स्टॉकर - 19 Ashish Kumar Trivedi द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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स्टॉकर - 19




स्टॉकर
(19)



अंकित मेघना से मिलने उसी रेस्टोरेंट में पहुँचा था। मेघना उसके पास एक प्लान के साथ आई थी।
मेघना ने अंकित को बताया कि शिव का ड्राइवर दो दिनों की छुट्टी लेकर गांव जाने वाला है। इन दो दिनों में शिव अपनी कार खुद चलाने वाला है। अतः यह सबसे अच्छा मौका है। उसने प्लान सोंच लिया है।
मेघना ने अंकित को बताया कि वह इन दो दिनों में से किसी एक दिन पूरी कोशिश कर शिव को उसके दोस्त रॉबिन घोष के फार्म हाउस पर भेज देगी। जबकी रॉबिन वहाँ नहीं होगा। वहाँ उसे मार सकना आसान होगा। क्योंकी रॉबिन के फार्म हाउस पर कोई नौकर भी नहीं रहता है। अतः शिव पूरी तरह अकेला होगा। वह उसे सूचित कर देगी कि इन दो दिनों में कब शिव रॉबिन के फार्म हाउस पर जाने वाला है। अंकित बस तैयार रहे।
अंकित ने सारी बात चेतन को बता कर कहा कि वह उसके अगले निर्देश का इंतज़ार करे।
शिव टंडन की हत्या वाले दिन शाम छह बजे के करीब मेघना ने अंकित को बताया कि शिव उस दिन देर शाम रॉबिन के फार्म हाउस पर जाने वाला है। लेकिन रॉबिन वहाँ नहीं होगा। इसकी सूचना शिव को नहीं है। उसने अंकित को फार्म हाउस का पता देकर कहा कि वह वहाँ पहले से ही पहुँच कर शिव को मार दे।
एसपी गुरुनूर ने पूँछा।
"तुम रॉबिन घोष को जानते हो ?"
"यही कि वह पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। अमीर है। शिव टंडन का पुराना दोस्त है। यहाँ शिव के साथ कुछ नया करने का प्लान लेकर आया था।"

"ये सब किसने बताया ?"
"चेतन ने...."
"तुम्हें मेघना और रॉबिन के रिश्ते के बारे में कुछ पता था ?"
"मुझे उनके रिश्ते के बारे में कुछ नहीं पता। मैम मेघना अपने लाभ के लिए किसी का भी इस्तेमाल कर सकती है। जैसे उसने मेरा और चेतन का किया।"
"फिर तुम और चेतन शिव की हत्या करने के लिए उस फार्म हाउस में पहुँचे ?"
"मैम....प्लान में कुछ बदलाव हो गया।"
"वो क्या ?"
"मेघना ने शिव को याद दिलाने के लिए फोन किया कि आज रॉबिन ने उसे अपने फार्म हाउस पर बुलाया है। शिव ने उसे बताया कि उसे याद है। पर वहाँ जाने से पहले वह जन्नत अपार्टमेंट्स चेतन से मिलने जाने वाला है।"
सब इंस्पेक्टर गीता ने कुछ सोंच कर कहा।
"मेघना ने कहा था कि फार्म हाउस में रॉबिन नहीं होगा। वह यह बात इतने दावे के साथ कैसे कह सकती थी ?"
अंकित इस सवाल पर कुछ अचकचाया पर फिर बोला।
"अब ये बात तो मेघना ही बता सकती है। मैंने तो बस उसकी बात पर यकीन किया था। पर वह झूठ बोल रही थी।"
"वो कैसे ?"
"मैम मैंने आठ बजे चेतन को फोन कर बता दिया था कि आज रात ही काम को अंजाम देना है। अतः वह सही समय पर फार्म हाउस के लिए निकले। उसे फोन करने के बाद मैं भी फार्म हाउस के लिए निकल गया। मैं जब फार्म हाउस के पास पहुँचने वाला था तब मेघना ने मझे फोन कर बताया कि शिव फार्म हाउस से पहले चेतन से मिलने जन्नत अपार्टमेंट्स जा रहा है। मैम मैं जानता था कि चेतन अब तक फार्म हाउस के लिए निकल चुका होगा। पर मैंने फिर भी उसे फोन करने की कोशिश की। लेकिन फोन उठा नहीं। जब मैं फार्म हाउस पर पहुँचा तो मझे चेतन वहाँ नहीं मिला।"
"तो तुमने अकेले ही मिस्टर टंडन को मारा।"
"कैसे मारता ? जब मैं वहाँ छिप कर शिव के पहुँचने की राह देख रहा था तब किसी ने मुझे बेहोश कर कैद कर लिया था।"
"फिर कैद होने की कहानी ?"
"मैंने पहले जो कहा था उसमें थोड़ा झूठ था। मुझे शाम को नहीं बल्कि रात नौ बजे के करीब किसी ने फार्म हाउस से बेहोश कर किडनैप कर लिया था। बाकी मैंने जो बताया था वह सब सच था कि कैसे मुझे एक अंजान जगह कमरे में बंद कर रखा गया। कैसे मैं वहाँ से भागा। सब सच है।"
"तुम्हारा सच बार बार बदल रहा है पर तुम कहते हो कि सब सच है। तुम जिस जगह से भागने का ज़िक्र कर रहे थे सिटी बस स्टेशन के आसपास हमें वैसी कोई जगह नहीं मिली।"
"मैम मैंने पहले भी कहा था कि भागते समय मैं बहुत बदहवास था। मैं बस किसी तरह उस जगह से निकल भागना चाहता था। ऐसे में एकदम सही जानकारी देना कैसे संभव है ?"
"सही जानकारी अब हम जुटा लेंगे। पर अब तुम्हारे लिए हमें और गुमराह करना संभव नहीं है। तुम अब हमारी गिरफ्त से बाहर नहीं जा पाओगे।"
कह कर एसपी गुरुनूर ने हवलदार को इशारा किया कि वह अंकित को लॉकअप में ले जाए। हवलदार उसे लॉकअप में ले जा रहा था तब अंकित चिल्ला कर अपने बेगुनाह होने की बात कर रहा था।
अंकित के जाने के बाद एसपी गुरुनूर ने सब इंस्पेक्टर गीता से कहा।
"अंकित ने हमें जो कुछ बताया उसमें कितनी सच्चाई है पता करने की कोशिश करो।"
"यस मैम...."
"ये तो हमें भी पता था कि अपने ऑफिस से निकल कर मिस्टर टंडन जन्नत अपार्टमेंट्स गए थे। वह वहाँ कोई चालीस मिनट तक ठहरे। पता ये करना है कि वहाँ उनकी मुलाकात चेतन से हुई थी या नहीं।"
सब इंस्पेक्टर गीता ध्यान से एसपी गुरुनूर की बात सुन रही थी।
"मैम मुझे तो लगता है कि मिस्टर टंडन वहाँ चेतन से मिले होंगे। वरना चालीस मिनट वहाँ ठहरने का क्या मतलब था ?"
"प्वांइट है गीता। तो अगर मिस्टर टंडन वहाँ चेतन से मिले थे तो क्या वह उनके साथ ही फार्म हाउस गया था। क्योंकी चेतन की लाश रॉबिन के फार्म हाउस में मिस्टर टंडन की कार में मिली थी।"

एसपी गुरुनूर रुक कर कुछ सोंचने लगी। सब इंस्पेक्टर गीता ने पूँछा।
"क्या हुआ मैम ? क्या सोंचने लगीं ?"
एसपी गुरुनूर के चेहरे पर ऐसे भाव थे जैसे वह कुछ याद करने का प्रयास कर रही हो।
"गीता हमने जन्नत अपार्टमेंट्स में मिस्टर टंडन की कार के अंदर दाखिल होने और बाहर निकलने की सीसीटीवी फुटेज देखी थी। पर तब हमने सारा ध्यान केवल समय पर ही दिया था। ऐसा करो तुम पेन ड्राइव में वह फुटेज लेकर आओ।"
"ओके मैम....."
सब इंस्पेक्टर गीता के जाने के बाद एसपी गुरुनूर ने इंस्पेक्टर अब्राहम को फोन मिलाया। पर फोन उठने की बजाय वह खुद ही आ गया।
"मैम फोन कर रही थीं आप मुझे ?"
"अब्राहम मैंने तुम्हें रॉबिन के बारे में कुछ और जानकारी जुटाने को कहा था। क्या हुआ ?"
"उसके लिए ही तो मैं आपके पास आया था मैम।"
"तो कुछ नया पता चला ?"
"हाँ मैम....नया भी और चौंकाने वाला भी।"
इंस्पेक्टर अब्राहम की बात सुन कर एसपी गुरुनूर की उत्सुकता बढ़ गई। अब तक इस केस में कुछ भी ऐसा हाथ नहीं लगा था जो इस केस को सुलझाने में सहायता करे। बल्कि केस और उलझता जा रहा था। पर इंस्पेक्टर अब्राहम का कहना था कि वह ना सिर्फ कुछ नया बताने वाला है बल्कि वह चौंकाने वाला भी है। एसपी गुरुनूर ने इंस्पेक्टर अब्राहम से कहा।
"तो जल्दी बताओ कि वह क्या है ? यह केस थोड़ा आगे बढ़ने पर और उलझ जाता है।"
"पर मैम मुझे लगता है कि इस बार हमें जो पता चला है वह केस को सुलझाने में मददगार होगा।"
"चलो तो फिर बताओ...."
इंस्पेक्टर अब्राहम ने जो बात बताई वो सचमुच चौंकाने वाली थी। उसे सुन कर एसपी गुरुनूर के चेहरे पर मुस्कान खिल उठी। उसने इंस्पेक्टर अब्राहम को शाबासी देते हुए कहा।
"वेलडन अब्राहम....अब लगता है कि शायद हम इस केस को कुछ ही समय में सॉल्व कर पाएं। तुमने सचमुच कमाल की जानकारी जुटाई है।"
इंस्पेक्टर अब्राहम का चेहरा इस तारीफ से चमक रहा था। उसने इस जानकारी को जुटाने में बहुत मेहनत की थी।
एसपी गुरुनूर के चेहरे पर विजय की आस झलक रही थी। इस केस में दिन पर दिन होती देरी ने उसे मायूस कर दिया था।
पर अब उम्मीद की एक किरण दिखाई दे रही थी।