The Author Akash Saxena "Ansh" फॉलो Current Read BOYS school WASHROOM - 5 By Akash Saxena "Ansh" हिंदी सामाजिक कहानियां Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books सच्चा प्यार सच्चा प्यार"रमेश, मुझे लगता नहीं है कि मेरे परिवार वाले हमार... द्वारावती - 61 61केशव के जाने की सज्जता में पूरा दिन व्यतीत हो गया। गुल इस... जीवन सरिता नौन - ८ चतुर्थ अध्याय सरित तीर पर, बुर्ज बैठकर, जल प्रवाह की क्रीड़ा... नागिन और रहस्यमयि दुनिया - 15 Part : 15 ... समय का महत्व और जादुई घड़ी बहुत समय पहले, एक छोटे से गांव में राघव नाम का एक लड़का रहता... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास Akash Saxena "Ansh" द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां कुल प्रकरण : 24 शेयर करे BOYS school WASHROOM - 5 (15) 2.7k 8.2k हर्षित, विशाल और राहुल प्रिंसिपल रूम से रोते हुए ही बाहर जाते हैँ तो उनकी रोनी शक्लो को देखकर पेओन उन पर तंज कस्ता है.. 'लगता है भईया हो गया काण्ड'... ये सुन कर हर्षित आग बबूला हो उठता है और गुस्से मे आकर पेओन का कालर पकड़ के अपनी तरफ ज़ोर से खींचता है..."कांड तो बेटा अब इन दोनों भाईयों का होगा और साथ मे तेरा भी"... राहुल-चल हर्षित इसे तो बाद मे देखेंगे... और तीनो चले जाते हैँ इधर अंदर प्रिंसिपल सर यश के कंधे पर हाथ रखते हैँ-"देखो यश तुम एक बहुत अच्छे और समझदार बच्चे हो... मुझे समझ नहीं आ रहा कि मै तुम्हे कैसे बताऊँ, तुम पहले मेरी बात को सुन ना और समझना... 'सर बताइए तो आखिर बात है क्या?, आपने एग्जाम टाइम मे इन्हे क्यूँ रेस्टिगेट किया, सुबह बस वाली बात है क्या?'.... -"नहीं यश...मेरा मतलब... वो भी है, पर कुछ और भी है जो शायद तुम्हे पता होना चाहिए।"... 'सर विहान ने कुछ किया क्या? या विहान से रिलेटेड कोई बात है'... -"नहीं विहान ने कुछ नहीं किया बेटा ...वो तो बहुत अच्छा बच्चा है...लेकिन हाँ, बात विहान से ही रिलेटेड है"... 'बोलिये ना सर'... -"मुझे समझ नहीं आ रहा कि मै शुरुआत कहाँ से और कैसे करूँ..... अच्छा सुनो.... वो आज बस मै विहान ने तुम्हे नहीं बताया की उसका बैग नहीं गिरा था वो हर्षित, विशाल और राहुल विहान को परेशान कर रहे थे"..... (इतना सुनते ही यश बौखला उठता है)... 'मुझे लगा ही था सर इन तीनो को तो मै छोडूंगा नहीं'((यश जाने लगता है))... -"अरे! यश रुको... पहले पूरी बात सुनो"... सॉरी सर!.. -"आज सुबह ही नहीं पिछले कुछ दिनों से वो विहान और उसके साथ के दो बच्चों को भी परेशान कर रहे हैँ... बस मे उनसे उनका खाना छीनना, कैंटीन मे उनसे खाना सर्व करवाना, इन फैक्ट वाशरूम मे भी उन्हें परेशान करना और भी कई बातें हैँ"...'ओह!शायद तभी विहान इतने दिनों से कुछ अजीब सा बर्ताव कर रहा है (इतना सब कुछ सुन कर यश का गुस्सा सीधा सातवें आसमान पर पहुँच जाता है).... 'इन तीनो की तो खैर नहीं आज, आज इनका वो हाल करूँगा कि ये विहान तो दूर किसी बच्चे कि तरफ आँख उठाकर नहीं देखेंगे(विहान मन ही मन अपने आप से बातें करने लगता है)...'लेकिन विहान ने मुझे कुछ नहीं बताया और ना ही घर पर किसी को इस बारे मे कुछ भी बताया सर'.... -"वो डर गया होगा, फिलहाल तुम दिमाग से काम लेना क्यूंकि उन्होंने जो किया उसके लिए मैंने उन्हें पनिश कर दिया... अब तुम किसी से कुछ मत कहना और अपने एक्साम्स पर फोकस करो".... 'पर सर ऐसे कैसे मै....-(सख्त आवाज़ मे)पर वर कुछ नहीं यश अब जाओ जा कर अपनी क्लास अटेंड करो.. (यश धीरे-धीरे बाहर कि तरफ बढ़ता है)... और एक बात यश अपने पेरेंट्स को इस बारे मे फिलहाल कुछ मत बताना.... मिस्टर एंड मिसेस राठौर को मै खुद सही समय पर बता दूंगा... 'नहीं सर! मत बताईयेगा मम्मा पापा बहुत टेंशन मै आ जाएंगे'... -"लेकिन यश उनको ये बात बताना बहुत ज़रूरी है और ये बात उन्हें पता चलनी ही चाहिए क्यूंकि बात सिर्फ हमारे स्कूल के डिसिप्लिन की ही नहीं बल्कि विहान और बाकि हर बच्चे की सेफ्टी की भी है।.... 'वो मै समझता हूँ सर, लेकिन आप प्लीज् उन्हें कुछ मत बताईयेगा सर, मै खुद उन्हें सब बता दूंगा सही समय पर'(लगभग 20-25 मिनट की बात के बाद घंटी बज जाती है और लंच का टाइम हो जाता है)... "अब तुम जाओ यश ज़्यादा मत सोचो इस बारे मे, तुम अपने एग्जाम्स पर फोकस करो और विहान का भी ख्याल रखो".... यश प्रिंसिपल रूम से निकलकर सीधा विहान के क्लासरूम की तरफ जाता है.... लेकिन विहान वहां नहीं होता, ना ही उसका कोई दोस्त (इतना सब जानने के बाद, यश विहान के वहां नहीं होने पर थोड़ा परेशान हो जाता है)-शायद कैंटीन गया होगा... (वो कैंटीन की तरफ जल्दी जल्दी बढ़ता है, पूरी कैंटीन मे भी उसे विहान कहीं नहीं दिखता लेकिन विशाल और राहुल वहीँ कोने मे बैठे होते हैँ, वो वहां से प्लेग्राउंड की तरफ बढ़ ही रहा होता है कि....... रिव्यु ज़रूर दीजियेगा... ‹ पिछला प्रकरणBOYS school WASHROOM - 4 › अगला प्रकरण BOYS school WASHROOM - 6 Download Our App