अविनाश और विहान दोनों की निगाहेँ दरवाज़े पर गयीं तो वहाँ यश खड़ा था जो की थोड़ा घबराया हुआ था...यश को वहाँ देखकर विहान चुप पड़ गया और उसकी बात वहीं की वहीं अधूरी रह गयी…..
यश-चलिए पापा! मै फ्रेश हो चुका हूँ….आपको कुछ बात करनी थी ना मुझसे…
अवि विहान की बात को भूल जाता है और उसे गोद मे से नीचे उतारकर उसके कान मे धीरे से कहता है…."जल्दी से तैयार हो जाये..ओके"...
यश ये सब देखकर डरा जा रहा था...की कहीं बातों बातों मे स्कूल वाली बात कहीं विहान उसके पापा को ना बता दे….क्योंकि बात इतनी बड़ी थी नहीं लेकिन यश को डर था की कहीं बेवजह उसके घर मे टेंशन का माहौल ना हो जाये….जबकि उसके एक्साम्स शुरू होने वाले हैँ….
अविनाश वहां से उठकर यश के साथ उसके कमरे मे गया...और जाते ही अविनाश-यश!
यश-हाँ पापा।
अविनाश-बेटा क्या मैंने तुम्हें कभी डांटा है पढ़ाई करने के लिए या कोई चीज़ करने से रोका हो या कहीं जाने के लिए मना किया हो।
यश-नहीं पापा...कभी नहीं…..
लेकिन आप ऐसा क्यों पूछ रहे हो। (यश फिर डरने लगा)
अविनाश-नहीं कुछ नहीं, दरअसल तुम्हारे स्कूल से तुम्हारे प्रिंसिपल का कॉल आया था….उन्होंने तुम्हारे और विहान के बारे मे मुझसे कुछ बात की थी.
(यश ये सुन कर पसीना पसीना हो गया….उसे लगा की प्रिंसिपल ने कॉल करके उसके पापा को सब कुछ बता दिया है….)
यश-क्….क्...क्या बात की पापा?
अविनाश-वो बता रहे थे की तुम थोड़ा परेशान हो…….
यश-नहीं पापा….बिलकुल भी नहीं...मैं तो बिलकुल ठीक हूँ…
अविनाश-यश अगर कोई प्रॉब्लम हो तो तुम मुझे बता सकते हो….स्कूल से रिलेटेड, स्टडी से रिलेटेड या विहान से रिलेटेड कोई बात….
यश अविनाश की बात पूरी होने से पहले ही-विहान! विहान से रिलेटेड क्यों होंगी और ना ही स्कूल से रिलेटेड….सब ओके है पापा…..
अविनाश-अच्छा सब ओके है तो फिर आज स्कूल से आकर तुम दोनों ने लंच क्यों नहीं क्या? दोनों ज़ब से आये हो अपने अपने कमरे मे ऐसे बंद हो जैसे किसी मारा हो तुम दोनों को…..
यश ये सब सुनकर चुप पड़ जाता है और एक मिनट रुक कर….
यश-पापा वो एक्साम्स आ रहे है ना….तो….तो बस उसी का स्ट्रेस है थोड़ा और कोई बात नहीं है।
अविनाश-अच्छा तो एक्साम्स की टेंशन है...तो सुनो आज तुम्हारे प्रिंसिपल का कॉल आया था….उन्होंने बताया की तुम दोनों की पिछले टेस्ट मे प्रोग्रेस बहुत अच्छी रही है….और उन्होंने ये भी बताया की उन्होंने आज तुम दोनों से आज बात भी की थी की तुम्हारे एग्जामस को लेकर तुम दोनों ही कुछ परेशान हो…..तो इसलिए उन्होंने मुझे कॉल किया….
(अविनाश ने यश को अपने पास बैठाया)....यश! देखो बेटा मुझे मालूम है इस बार तुम्हारे बोर्ड के एक्साम्स हैँ तो तुम किस फेज से गुज़र रहे होगे…..देखो पढ़ाई अपनी जगह ठीक है लेकिन लाइफ मे थोड़ा एन्जॉयमेंट होना भी ज़रूरी है….हर चीज़ के बीच मे ब्रेक की ज़रुरत होती है और अब तुम्हारे ब्रेक लेने की बारी है….तो सुनो जल्दी से अपने कपड़े चेंज करो और 10 मिनट मे बाहर आ जाओ….
यश ये सब सुन कर थोड़ा रिलैक्स हुआ और उसने एक गहरी सांस ली….और फिर अपने पापा से बोला "पापा लेकिन वो…."
लेकिन वेकिन कुछ नहीं यश जल्दी से आ जाओ बाहर….इतना कहकर
अविनाश वहां से चला गया और यश भी तैयार होने लगा…..