह अलग है । लेकिन तांत्रिक बाबा हमारे तंत्र और ग्रिमोअर में लिखे हुए निर्देश का पालन करके और उन दोनों को मिलाकर किसी भयानक , अलौकिक किसी शक्ति को उन्होंने जगाया है । वह भयानक शक्ति बदला लेता है और पाप और पुण्य के बीच हिसाब करता है । "
कुछ देर रुककर फिर से अमित ने बोलना शुरू किया -
" लेकिन इतने दिन मैं यही जानता था कि तांत्रिक बाबा यह सब लोगों के भले के लिए ही कर रहे हैं लेकिन उस रात को मेरा सोच बदल गया । मैं वैसे भोर तक नहीं रहता था । श्मशान में गांजा पीकर वहीं सो जाता लेकिन उस दिन मैंने यज्ञ के सभी सामान को लेकर तांत्रिक बाबा को दिया । इसके बाद तांत्रिक बाबा के ध्यान पर बैठते ही मैं शमशान
में पास आकर गांजा पी रहा था । अचानक मैंने देखा एक
लड़की इतनी रात को अकेले नदी के पास जा रही है । पहले मैंने सोचा शायद नशा के कारण कुछ गलत देख रहा हूं लेकिन पीछा करने पर पता चला बाबा उस लड़की को साथ में लेकर नदी के ऊपर बने पुल से उस पार जा रहे थे । मैं भी उनके पीछे पीछे गया और देखा कि वह दोनों नदी पार होकर उस गोदाम के अंदर गए । मैं छुपकर सब कुछ देख रहा था ।
मैंने देखा गोदाम के अंदर एक आदमी कुर्सी पर बेहोश बैठा है । उसके हाथ - पैर बंधे हुए थे और दो मोमबत्ती भी उसके सामने जल रहा था । अचानक लड़की ने उसके ऊपर एक डिब्बे से मिट्टी का तेल डालना शुरू कर दिया । यह देख मैं दौड़ा उस आदमी को बचाने के लिए , उस समय वह आदमी होश में आ गया था और अपने जान की भीख मांग रहा था । वह लड़की एक मोमबत्ती उठाकर जोर से हंसने लगी । हे भगवान ! वह हंसी कितना पैशाचिक व भयानक था वो मैं ही जानता हूं । मेरे पास पहुंचते ही बाबा ने मुझे जोर से पकड़ लिया । मैंने जोर लगाकर खुद को छुड़ाने का प्रयास किया लेकिन बाबा के दोनों हाथ पीछे से मेरे गले को पकड़ रखा था । मुँह से आवाज़ भी नहीं निकल रहा था कुछ देर और ऐसा रहता तो शायद मैं मर ही जाता लेकिन किसी तरह अपना पूरा जोर लगाकर पीछे के पॉकेट से स्क्रुड्राइवर निकालकर गोविन्द तांत्रिक के पेट में घुसा दिया और तुरंत ही दर्द से कराहते हुए तांत्रिक बाबा ने मुझे छोड़ दिया ।फिर मैंने देखा कि वह लड़की उस आदमी के पीछे खड़ी होकर उसके कान में कुछ कह रही है । अभी कुछ ही सेकेण्ड में वह उसे जला देगी और शायद खुद भी जल जाएगी ।देर न करते हुए मैं जल्दी से उस लड़की के पीछे जाकर स्क्रुड्राइवर से उसके पीठ पर तीन बार वार किया । लेकिन यह क्या स्क्रूड्राइवर तो लड़की के शरीर को पार करके उस आदमी के पीठ में जा घुसा था । उस लड़की के शरीर का एक भी अंश मुझे महसूस नहीं हो रहा था । वह लड़की एक पिशाचिनी व चुड़ैल है । मैं डरते हुए वहां से दूर हट गया और तुरंत ही मोमबत्ती के आग से कुर्सी समेत पूरा आदमी जलने लगा । वह आदमी जलने के दर्द से चिल्ला रहा था और वह लड़की उस समय भी खिलखिलाते हुए हँस रही थी । उस विभत्स दृश्य को खड़े होकर देखने के अलावा मैं कुछ भी नहीं कर सकता था । यह सब मैं ज्यादा देर नहीं देख सकता था इसीलिए वहां से दौड़ कर भागा । तांत्रिक बाबा ने मुझे पिछे बुलाया लेकिन मैं बिना कुछ सुने ही वहां से भागता रहा । भागते समय स्क्रुड्राइवर को नदी में ही फेंक दिया था । यह हत्या जलाकर किया गया था लेकिन फिर भी मेरे द्वारा स्क्रुड्राइवर के 3 वार से ही वह आदमी अधमरा हो गया था । सर आप कुछ भी सबूत नहीं पाएंगे । शायद आपको अभी भी विश्वास नहीं हो रहा लेकिन मैं सच बोल रहा हूं । मेरे गलती की सजा मुझे दीजिए बाकी आप कुछ भी नहीं कर पाएंगे । यह सब आपके सोच से बाहर है । "

अब तक मंत्रमुग्ध की तरह यह सब इंस्पेक्टर रवि और ऑफिसर साहब सुन रहे थे । अमित के चुप होते ही वो दोनों होश में आए । आगे क्या बोले ये दोनों ही नहीं समझ पा रहे ।
उनके चेहरों को देखकर अमित फिर से बोला
- " हाँ सर एक और बात , आप अपने सभी प्रश्नों का उत्तर आज रात नदी के पुल के ऊपर पा जाएंगे । कल दीपावली है , यानि अमावस्या और आज नरक चतुर्दशी है । आज रात को आपके सभी प्रश्नों का उत्तर मिल जाएगा । अपने अगले विक्तिम को मरने से अगर आप रोक सको तो रोक लो । "

शुरू से अंत तक यह लड़का ना जाने क्या ऊल जलूल बकता रहा लेकिन उसने अंतिम के कुछ शब्द एक चैलेंज की तरह उन दोनों के चेहरे पर मार दिया । सभी बातों का विश्वास ना होने पर भी इस इलाके में गोविंद तांत्रिक के शक्तियों का जैसा नाम है उसमें शायद कुछ सच भी हो सकता है । बहुत सारी बातें हमारे विज्ञान से परे है जो हमें आज भी समझ में नहीं आता । लेकिन आज कुछ ऐसा होने वाला है जिसका उन्हें भलीभांति अनुभव हो रहा है । अपराधी को रंगे हाथ पकड़ने का व और एक अपराध को रोकने का इससे बढ़िया मौका नही है । इंतजार केवल आज रात का है । ......

अगला भाग क्रमशः..