मेरी और कामिनी की मम्मी वहां बैठी थी, जहाँ औरतें मंगल गीत गा रही थी | बच्चे इधर-उधर दौड़-भाग कर रहे थे, खेल रहे थे | हलवाई तरह-तरह के पकवान बना रहे थे | कोमल दीदी पार्लर गई हुई थी | बारात तोरण मारने घर आ पहुंची थी | उसके बाद दूल्हे राजा की आरती की गई और उन्हें नई कलाई घड़ी भेंट की गई | लड़के-लड़कियाँ ढोल ताशे पर जमकर नाच रहे थे |
सोनिया और उसकी कज़िन्स रिबिन लेकर दरवाजे पर आ खड़ी हुई ताकि जीजाजी रिबिन काटे, शगुन के पैसे दे और उन्हें अंदर जाने दिया जाए |
कामिनी, नैना और मैं, हम तीनों ही हॉल में बैठी थी | राधिका, निशा और मानसी भी अभी कुछ ही देर पहले आई थी | हम सभी सोनिया का ही इंतजार कर रही थी |
राधिका, निशा और मानसी मिलकर क्रॉकरी सेट लेकर आई थी |
कामिनी और मैं हम दोनों एक बहुत ही खूबसूरत टेड्डी बियर वाला पेयर लेकर आये थे |
हम सब आपस में बातें ही कर रहे थे कि इतने में सोनिया आ गई थी | हमें देखते ही बहुत खुश हुई वो |
अरे यार, तैयार हो रही थी मैं | अब तुम्हें तो पता है ही मुझे तैयार होने में कितना टाइम लगता है |
तो बताओ......कैसी लग रही हूँ मैं ? सोनिया ने कमर पर हाथ रखते हुए कहा |
अति सुन्दर........हम सबने एक स्वर में कहा |
पर यार......कोई तो है जो आज बहुत ही स्पेशल लग रहा है, सोनिया ने मेरी तरफ इशारा किया |
दिव्या, मेरी रानी......तुझे क्या हो गया है आजकल | ऐसा क्या खाने लगी है जो दिन पर दिन इतनी खूबसूरत होती जा रही है |
हाँ यार, सच में, पहले कैसी थी, निशा बोली |
और देखो...........मैडम को | कोई है क्या ? जरा, हमें भी तो बता........सोनिया ने कोहनी से हल्का सा धक्का मारा |
फिर सब गाना गाकर मुझे छेड़ने लगी | सजना है मुझे सजना के लिए |
क्या....तुम लोग भी !!!!
अगर कृतिका होती तो जल भून कर रह जाती | उसे खुद पर बड़ा ही घमंड है लेकिन अब हमारी दिव्या है उसको टक्कर देने के लिए |
इधर सागर ने अपने कुर्ते की बांह चढ़ाई और लग गया काम काज करने में | पूरा पसीने में नहा चुका था | बहुत गर्मी लग रही थी उसे | फिर उसने कुर्ते के बटन खोल लिए जिससे उसे कुछ राहत मिली | सोनिया के भाइयों से दोस्ती हो चुकी थी उसकी | उन्होंने उसको कोल्डड्रिंक दी पीने को | ये सब काम उसने पहले कभी नहीं किये थे | इसलिए कुछ अलग ही अनुभव मिल रहा था उसे और इसमें उसे बड़ा आनंद भी आ रहा था |
मैं माहेश्वरी स्कूल में पढ़ता हूँ, ट्वेल्थ क्लास में हूँ, सागर ने बताया |
मतलब तू तो इंग्लिश मीडियम से है |
हाँ भाई और तुम ?
भाई....... मैं तो हिंदी मीडियम से हूँ | फिर तो तुझे हिंदी ज्यादा नहीं आती होगी |
नहीं यार.......हिंदी और उर्दू तो फेवरेट सब्जेक्ट्स है | मुझे शायरियां और कवितायेँ लिखने का शौक है |
फिर तो मियां.....कुछ सुना ही दो, कसम से दुआएं देंगे तुम्हें | सब सागर की हौंसला अफजाई करने लगे | उस समय सबको शायरियाँ सुनने सुनाने का बहुत ही शौक था | हर कोई शायरी का कद्रदान होता था |
सागर ने सुनाना शुरू किया |
वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा,
तो इंतज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से मैं,
पर काली घटाओं ने आकर,
ढक लिया है कुछ उसे यूँ,
के अब तो दीदार भी मुश्किल लग रहा,
लेकिन दूर जाना ग़वारा नहीं,
इसलिए बैठा हूँ इंतज़ार में शाम से मैं |
वाह....वाह.....वाह......वाह.....सागर मियाँ, क्या बात है !!!!
शुक्रिया, शुक्रिया | और फिर एक के बाद एक सागर ने बहुत ही खूबसूरत शायरियाँ सुनाई |
कौन है वो, ज़रा हमें भी तो बताइये |
ठीक उसी समय दिव्या पानी पीने बाहर आई उसी को देखते हुए सागर ने हँसते हुए जवाब दिया, कोई नहीं है भाई |
सभी सागर से काफी इम्प्रेस हुए | इंग्लिश मीडियम में पढ़ते हुए भी शायरियां और कविताओं से ताल्लुक रखता है और-तो-और, इतने बड़े ज़मीदार का पोता और बिजनेसमैन का बेटा होते हुए भी उसमें घमंड लेशमात्र भी नहीं है | काम में हाथ बँटा रहा है |
एक तो अप्रैल की ये गर्मी, ऊपर से कोल्डड्रिंक वाली स्टाल पे भयंकर भीड़ थी | कामिनी, नैना....सभी को कोल्डड्रिंक मिल गई | सिर्फ मेरे ही हाथ नहीं आ पाई | इसलिए मैं गुस्से में वहां से निकल कर एक कुर्सी पर आ बैठी | फिर लहँगा और हाई हील्स सैंडल्स पहली बार पहने थे | इसलिए भागदौड़ भी नहीं कर पा रही थी |
यार, हमने तेरे लिए भी लेने की कोशिश की ना, पर भीड़ ही कितनी थी |
सागर ने मुझे परेशान होते हुए देख लिया था, इसलिए उसने एक छोटे बच्चे को अपने पास बुलाया और उसे कोल्डड्रिंक की बोतल देते हुए मेरी ओर इशारा करते हुए कहा, वो जो गुलाबी कलर की ड्रेस में दीदी बैठी है, उन्हें जाकर ये कोल्डड्रिंक दे आओ |
बच्चा पहले तो आनाकानी करने लगा लेकिन बाद में चॉकलेट देने पर मान गया ओर वो भी विदेशी चॉकलेट | बच्चे के चेहरे की ख़ुशी देखते ही बनती थी |
दीदी.....कोल्डड्रिंक |
मैंने देखा......एक बच्चा कोल्डड्रिंक की बोतल हाथ में लिए हुए मेरे सामने ही खड़ा था |
तुम्हें किसने दी? मैंने उसके हाथ से लेते हुए कहा |
भैया ने दी और ये कहकर वो भाग गया |