Bandariya ke bachche books and stories free download online pdf in Hindi

बंदरिया के बच्चे

बंदरिया के बच्चे

एक जंगल था जिसका नाम चंपक था। उस जंगल का राजा शेरसिंह नामक शेर था। वैसे तो वह जंगल बहुत सुंदर था पर धीरे धीरे जंगल में जानवर की संख्या कम हो लगी इस का कारण था शेरसिंह का बेवजह शिकार करना, बिना भूख के बहुत से जानवरो को मार डालना था और बाद में उन शिकारों को देख खुश होता था और सोचता था कि आज कितना सारा शिकार मिल गया। एक दिन जंगल के सारे जानवर राजा शेरसिंह से समझौता करने गए कि रोज एक जानवर उसकी गुफा मे आ जाएगा सारे जानवरों ने तो यह समझौता हमेशा के लिए किया था पर शेरसिंह ने यह समझौता कुछ दिनों मे ही तोड़ दिया और पहले जैसे ही शिकार करने लगा इसी तरह एक दिन कई शिकार करने के बाद अचानक उसे एक बंदरिया दिखी जो अपने बच्चों के लिए खाने की तलाश में घूम रही थी । जब वह खाना ढूंढ कर अपने बच्चों के पास आई तभी बंदरिया की ताक में बैठे शेरसिंह ने उसे धर दबोचा। बंदरिया के बच्चे यह सब देख रहे थे । अपनी मां को शेर की गिरफ्त में देख कर वे बच्चे बिलख बिलख कर रो दिये उनका यूं रोना देख कर शेरसिंह ने सोचा अब इनका क्या होगा । मुझसे कितनी बड़ी गलती हो गई । उस दिन के बाद शेरसिंह ने बेवजह शिकार करना बंद कर दिया । और उसने बंदरिया के बच्चों को अपने बच्चों की तरह रखा और पूरे जंगल में शांति और सुख से सारे जानवर रहने लगे ।

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