The Author Akash Saxena "Ansh" फॉलो Current Read BOYS school WASHROOM - 4 By Akash Saxena "Ansh" हिंदी सामाजिक कहानियां Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books स्वयंवधू - 31 विनाशकारी जन्मदिन भाग 4दाहिने हाथ ज़ंजीर ने वो काली तरल महाश... प्रेम और युद्ध - 5 अध्याय 5: आर्या और अर्जुन की यात्रा में एक नए मोड़ की शुरुआत... Krick और Nakchadi - 2 " कहानी मे अब क्रिक और नकचडी की दोस्ती प्रेम मे बदल गई थी। क... Devil I Hate You - 21 जिसे सून मिहींर,,,,,,,,रूही को ऊपर से नीचे देखते हुए,,,,,अपन... शोहरत का घमंड - 102 अपनी मॉम की बाते सुन कर आर्यन को बहुत ही गुस्सा आता है और वो... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास Akash Saxena "Ansh" द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां कुल प्रकरण : 24 शेयर करे BOYS school WASHROOM - 4 (13) 3.1k 9.9k घंटी की आवाज़ के साथ ही पेओन अंदर जाता है-'जी सर जी '.... प्रिंसिपल (गुस्से मे) एक पर्ची पेओन के हाथ मे थमा देता है-"जाओ इन सभी बच्चों को अभी की अभी मेरे रूम मे भेजो... लेकिन पहले विहान को भेजना उसके बाद बाकी सब को"... पेओन जल्दी से जाता है और पहले विहान को और फिर बाकी सब को प्रिंसिपल के पास जल्दी से आने को कहता है।.... प्रिंसिपल रूम मे बुलाये जाने की बात से ही हर्षित, राहुल और विशाल के पसीने छूटने लगते है... सब प्रिंसिपल के रूम के बाहर जाकर खड़े हो जाते हैँ लेकिन उन्हें अभी अंदर नहीं जाने दिया जाता.... 'मेने बोला था पंगा मत लो यश से'... -"अरे यार विशाल डर मत कुछ नहीं होगा"..."" हाँ यार, हर्षित सही कह रहा है टेंशन मत ले कुछ नहीं होगा""(तीनो फुसफुसाने लगते हैँ ).... तुम तीनो चुप चाप खड़े रहो सर बहुत गुस्से मे हैँ... आखिर कौन सा काण्ड किया है? तुम तीनो ने... पेओन मज़ाक मे पूछता है... तभी राहुल उसे जवाब देता है"अबे तू अपना काम कर नहीं तो"....यश बस खड़े खड़े सब चुपचाप देखता रहता है .....और तू तू मे मे के बीच प्रिंसिपल रूम मे से विहान बाहर निकलता है।तीनो उसे देख कर टेंशन मे आ जाते है, यश भी थोड़ा सोच मे पड़ जाता है ... अरे विहान तू ठीक तो है ना यहाँ कैसे???... -'हाँ भईया मे को कुछ नहीं हुआ वो सर ने बुलाया था'... "ओह अच्छा चल ठीक है तू अब अपनी क्लास मे जा मे लंच टाइम मे मिलता हूँ तुझसे "..... घंटी फिर बजती है और पेओन कि मुस्कान -'जाओ बेटा अब तुम्हारी बारी'.... पहले यश अंदर जाता है और फिर वो तीनो, अंदर जाकर एक लाइन मे खड़े हो जाते हैँ... गुड मॉर्निंग सर!... "वैरी गुड मॉर्निंग यश"..... गुड... गुड मॉर्निंग सर!(तीनो बोलते हैँ )... -"चुप चाप खड़े रहो तीनो" इतना कह कर प्रिंसिपल अपनी टेबल पर से एक फ़ाइल उठाता है और बिना कुछ बोले एक एक कागज़ तीनो के हाथ मे थमा देता है..'तुम तीनो जा सकते हो'... तीनो कुछ देर तक कागज़ को पढ़ते हैँ तभी अचानक से पहले हर्षित-सर ये क्या है? और फिर विशाल और राहुल -सर ये क्या, क्यूँ?? ... "तुम तीनो का 15 दिन का रेस्टिगेशन ".... -'मेरा मतलब क्यूँ सर?'... 'हाँ सर रेस्टिगेशन क्यूँ हमने क्या किया? '... 'सर कुछ टाइम मे एक्साम्स हैँ सर, सर बताइये तो हमने किया क्या है'(हर्षित, राहुल और विशाल एक एक कर पूछते हैँ )... "क्या हुआ सर इन लोगों को क्यूँ रेस्टीगेट किया जा रहा है। "... कुछ नहीं यश विहान ने मुझे इनकी कुछ शिकायतें बताई है...."क्या हुआ सर इन्होंने विहान के साथ कुछ किया क्या?? इतना सुनते ही तीनो पसीने से तर हो जाते हैँ और गर्दन नीचे कर लेते हैँ।.... -"क्या बात है सर! बताइये ना, मैं यहाँ क्यूँ हूँ? "... यश वो...., , सर! सर! प्लीज सर वी आर सॉरी सर कहते हुए तीनो रोने लगे... 'ये सब तुम्हे पहले सोचना चाहिए था अब जाओ और पंध्रह दिन बाद स्कूल मे आना और उससे पहले आओ तो अपने पेरेंट्स को साथ ले कर आना .....प्लीज सर ऐसा फिर कुछ कभी नहीं होगा सर(विशाल बहुत ज़्यादा रोने लगता है और माफ़ी मांगने लगता है) सर प्लीज एक चांस दे दीजिये....तुमने जो किया उसके लिए मुझे तुम्हे इस स्कूल से हमेशा के लिए निकाल देना चाहिए आखिर हमारे स्कूल कि रेपुटेशन का सवाल है लेकिन एक्जाम्स कि वजह से जाने दे रहा हूँ ....अब जाओ(सब जाने लगते हैँ )" बेटा यश!"... -'जी सर'... तुम ज़रा रुको तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है। ‹ पिछला प्रकरणBOYS school WASHROOM - 3 › अगला प्रकरण BOYS school WASHROOM - 5 Download Our App