Mita ek ladki ke sangarsh ki kahaani - 9 books and stories free download online pdf in Hindi

मीता एक लड़की के संघर्ष की कहानी - अध्याय - 9

अध्याय-9

एक दिन शाम को देर तक क्लास हुई। जब सभी लोग बाहर निकल कर आये तो अंधेरा हो चुका था। अंजली और मीता बात करते हुए धीरे-धीरे आ रहे थे तभी अचानक दीपक सामने आ गया।
हैलो मैडम।
अरे आप फिर आ गए ? मीता ने कहा।
हाँ मुझे तुमसे कुछ कहना है।
बोलो मुझे जल्दी जाना है। आज तो अंजली भी साथ थी इसलिए मीता थोड़ी हिम्मत दिखा रही थी।
मैडम मैं जिस दिन से तुमको देखा हूँ एकदम पागल हो गया हूँ। मुझसे शादी कर लो।
पागल हो गए हो तुम ? मैं शादी-शुदा हूँ। तीन सालों से शादी-शुदा हूँ। तुम्हारा दिमाग खराब है। मीता जोर जोर से चिल्ला रही थी।
हाँ पागल हो गया हूँ। तुम्हारा पति वही है ना वो इंजीनियरिंग कार्पोरेशन का सुपरवाइजर सुबोध। क्या दिया है उसने तुमको। एक बच्चा तक तो नहीं दे पाया। मुझे सब पता है।
तड़ाक। मीता ने एक जोरदार तमाचा मारा उसको।
उसकी आँखों में चिंगारी थी।
एक लब्ज भी और बोला तो दुबारा मारूँगी। मीता गुस्से से काँप रही थी।
देखो मैडम, ये तुमने अच्छा नहीं किया। इस थप्पड़ की कीमत तो तुमको चुकानी पड़ेगी। अब तो मैं तुमसे शादी ही करूँगा। तुम देखती रहना। तुमको मालूम नहीं है मैं कौन हूँ ?
बदतमीज तुझे समझ में नहीं आ रहा है फिर मारूँ क्या तुझे ? मीता अब भी गुस्से में काँप रही थी।
जा रहा हूँ मैडम। लेकिन ध्यान रखना। अगर तुमने इसकी चर्चा किसी से की तो तुम्हारी जान जाएगी या उसकी जान जायेगी। ऐसा कहकर वो चला गया।
मीता और अंजली अपने रूम में आ गये। मीता बेड पर बैठकर रो रही थी।
चुप हो जाओ मीता तुम तो बहादुर लड़की हो, तुमने तो जीवन की कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना किया है। ये तो मामूली सी चुनौती है। अच्छा हम एक काम करते हैं कल डायरेक्टर सर को जाकर उसकी शिकायत करते हैं। हो सकता है उसके बाद वो तुमको परेशान करना बंद कर दे।
मैं क्या करूँ अंजली मुझे समझ में नहीं आ रहा है। वो अब भी सुबक रही थी, सुबोध को बता दूँ क्या। उसे ये सब बता दूंगी तो वो ये सब सह नहीं पायेगा। मैं एकदम कशमकश में हूँ अंजली।
देख मीता जीजाजी के नेचर के बारे में तो नहीं जानती, पर किसी भी व्यक्ति को ऐसी बात बताना उसके लिए अपमानजनक है। तू सोच ले क्या करना है जीजाजी को बताना है या नहीं बताना है। फिर दीपक ने उसे जान से मार देने की भी धमकी दी है। वो बड़े बाप का बेटा है ऐसा कर भी सकता है। तू अच्छे से एक बार सोच ले।
तभी सुबोध का फोन आया।
हैलो मीता।
क्या हाल चाल है ? तुम ठीक हो ?
हाँ ठीक हूँ सुबोध। घर पर सब ठीक है ?
तुम्हारी आवाज में वो खनक नहीं है। कुछ बात है क्या ?
नहीं, नहीं कोई बात नहीं है सुबोध। बस ऐसे ही थोड़ा थकान फील कर रही हूँ इसलिए शायद तुमको लगा होगा।
अच्छा तो खाना खाकर आराम करो। मैं कल सुबह बात कर लूँगा। ठीक है चलो अब रखता हूँ।
ठीक है गुड नाईट।
गुड नाईट और उसने फोन रख दिया।
तुमने बताया क्यों नहीं मीता ? अंजली ने पूछा।
थोड़ी डर गई हूँ अंजली। ऐसा सिचुऐशन मैंने कभी फेस नहीं किया। तुम्हारी बात सच भी हो सकती है अगर उसने सुबोध को नुकसान पहुँचाया तो ?
मैं और सहन नहीं कर पाऊँगी।
ठीक है पर हम अपनी फाईट तो कर ही सकते हैं अंजली बोली।
हाँ एक पत्र बनाकर लिखित में शिकायत करते हैं, फिर आगे देखेंगे क्या करना है।
और दोनो सोने की कोशिश करने लगे हालांकि मीता की आँखों की नींद जा चुकी थी।
दूसरे दिन अंजली और मीता डायरेक्टर सर के चैंबर के सामने खड़े थे और अंदर बुलाए जाने की प्रतीक्षा कर रहे थे तभी कॉलबेल बजा। चपरासी ने कहा जाईए आपको साहब बुला रहे हैं।
सर, वी कम इन सर।
हाँ, हाँ आईये, बैठिए। बताईये क्या बात है।
सर आपसे पिछले दिनों घटी कुछ घटनाओं के बारे में बात करनी है।
हाँ बोलिए क्या बात है।
सर मेरा नाम मीता है। मैं आयकर अधिकारी हूँ और नजदीक के शहर से आई हूँ, मेरे पिता पी.डब्लूडी. विभाग में संयुक्त सचिव हैं और मेरी शादी तीन साल पहले से हो चुकी है।
अच्छा तो प्राबलम क्या है ?
सर हमारे साथ यहाँ डी.एस.पी. लोगों की भी ट्रेनिंग चल रही है। उसमें एक लड़का है दीपक साहनी।
अच्छा वो सांसद का बेटा ? डायरेक्टर बोलो।
हाँ जी सर वही। कुछ दिनों से उसने हद ही कर दी है। उसने कहा कि वो जबरदस्ती मुझसे शादी करेगा और ना करने पर जान से मार देने की धमकी दी।
ओह! ये तो बिलकुल बुरी बात है। उसकी शिकायतें पहले भी आ चुकी हैं। वो है थोड़ा बदतमीज।
ऊपर से उसके फादर उसकी इन सब हरकतों पर सपोर्ट करते हैं और तो और अपने रसूख का इस्तेमाल करके अब उसको डी.एस.पी. भी बना दिए हैं। पता नहीं ये लड़का भविष्य में क्या गुल खिलायेगा।
लेकिन तुम चिंता मत करो अगर तुमने लिखित शिकायत की है तो मैं उसको नोटिस दूँगा और फिलहाल अभी तुम्हारे सामने ही बुलाकर चेतावनी देता हूँ।
उन्होंने कॉलबेल बजाकर चपरासी को उसे बुलाने के लिए भेजा।
देखो बेटा मेरी चेतावनी के बाद भी वो माने इसकी कोई गारंटी नहीं है। मेरी सलाह है कि तुम उससे जितना अलग हो सके रहो और उससे बात मत करो।
सर मैं कहाँ बात करना चाहती हूँ उससे। वहीं मुझे घेरने की कोशिश करता रहता है।gm
तभी वो लड़का दीपक अंदर आया।
सर, आपने बुलाया। वो मीता और अंजली को तिरछी निगाह से देख रहा था।
हाँ मैंने बुलाया। मीता ने लिखित शिकायत दर्ज किया है कि तुमने उसके साथ जबरदस्ती शादी करने की धमकी दी और नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दी। क्या ये सच है ?
नहीं सर, बिलकुल सच नहीं है। मैंने उसे ऐसा कुछ भी नहीं कहा। ये झूठ बोल रही है।
नहीं सर ये झूठ बोल रहा है। कल शाम को तो मीता के साथ मैं भी थी इस बात की गवाह हूँ। अंजली ने कहा।
देखो दीपक मैं जानता हूँ कि ये सब सच है। मैं तुमको लिखित में नोटिस जारी कर रहा हूँ । उत्तर के साथ चुपचाप माफीनामा लिख कर दो। नहीं तो तुम्हारी नौकरी चली जाएगी और इस लड़की से दूर रहो नहीं तो मुझे तुम्हारी ऊपर शिकायत करनी पड़ेगी जो मैं नहीं चाहता।
जी सर। वो चुपचाप खड़ा था।
अब तुम जा सकते हो। डायरेक्टर बोले।
आप लोग बेटा उससे दूर ही रहो। जाओ अपने क्लास में।
दीपक बाहर ही खड़ा था। जैसे ही वे लोग बाहर निकले दीपक बोला -
ये आप अच्छा नहीं किए मैडम। अब देखना मैं क्या करता हूँ। वो बोला और चला गया। मीता भी उसे अनसुना करके क्लास में चली गई।
शाम को दीपक ने अपने पिता को फोन लगाया।
पापा, मुझे आपसे बात करनी है।
हाँ बोलो दीपक क्या बात है। सांसद महोदय बोले।
यहाँ एक आयकर अधिकारी ट्रेनिंग में आई है उसक नाम मीता शर्मा है। वो अपने पी.डब्लू.डी. में जो संयुक्त सचिव शर्मा जी हैं उनकी बेटी। मुझे वो पसंद है और अब उससे शादी करनी है।
तो इसमें दिक्कत क्या है ? मैं जाकर उसके फादर से बात करता हूँ। वो क्यों नहीं मानेंगे।
दिक्कत है पापा। वो शादीशुदा है, तीन साल पहले ही उसकी शादी हो गई है। हालांकि उसका कोई बच्चा नहीं है।
तू पागल हो गया है दीपक। दुनिया में लड़कियों की क्या कमी है जो तू उसी को पसंद किया।
नहीं पापा मुझे तो उसी से शादी करनी है चाहे जो भी हो जाए। उसने मेरा अपमान किया है मुझे वो चाहिए ही। आप कुछ भी करिए लेकिन मुझे वही चाहिए।
उसका परिवार तैयार नहीं होगा बेटा। तू समझता क्यों नहीं ?
मैं नहीं जानता पापा। आप चाहे उसके फादर को सस्पेंड करने की धमकी दो या उसके हसबैंड को मारने की धमकी दो। जो भी करो लेकिन उसको मजबूर करो कि वो मुझसे शादी करे। ये बोलकर उसने फोन काट दिया।

क्रमशः

मेरी अन्य दो कहानिया उड़ान और नमकीन चाय भी matrubharti पर उपलब्ध है कृपया पढ़कर समीक्षा अवश्य दें- भूपेंद्र कुलदीप।

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