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BOYS school WASHROOM - 11

यश दरवाज़ा खोलकर बिना कुछ बोले अपनी स्टडी टेबल पर जाकर बैठ जाता है…

अविनाश देखता है की यश अभी भी अपनी स्कूल ड्रेस मे ही है, उसकी टाई उसके बेड पर पड़ी है, उसके जूते भी बिखरे पड़े हैँ, उसका स्कूल बैग भी ज़मीन पर पड़ा हुआ है और वो कुछ टेंशन मे है…..अविनाश सिचुएशन को समझते हुए यश से कीच नहीं पूछता सिवाए इसके की…"बेटा! क्या मे अंदर आ सकता हूँ"....


यश पीछे मुड़ता है…."अरे आइए ना पापा आप ऐसे क्यों पूछ रहे हैँ"...

अविनाश-नहीं मुझे लगा की तुम्हारा बात करने का कोई मन नहीं है शायद...इसलिए पूछा।

यश-नहीं नहीं ऐसा कुछ नहीं है पापा….यश धीरे धीरे अपना सब सामान समेटते हुए बोलता है…..वो बस एक्साम्स आ रहे हैँ ना तो बस उसी का थोड़ा स्ट्रेस था और कुछ नहीं….इतना कहकर यश अपना बैग उठाकर अपनी टेबल पर रखता है और कुर्सी पीछे सरकाकर बैठ जाता है…."आप बताइये ना आपको कुछ बात करनी है"


अविनाश-हाँ बहुत सीरियस बात है…..लेकिन पहले तुम चेंज कर लो और थोड़ा फ्रेश हो जाओ...तब हम बात करेंगे, तब तक मै ज़रा विहान के पास होकर आता हूँ।


यश एक नज़र अपने ऊपर डालकर atakte हुए बोलता है...ओह….वो मै बस कर ही रहा था...मतलब मै….भूल….बस दो मिनट मै करता हूँ।


अविनाश यश के कमरे से निकलकर विहान के कमरे मे जाता है...वो दरवाज़ा खोलता है तो उसे विहान अपने स्टडी टेबल पर बैठे कुछ कर रहा होता है, लेकिन अविनाश के वहां आने की आहट से वो रुक जाता है….अविनाश बड़े प्यार से विहान कहता हुआ ज़ब उसके बेड पर जाकर बैठता है तब वो देखता है की विहान एक पेपर पर काले रंग से कुछ बना रहा होता है या शायद कुछ लिख रहा होता है…..लेकिन अविनाश को वहां देखकर वो उसे अपने बैग मे छुपा लेता है...और फिर वही अपनी प्यारी सी मुस्कान के साथ अविनाश को देखकर हेलो बोलता है….


अविनाश-हलो बेटा...आप कुछ कर रहे थे क्या?


विहान ये सुनकर थोड़ा घबरा सा जाता है.."नहीं….नहीं तो पापा मै अपना होमवर्क कर रहा था बस"


अविनाश उसपर ज़्यादा ज़ोर ना देता हुए उसका हाथ पकड़कर वहां से उठाकर अपनी गोद मे बैठा कर पूछता है…."आपका आज स्कूल कैसा रहा और आपके एक्साम्स की तैयारी कैसी चल रही है"


विहान-पापा स्कूल बहुत अच्छा था...और तैयारी भी बहुत बहुत अच्छी चल रही है आपको पता है आज मेरे मैथ्स के टेस्ट मे फुल मार्क्स आये और इंग्लिश मे भी और साइंस मे भी और मैम ने मुझे चॉकलेट भी दी….विहान बस बोलता ही चला जाता है और अविनाश मुस्कुराते हुए बस विहान की बातें सुनता रहता है….फिर थोड़ी देर बाद विहान का पेट गुदगुदाते हुए कहता है-बस बस मेरे चैंपियन….ऐसे ही पढ़ते रहो….


और बातों बातों मे ही अविनाश उससे पूछता है…"अअ..बाबू और कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ना आपको स्कूल या आपकी स्टडी से रिलेटेड"


विहान ये सुन कर अचानक से चुप हो जाता है…..थोड़ा रुक कर फिर वो बोलता है…"नहीं पापा कुछ भी नही"....और बस इतना कहकर वो चुप हो जाता है …...


अविनाश उसके शांत होने से पहले ही उसके सर पर हाथ रखते हुए बोलता है…"अगर कोई प्रॉब्लम हो तो पापा को जल्दी से बता देना पापा सब सोल्व कर देंगे….ओके माय चैंप......चलो अब जल्दी से तैयार हो जायो आज बाहर घूमने जाना है, याद है ना मम्मा ने कहा था सुबह…."


विहान-ओके पापा….


अविनाश वहां से जाने लगता है तभी धीमी सी आवाज़ मे विहान "पापा...वो स्कूल मे…...उसकी बात खत्म होने से पहले ही उसके दरवाज़ा पर दस्तक होती है….



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