मिठ्ठू और शानी
शानी अपने माता पिता के साथ रहती थी वह अपने माता पिता की अकेली संतान थी। वह पढ़ाई में शुरू से ही बहुत होशियार थी वह अपने मामा लोगों की तरह मशहूर डाॅक्टर बनना चाहती थी। एक बार मैडिकल में उसका सिलेक्शन नही हुआ तो वह बहुत निराश हो गई और बहुत उदास रहने लगी। न तो अच्छे से खाना खाती और न ही माता-पिता और सहेलियों के साथ कहीं घूमने जाती। शानी की कोई सहेली घर पर आती तो उसे कोई बहाना बनाकर जल्दी रवाना कर देती। यह देखकर उसके माता पिता और घर में काम करने वाले चपरासी बहुत दुखी होते। पहले शानी अपनी शैतानियों से घर में सबको परेशान करती अब वह बहुत शांत और उदास रहने लगी थी। एक दिन शानी के घर में काम करने वाले बुर्जुग जिनको शानी प्यार से काका कहकर बुलाती थी। वह जब बाजार जा रहे थे तब एक पेड़ पर बैठा तोता उनसे राम राम बोला काका ने भी राम राम बोला तो वह उनके कंधे पर आकर बैठ गया काका को अच्छा लगा वह उसे शानी के घर ले आये उसे देखकर शानी बहुत खुश हुई वह किसी का पाला हुआ था वह शानी के कंधे पर बैठ गया। शानी की मम्मी ने उसके लिए एक पिंजरा मंगवाया शानी बोली नहीं मैं इसे कभी पिंजरे में नहीं रखूंगी। अब शानी बहुत खुश रहती।
जब शानी कालेज जाती तो मिठ्ठू को नाश्ता करवा कर जाती मिठ्ठू गरम गरम नाश्ता खाना खाता और अगर उसे ठंडा नाश्ता खाना मिलता तो वह थाली पलट देता। अब मिठ्ठू और शानी एक दूसरे की आदत हो गई थी शानी कहीं भी जाती मिठ्ठू उसके कंधे पर बैठकर जाता। मम्मी पापा भी मिठ्ठू औैैर शानी को जाने देते क्योकि वे शानी के लिए मिठ्ठू को षुभ मानते थे अबकी बार शानी का सिलेक्शन मैडिकल में हो गया। कुछ ही दिनों में उसकी नौकरी एक अच्छे हास्पिटल में लग गई वहां राहुल नाम के डाॅक्टर लड़के ने भी ज्वाईन किया वह बहुत ही नेक डाॅक्टर था। शानी और राहुल में अच्छी दोस्ती हो गई। कुछ ही समय में शानी और राहुल की शादी तय होगई अब मिठ्ठू उदास और बीमार रहने लगा शायद अब उसे समझ आ गया कि शानी कुछ ही दिनों में उसे छोड़कर चली जाएगी शानी के माता-पिता ने उसका खूब इलाज करवाया पर मिठ्ठू तो शानी के जाने से बीमार हो गया था ।शानी के माता-पिता आदि सब बहुत दुखी थे । पर शानी की मम्मी ने फोन करके तत्काल शानी और राहुल को बुलाया और उन दोनों को मिठ्ठू की हालत बताई। शानी दौड़ कर उसके पास पहुंची और सबसे पहले अपने हाथों से खाना खिलाया और मिठ्ठू खुश हो कर उसके कंधे पर बैठ गया और उसे वो अपने घर ले आई। अब मिठ्ठू भी खुश और शानी भी खुश।
राहुल मजाक में बोलता है कि ये मिठ्ठू उसे दहेज में मिला है।
*****