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फर्जी फेसबुक अकाउंट

आज लाॅकडाॅउन का पहला दिन है और मनीष घर पर सुबह से बोर हो रहा है। उसे समझ ही नहीं आ रहा कि वह क्या करें, पहले तो दिनभर आॅफिस के काम में कहां निकल जाता था पता ही नहीं चलता था।पर आज सुबह से वक्त काटे नहीं कट रहा। वह सोचता है आज पहले दिन ही यह हालत है तो बाकी के दिन कैसे कटेंगे तभी उसको उसके दोस्त निखिल की याद आती है कि एक बार उसने फेसबुक पर लड़की की नक़ली आई.डी. बनाकर कैसे लड़कों के मजे लिए थे और अपने ही कुछ दोस्तों को उल्लू बनाकर उनसे अपना मोबाइल रिचार्ज भी करवाया था।वह सोचता है चलो मैं भी ऐसा ही कुछ ट्राय करता हूं, वह रात को मनीषा नाम से एक आई.डी. बना लेता है और अपने कुछ दोस्तों को फ्रेण्ड रिक्वेस्ट्स भेज देता है।

सुबह उठकर जब वह अपनी आई.डी. चैक करता है तो देखता है कि उसके कुछ दोस्तों ने उसकी रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली है और वह यह भी देखता है कि उसकी आई.डी. पर किसी निलेश नाम के लड़के की रिक्वेस्ट भी आई हुई है वह उस रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लेता है तभी निलेश की तरफ से hii का मैसेज आता है। मनीष भी उस पर रिप्लाई कर देता है फिर उधर से कुछ इमोजी आती है यह भी रिप्लाई में इमोजी सेण्ड कर देता है ‌। कुछ दिनों तक ऐसे ही एक-दूसरे को दोनों हाय-हेलो के मैसेज एवं इमोजी भेजते रहते हैं ‌। फिर धीरे-धीरे एक-दूसरे की पसंद-नापसंद, परिवार आदि के बारे में बातें करने लगते हैं । मनीष का लॉकडाॅउन में अच्छा टाइम पास होने लगता है। फिर एक दिन मनीष जो कि मनीषा बना हुआ है निलेश से कहता है कि मैं कल से तुम से चैंटिंग नहीं कर पाऊंगी क्योंकि मेरा बेलेंस खत्म हो जाएगा और अभी लाॅकडॉउन के कारण मैं रिचार्ज भी नहीं करवा सकती और आॅनलाइन रिचार्ज करना भी मुझे नहीं आता और घर में कोई जेण्ट्स भी नहीं है जो कर दें तो निलेश उससे उसका नम्बर मांगता है और कहता है कि वह उसका रिचार्ज करवा देगा। मनीष अपना नंबर दे देता है और कहता है कि धन्यवाद तुमने मेरी परेशानी दूर कर दी, नहीं तो मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि रिचार्ज खत्म होने के बाद मैं घर का राशन एवं फल-सब्जी भी कैसे मंगवा पाऊंगी। निलेश तुम अपना नंबर मुझे दे देना लॉकडाॅउन खुलते ही मैं तुम्हारे नंबर पर रिचार्ज करवा दूंगी और इस तरह तुम्हारी उधारी चूका दूंगी।

अगले दिन मनीष देखता है कि उसके नंबर पर सालभर का रिचार्ज हो गया है। वह निलेश को मैसेज कर एकबार फिर धन्यवाद देता है। ऐसे ही धीरे-धीरे वक्त गुजरता जाता है और लॉकडाॅउन खत्म होने का दिन आ जाता है तो मनीष सोचता है कि उसे निलेश को सब सच बता देना चाहिए क्योंकि अब मुझे टाइम पास करने के लिए टाइम ही नहीं मिलेगा और फिर यदि मैं मैसेज का जवाब नहीं दूंगा तो निलेश मेरे नंबर पर कॉल कर सकता है और उसे तब सच्चाई तो पता चल ही जाएगी, इससे तो बेहतर है कि मैं उससे माफी भी मांग लूं और उसके रिचार्ज के पैसे भी लौटा दूं।

मनीष यह सोचकर निलेश को मैसेज करता है और उसे सारी सच्चाई बयां कर देता है और माफी भी मांग लेता है और कहता है कि वह उसके नंबर पर रिचार्ज करवा देगा। निलेश का रिप्लाई आता है कि माफी मांगने की कोई आवश्यकता नहीं है और रिचार्ज करवाने की भी जरूरत नहीं है क्योंकि आपके मोबाइल का रिचार्ज आपके पैसों से ही करवाया गया है। मनीष आश्चर्य से निलेश को मैसेज करता है क्या? तो निलेश का रिप्लाई आता है मैं भी निलेश नहीं नीलिमा हूं प्यारे पतिदेव और मैं भी लॉकडाॅउन में आपके साथ टाइम पास ही कर रही थी और वह रिचार्ज भी आपके क्रेडिट कार्ड से ही करवाया है इसलिए उसे लौटाने की कोई आवश्यकता नहीं है। उस रात मैंने आपको फर्जी अकाउंट बनाते देख लिया था तो सोचा क्यों न आपके साथ थोड़ा मजाक किया जाएं इसलिए मैंने भी फर्जी अकाउंट बनाकर आपको रिक्वेस्ट भेज दी जिसे आपने स्वीकार कर लिया।और इस तरह हम-दोनों का यह लॉकडाॅउन हंसी-खुशी गुजर गया। चलिए अब गुड नाईट आप भी सो जाईए सुबह जल्दी उठकर दोनों को आॅफिस जाना है।

अब मनीष सोचता है कि कहां उसने अपने दोस्तों को बेवकूफ बनाने का सोचा था और कहां उसकी पत्नी ने ही उसे मुर्ख बना दिया। यह सोचकर वह केवल मुस्कुरा कर रह जाता है।


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