में और मेरे अहसास
भाग-१
***
ईश्क में तेरे जोगन बन गई l
आज राधा जोगन बन गई ll
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गर
घर की
दीवार के
कर्ण
होते
कोई घर
खड़ा
ना होता ll
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काटे नहीं कटता एक पल यहां l
कैसे कटेगी एक उम्र भला यहां ll
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बादलो ने फिर से
नशा किया लगता है l
घंटों गरजते रहे पर
बरस ने का नाम ना लिया ll
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प्यार से छेडने में मजा आ गया l
हाथ से छेड़ में मज़ा आ गया ll
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चांदनी रात में हुस्न को रूठा देख l
जाम से छेड़ में मज़ा आ गया ॥
***
आसमान में चाँद निकला है l
आज मेरा चाँद निखरा है l
हुस्न को देख चाँद पिगला है ll
***
आप भोले हैं मगर दिखते नहीं हैं l
दाम लेते हैं मगर बिकते नहीं हैं ll
रातभऱ यू महफ़िलो मे घूमते हैं l
जाम पीते हैं मगर झुकते नहीं हैं ll
***
घर की दीवारें
ताकती रहती है अपने
मालिक का चहरा,
कब वो अपनी
मोबाइल फोन से
नजरे हटाए,
और देखे
खुद का
आशियाना ll
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तुज से ही नहीं जफ़ा से तेरी प्यार है l
दूर ही सही जफ़ा से तेरी प्यार है l l
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सनम प्रेम कर और भरपूर कर l
खुले आम दुनिया में मशहूर कर ll
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उनके लिए जीने आते हैं यहाँ l
कौन कम्बख्त पीने आते हैं यहाँ ll
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जाम ही हर मर्ज की दवा है सनम l
नजरे इनायत आप की दया है सनम ll
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उसकी नजर में हम न समाये तो क्या करें?
रूठे सनम को हम न मनाये तो क्या करें?
चार दिन तो मिले हैं मुस्कुराने के लिए l
खुशी हमारी हम न जताये तो क्या करें?
बहोत परेशान किया है पिछले दिनो आपने l
क्यो ना तुम्हें ही हम न सताये तो क्या करें?
दिल ही दिल में रखकर दिया था लेकिन अब l
वो बात दिल की हम न बताये तो क्या करें?
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देख लो शाम रंगीन है l
क्यू चहेरा यू गमगीन है ll
इश्क की दौर छोड़ दो खुली l
घाव दिल पे क्यू दो तीन है ll
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इश्क ने काम पे चढ़ा दिया l
वर्ना मयखाने में ज़ूमते होते ॥
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नीद रात को आ जाए दुआ करो l
ख्वाब में दीदार हो जाए दुआ करो ll
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आस को समझो सनम ।
प्यास को समझो सनम ।l
है अगर वो खास तो l
खास को समझो सनम ।l
वकत इक आभास है l
मास को समझो सनम ।l
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इतनी सी आरज़ू है बाकी l
कोई आरज़ू ना हो बाकी ll
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खत में सलाम भेजकर दिल का सुकु लूट लिया l
खत में अश्क भेजकर दिल का सुकु लूट लिया ll
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बिजली दिल पे गिरी
देखी जो कातिल नजरे l
बिजली जान पे गिरी
देखी जो कातिल नजरे ll
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खुशी का ठिकाना मिला है l
सुकू दिल को जाके मिला है ll
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आज की रात रंगीन है l
चाँद क्यों बेपरवाह है ll
वो आए हैं देर से ही सही l
ले मजा क्यों ग़मगीन है ll
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प्यार से छेडने में मजा आ गया l
हाथ से छेड़ में मज़ा आ गया ll
चांदनी रात में हुस्न को रूठा देख l
जाम से छेड़ में मज़ा आ गया ॥
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आसमान में चाँद निकला है l
आज मेरा चाँद निखरा है l
हुस्न को देख चाँद पिगला है ll
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आप भोले हैं मगर दिखते नहीं हैं l
दाम लेते हैं मगर बिकते नहीं हैं ll
रातभऱ यू महफ़िलो मे घूमते हैं l
जाम पीते हैं मगर झुकते नहीं हैं ll
***
उसकी नजर में हम न समाये तो क्या करें?
रूठे सनम को हम न मनाये तो क्या करें?
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कुछ पाने का
जुनून जब
दिलों दिमाग पे
हामी होता है तब
जी चाहा मिल जाता है ll
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मेरा चहेरा देख
एक शख्स बोला
इसे मुस्कराता देखे हुए
एक जमाना हुआ ll
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आज कल
कम खाता हू,
क्युकी
ग़म खाना
जो सीख लिया हैll
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चिलमन हटा के एकबार चाँद सा
मुखड़ा नजर आने दो l
कही इंतजार के मारे दम ही
न निकल जाए यहां ll
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खामोश दिल की धड़कन
रुक गई है l
फिर तेरी यादो पे कहानी
रुक गई है ll
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मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा बनाए किसने
एक इट की सारी है, ये इमारते l
चाहे मंदिर कहो, चाहे मस्जिद कहो
राम - रहीम कायनात मे बनाए किसने ll
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टूटकर चाहा था लेकिन उस को भुलाना पड़ा है l
मिटकर चाहा था लेकिन उस को भुलाना पड़ा है ll
खड़कनो मे यू बसाया था कि सांसो में धड़कते थे l
खिलकर चाहा था लेकिन उस को भुलाना पड़ा है ll
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दूर तुम से रहकर क्या करू l
दर्द याद का सहकर क्या करू ll
दिन गुज़रते रहते हैं दिलासा देकर ।
साथ इस के बहकर क्या करू ll
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लड़खड़ा रहे हैं कदम हाल सुनकर दिवाने का l
डगमगा रहे हैं कदम हाल सुनकर दिवाने का ll
हाथ की लकीरें भी अब छोड़ना चाहती है साथ l
ज़लज़ला रहे हैं कदम हाल सुनकर दिवाने का ll
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सोचते थे काटे नहीं कटेगा एक पल l
देखते ही देखते गुजर गई एक उम्र ll
कैसे काट दी पता भी न चला हमे l
न जाने तुम बिन कैसे कटी एक उम्र ll
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मुकम्मल जहा मिलने के बाद भी अब तरस जाते हैं दीदार ए यार l
नजदीक से देखा बराबर फिर भी अब तरस जाते हैं
दीदार ए यार ll
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अजनबी की तरह आज मीला वो हमसे l
दुश्मनों की तरह आज मीला वो हमसे ll
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चाँद के पास जाने के लिए
चांदनी जैसे शीतल
बनना पड़ता है ll
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भीगने को तैयार है
एक बार बरस तो सही
दिल से ll
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