खतरनाक बच्चा paresh barai द्वारा हास्य कथाएं में हिंदी पीडीएफ

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खतरनाक बच्चा

लालू : होम वर्क करा दो पापा, लोक डाउन में पूरा दिन टीवी देखते रहते हो | कुछ काम आ जाओ मेरे !

पापा : अपनी माँ को बोलो |

लालू : माँ के पास गया था, उसी ने बोला उस काम चोर भेसें को बोलो |

पापा : अच्छा ठीक है, बता तुझे क्या होम वर्क करना है ?

लालू : मुझे तो कोई होम वर्क करना ही नहीं है | यह तो डायन टीचर रोज़ पीछे पड़ी रहती है | क्या करूँ

पापा : अरे,,, टीचर ने क्या बोला होम वर्क करने को वोह बता...

लालू : पता नहीं... 1 से 10 के पहाड़े वहाड़े और फ्रूट्स के नाम लिखना है ऐसा कुछ बोली वह छमिया...

पापा : बदमाश,,, अपनी टीचर को छमिया नहीं बोलते |

लालू : मैंने थोड़ी उसका यह नाम रखा है | वोह तो प्रिंसिपल राठोड़ सर ऐसे बुला रहे थे उसे |

पापा : गजब स्कूल है तेरा | खैर... तुझे पहाड़े और फ्रूट्स के नाम लिखने हैं ना...? चल शुरू करते हैं |

लालू : शायद वही होम वर्क है |

पापा : अबे ए... गजनी की औलाद... पक्का याद नहीं रहता तुजे...? ये शायद वायद क्या है |

लालू : टीचर नें कुछ दिन पहले पढाया था | दुःख देने वाली बातें भूल जाया करो |

पापा : सत्यानाश, अब लिख... मैंगो यानी आम...

लालू : पापा पाइनेपल, किवी, वाटरमिलन, ग्रैप्स, ओरेंज और आलमंड

पापा : तुझे तो सब आता है, फिर क्यूँ खुद नहीं कर लेता होम वर्क ?

लालू : मुझे चेक करना था, जिसे में इतने साल से बाप बाप बोल रहा हूँ, वह इस पोस्ट का हक़दार है या नहीं |

पापा : शैतान बिल्ले भाग, वरना रिमोट फैंक के मारूंगा |

अगले दिन – स्कूल पर – पिंकी टीचर के क्लास में

टीचर : बेटा होम वर्क किया ?

लालू : सांप डंख मारना भूल सकता है लेकिन मैडम आप होम वर्क नहीं छोड़ेंगी | ये लो... कर लो तसल्ली |

टीचर : बेटा टीचर से ऐसे बात नहीं करते |

लालू : मेरे पास एक ही मुह है | और में इसी से बात करता हूँ | ऐसे ही करता हूँ | दिल पर मत लिया करो |

टीचर : कल तुम्हारे पापा को स्कूल पर ले कर आना |

लालू : उनको छोटे बाल वाली औरतें अच्छी नहीं लगती | आप ना इस मोनू के ठरकी पापा को बुला लो |

टीचर : बेशरम, शिकायत करने बुलाया है | आँखे सेकने के लिए नहीं | बैठ अब |

लालू : किस की शिकायत ?

टीचर : नरेन्द्र मोदी की शिकायत |

लालू : पर उसकी क्यूँ ?

टीचर : वोह राहुल गाँधी को PM नहीं बनने दे रहे इस लिए ! बुद्धू तेरी शिकायत और किसकी !

लालू : मेरे पापा कल स्कूल नहीं आ सकते |

टीचर : ऐसा क्यूँ ?

लालू : सुबह उनको मम्मी का घाघरा और मेरी चड्डीयां धोने का काम होता है |

टीचर : तो दो पहर में बुला लाना |

लालू : दो पहर में भी नहीं आ सकते |

टीचर : क्यूँ ? तब कटोरा ले के भीख मांगने जाना होता है या मुजरा करना होता है ?

लालू : रोटी कौन पकाएगा ? डोनाल्ड ट्रम्प यां इमरान खान ?

टीचर : तेरे घर पर तेरी माँ कुछ काम नहीं करती ?

लालू : करती है ना ? सुबह 9 बजे दूरदर्शन पर रामायण, 10.30 बजे अलिफ़ लेला, दो पहर 12 बजे महाभारत, 7 बजे छोटा भीम और रात 8 बजे साईबाबा.... इतने सारे सीरियल तो देखने का काम तो करती है |

टीचर : अम्मा पूरी कामचोर है तेरी !

लालू : इसमें मेरे पापा का घाटा... आपका कुछ नहीं जाता... डियर राठोड़ सर की “हिरोइन”

टीचर : कल तेरे बाप को इधर नहीं लाया तो स्कूल में पाँव मत रखना | कल 9 बजे राठोड़ सर के के कैबिन में हाजरी, पापा के साथ | भूलना मत | बरतमीज़

लालू : पता नहीं... ऐसा क्या है मेरे पापा की शकल में... ! महीने में 2 बार उनकी शकल देखे बिना इन मोहतरमा को चैन नहीं पड़ता |

अगले दिन शाम को – पापा के पास

लालू : आप के लिए खुश खबरी है...

पापा : क्या हुआ ? इनाम मिला क्या स्कूल से तझे ?

लालू : इनाम ही समजो... कल आप को मेरी टीचर के दर्शन करने आना है |

पापा : तूने फिर कोई बदमाशी की क्या ?

लालू : मैंने तो सच ही बोला.. हर बार की तरह... लेकिन, उनको मिर्ची लगी तो मेरा क्या कसूर ! तो कल तैयार हो जाना, ठीक है |

पापा : तेरे टीचर को बोल यहाँ भूखे नंगे निठल्ले नहीं बैठे हैं ! जो भी बकना है वह फोन पर बक दे !

लालू : पिंकी टीचर अपसेट हो जाएंगी !

पापा : मैं तो मज़ाक कर रहा था | हम ज़रूर चलेंगे “पिंकी डार्लिंग” के पास | ठीक है |

लालू : ठीक है तो, फोन कर के “राठोड़ सर” को बोल देता हूँ |

पापा : अबे ओय... नालायक, ये मुचछड राठोड़ कहाँ से बिच में आ गया ! बात पिंकी टीचर की हुई ना अभी ?

लालू : उसी ने बोला था, तेरा ठरकी बाप पहली बार में हाँ नहीं बोलेगा, उसे पिंकी मैडम के नाम का डोज़ दे देना |

पापा : अब नहीं आता जा... उखाड़ ले जो उखाड़ना है... !

लालू : राठोड़ सर नें यह भी बोला था की, तेरा गिरगिट बाप फिर से मुकर जाएगा, इस लिए जब वह पिंकी डार्लिंग बोले तब वोइस रिकोर्ड कर के.. ऑडियो अपनी माँ को सुनाने की धमकी दे देना |

पापा : ये साला राठोड़ टीचर है की.... जासूस.... “चलेंगे बेटा”... अब तो चलना ही पड़ेगा !

प्रिंसिपल राठोड़ सर के ऑफिस में

राठोड़ सर : आप का बेटा बहुत नालायक है |

लालू : अब मैंने कौनसा चाइना पे बम गिरा दिया... सच ही तो बोला |

राठोड़ सर : अपने प्रिंसिपल और टीचर की लव स्टोरी के किस्से बनाना अच्छी बात है ?

लालू : अच्छा तो अब बात, मेरी इज्ज़त की है ? तो बना लो पिंकी मैडम को राखी बहन | हो जाए दूध का दूध और पानी का पानी |

पापा : अरे बेटा... ऐसा नहीं बोलते.. तुम यहाँ पढने आते हो | उनके चक्कर में तुम ध्यान मत दो |

लालू : एक तो पहले से ही 1000 मर्दों के मुकाबले 800 से 900 महिलाऐं हैं देश में | ऊपर से ये राठोड़ जैसे शिकारी दो दो शिकार कर लेते हैं | हमारा क्या...?

पिंकी टीचर : देखो देखो... कितना बेशरम बच्चा है... !

पापा : अरे लालू बेटा... तुम अभी छोटे हो... तुम चिंता मत करो | तुम्हारे लिए भगवान् नें कोई परी जैसी लड़की बनायीं होगी |

लालू : भाड़ में गई परी... मुझे सफ़ेद कपड़ों वाली लड़कियां कतय पसंद नहीं |

पापा : वह सब छोड़ो... तुम पढाई पर ध्यान दो |

पिंकी टीचर : यह हर सवाल के उलटे जवाब देता है | छोटे बड़ों का कोई लिहाज़ नहीं करता |

लालू : पापा मुझे स्कूल बदलना है | इधर ना तो मुझे अच्छी सिक्षा मिलनी है और ना ही आप को ये पिंकी |

राठोड़ सर : देखो देखो... कैसे खुले आम बर्तमीज़ी पे उतर आया है | एक चांटा लगाइए इसे !

पापा : अरे राठोड़ जी, आप गुस्सा मत होइए... बच्चा है, समज जाएगा | पिंकी मेडम में आप से भी माफ़ी मांगता हूँ | आप कहें तो में आप को “ताज होटल” में कोफ़ी पिला कर भी Sorry बोल सकता हूँ |

राठोड़ सर : अच्छा... तो अब बाप नें भी रंग दिखाने शुरू कर दिए !

पिंकी मैडम : अरे अरे... अब बच्चे को छोड़ कर तुम दोनों शुरू मत हो जाओ | पी लेंगे ताज में कोफ़ी फिर कभी |

लालू : पापा इसे ताज में कोफ़ी ? और अम्मा को गफूर का 10 रुपिए वाला कावा तक नहीं पिलाया |

पापा : अरे में तो तेरा ही काम ठीक कर रहा था | थोडा समझा कर बेटा |

लालू : घर चलो आप... मम्मी को बोल कर, तशरीफ़ बंदरछाप ना करवा दी तो मेरा नामा लालू नहीं |

पापा : राठोड़ सर... पिंकी मैडम अब आप लोगों का डांटना फटकारना हो गया तो में जाऊ ? अभी मुझे इसकी माँ की मार भी खानी है |

राठोड़ सर : ठीक है... आखरी वार्निंग.. अगर अब एक और शिकायत आई तो... आप के बेटे को स्कूल से निकाल देंगे |

लालू : अच्छा... ये तेवर ? तो निकाल देना स्कूल से... मैं भी अख़बार में इश्तिहार दूंगा.. सोशल मिडिया पर ओपन लेटर पोस्ट करूँगा की,,,,

राठोड़ को पिंकी संग रंगे हाथों पकड़ने वाले मासूम बच्चे का स्कूली करियर बरबाद – “पूछता है भारत” में अर्नब गोस्वामी मेरा इन्साफ करेगा... हो जाने दो जंग...

पिंकी मैडम : आप से विनती है... अपने बेटे को ले जाइए... हमें कोई करवाई नहीं करनी | झेल लेंगे इसे कुछ साल | जाई आप |

पापा : चल बेटा... घर चल |

बाप बेटा रास्ते में

लालू : एक आइसक्रीम, चाकलेट और 500 रुपये से ऊपर का... में कहूँ वह खिलौना |

पापा : अब यह सब किस लिए ?

लालू : पिंकी मैडम के साथ ताज में कोफ़ी पीनी थी ना ? उसमें 1000 रुपिया तो चला ही जाता ना ? तो अब वह पैसा मेरे लिए खर्चो | वर्ना ताज की कोफ़ी वाला काण्ड माँ को “भगवत गीता” की कसम खा के बता दूंगा |

पापा : तूं बेटा नहीं सपोला है... सपोला मेरा... “नालायक”

लालू : हाँ तो आज नाग पंचमी समज लो...और चढाओ मुझे 1000 का दूध | इसे कहते हैं फायदे बिज़नस... टीचर और प्रिंसिपल की बोलती भी बंद.. और खिलैने, चाकलेट और आइसक्रीम का जुगाड़ भी कर लिया |

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