मे और मेरे अह्सास - 22 Darshita Babubhai Shah द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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मे और मेरे अह्सास - 22

चल री सखी काना संग खेले रास l
चल री राधा  काना संग खेले रास ll

छोड़ एकतारा छोड़ भजन आज तू l
चल री मीरा काना संग खेले रास ll

वृन्दावन में रास खेले काना मस्त मगन l
चल री गोपी काना संग खेले रास ll

 

ऑनलाइन गरबा खेले चल री राधा l
काना गोपी संग खेले चल री राधा ll

घर बाहर निकलना मना है l
काना दूर मथुरा मे बसा है l
आज तो रास तो खेलेंगे ही l
ऑनलाइन रास खेले चल री राधा ll

सोसियल डिस्टेंस रखना है l
किसीको छुना भी मना है l
आज तो झूम पे खेलना है l
ऑनलाइन गरबा घूम चल री राधा ll

 

जय जय अम्बे जय जगदम्बे माँ l
तू ही विधात्री तू ही जग जननी माँ ll

दुख हरता सुख करता l
तेरी कृपा बरसती रहे l
तेरी नज़रे हमपे रहे l
तू ही दाता तू ही माता जननी माँ ll

तेरा हम सब पे है तर्पण l
तेरे चरणों में है अर्पण l
एक तेरी ही आश है l
तू ही अम्बा तू ही जगदंबा माँ ll

 

वृन्दावन में रास खेले काना l
संग गोपियों से खेले काना ll

राधा गोरी नाचे रुमझुम l
संग ढोल बाजे धमधम l
अपनी धुन मे खेले काना ll

ना लोकलाज की परवा l
ना घरवालो की चिता l
संग राधिका खेले काना ll

 

है है आई नवली नवरात्र, आया माताजी का त्योहार l
साथ अपने नवरंग उमंग, लाया माताजी का त्योहार ll

घूमने सखी साहियर संग चली मे l
माताजी के रंग मे अंग-अंग रंगी मे l
सुर ताल बाजे ढोलक, छाया माताजी का त्योहार ll

खेलूंगी गरबा साथ अपने काना l
माँ तू ही प्रीत की जोड़ी बनाना l
चलो खेले ज़मज़म के , आया माताजी का त्योहार l

 

काना संग डांडिया खेलूंगी आज l
राधा संग डांडिया खेलूंगी आज ll

ढोलक संग बाजे पहवाज  l
नाचे मस्ती मे नर नारी l
माँ के संग डांडिया खेलूंगी आज ll

रास रचयो गलीयो मे l
आज कैसे घर बैठेगी मे l
खिलैया के संग डांडिया खेलूंगी आज ll

 

प्यारा प्यारा लागे वृन्दावन l
आव ने काना आव खेले रास l

जमना के नीर आँसू बहाए l
बाँसुरी के नीर आँसू बहाए l
भीगा भीगा लागे वृन्दावन l
आव ने राधा आव खेले रास ll

वृंदावन की गालियां पुकारें l
आसो की रात अजवाले l
न्यारा न्यारा लागे वृन्दावन l
आव ने गोपी आव खेले रास ll

 

आरती

या देवी सर्व भूतेषु मातृ रूपेण संस्थिता l
या देवी सर्व भूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता l
या देवी सर्व भूतेषु बुद्धि रूपेण संस्थिता l
या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता l
या देवी सर्व भूतेषु उमा रूपेण संस्थिता l
या देवी सर्व भूतेषु सधी माँ रूपेण संस्थिता l
या देवी सर्व भूतेषु दशा माँ रूपेण संस्थिता l
या देवी सर्व भूतेषु अम्बा माँ  रूपेण संस्थिता l
या देवी सर्व भूतेषु चामुंडा माँ रूपेण संस्थिता l
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ll

 

जय जय जगदंबा माँ l
आई भक्तों का बेड़ा पार करने माँ ll

सबका जीवन सवारती l
दुष्टों को संहारती जग जननी l
लाई खुशियां भक्तों के लिए माँ ll

नवरात्रि के त्यौहार मे l
आशीर्वाद मिले नौ दिनों मे l
पाई शरण तेरे चरणों में माँ ll

 

काना की मुरली पुकारें आजा गौरी खेलेंगे रास l
वृन्दावन में रास खेले गोपी संग काना ll

एक एक गोपी संग एक एक काना l
अजब ग़ज़ब की लीला करे काना l
होके मगन रास खेले गोपी संग काना ll

रंगबेरंगी कपडों मे सोहे काना l
नटखट नखरों से मोहे काना l
ढोली के संग रास खेले गोपी संग काना ll