फिल्म रिव्यू ‘वॉर’- हिट या हथौडा..? Mayur Patel द्वारा फिल्म समीक्षा में हिंदी पीडीएफ

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फिल्म रिव्यू ‘वॉर’- हिट या हथौडा..?

यशराज फिल्म की ताजी पेशकश ‘वॉर’ की कहानी भारत के लिए खतरनाक साबित होनेवाले आतंकी आका को खत्म करने के लिए मैदान-ए-जंग में उतरनेवाले जांबाज सोल्जर्स की है. कहानी में ज्यादा कुछ नयापन तो नहीं है, पर कहानी की प्रस्तुति अच्छे से की गई है. ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ आतंक के सरगना से भीडते भीडते खुद एक दूसरे के खिलाफ हो जाते है. क्यूं और कैसे? ये जानने के लिए आपको ईस ‘वॉर’ का हिस्सा बनना पडेगा.

इन्टरवल तक ठीकठाक लगनेवाली फिल्म दूसरे भाग में ज्यादा रोचक बन जाती है जब कहानी में कुछ मजेदार ट्विस्ट आते है. ढाई घंटे की फिल्म कहीं ढीली नहीं पडती क्यूं की कहानी में एक्शन सीन्स और सस्पेन्स को एक सलीके से पिरोया गया है. फिल्म के अंत में एक बडे रहस्य का विस्फोट होता है जो दर्शकों को चौंका देता है.

फिल्म की सबसे बडी हाइलाइट है इसकी कास्टिंग- ऋतिक और टाइगर की जोडी. एक्शन और डान्स के इन दोनों महारथी को एक फिल्म में देखना ही दर्शकों के लिए एक ‘ट्रिट’ बन जाती है. एसे में दोनों के बीच कम्पेरिजन होना तो लाजमी है. कौन बहेतर है? ऋतिक या टाइगर. कौन किस पर भारी पडा? अगर फूटेज की बात करे तो दोनों को एक समान लंबाई का रोल मिला है. रोल्स के वजन के हिसाब से देखे तो भी दोनों की भूमिकाएं अपने अपने हिसाब से तगडी है. डान्सिंग में देखें तो कोई फर्क नहीं. दोनों जमकर नाचे है. ‘जय जय शिवशंकर…’ गाने में दोनों को एक साथ थिरकते देखकर दर्शक आंखे मूंदना भूल जाते है. एक्टिंग की बात करे तो दोनों ने अपनी अपनी भूमिका को बहोत ही अच्छे से निभाया है. फिर भी कहीं कहीं टाइगर थोडे फिके पडते नजर आते है. खासकर ऋतिक के मर्दाना अंदाज और भारी पर्सनालिटी के मुकाबले टाइगर थोडे ढिले लगते है. एकशन सीन्स में दोनों में ज्यादा अंतर नहीं है, लेकिन टाइगर की असीम फूर्ती के चलते उनके हिस्से में उछलकूद करना ज्यादा आया है और उन्होंने काफी प्रभावक ढंग से एक्शन को अंजाम दिया है. उनकी एन्ट्रीवाले सीन में उन्होंने जो फाइट की है वो केवल एक शॉट में शूट की गई है और दो-ढाई मिनट के उस सीन में टाइगर ने कमाल कर दिखाया है. इसके अलावा पूरी फिल्म में उनके स्टान्स— जिसके लिए वो जाने जाते है— ऋतिक से बहेतर है. कुल मिलाकर देखे तो दोनों एक्टर्स ने एक दूसरे को काफी तगडी कॉम्पिटिशन दी है. फिल्म इन्डस्ट्री के अन्य कोई कलाकार इन रोल्स में होते तो इतना अच्छा रिजल्ट नहीं दे पाते.

अन्य कलाकारों की बात करें तो, वाणी कपूर का रोल काफी छोटा है. वो केवल सात-आठ दृश्यों में नजर आतीं है, फिर भी उनका काम अच्छा है. उनसे बडा रोल अभिनेत्री अनुप्रिया गोएन्का के खाते में आया है और उन्होंने भी एक महिला सोल्जर की भूमिका को बखूबी अदा किया है. सिनियर कर्नल के रोल में आशुतोष राणा ने वही किया है जो वो आम तौर पर करते है— बडी बडी आंखे दिखाना और जुनियर्स पर चिल्लाना. छोटे से रोल में सोनी राजदान जचीं. आरिफ जकारिया जैसे उमदा अभिनेता की टेलेन्ट यहां पूरी तरह से वेस्ट हुई है. दिपानिता शर्मा नामक अभिनेत्री शायद ही किसिको याद होगी. यहां उनकी भूमिका इतनी छोटी और बेकार सी है की दर्शक उन्हें पहेचान भी नहीं पाते. आतंक के आका बने दो-तीन एक्टर्स ने अपना काम अच्छे से किया है.

‘वॉर’ के निर्देशक सिद्धार्थ आनंद का काम उनकी पिछली फिल्मों से बहेतर है. हांलांकी ‘वॉर’ कई मायनो में उनकी पीछली फिल्म ‘बेंग बेंग’ जैसी ही ‘दिखती’ है, लेकिन फिर भी दो बडे स्टार्स की हाजरी, कहानी में आनेवाले मोड और धमाकेदार एक्शन के चलते ‘वॉर’, ‘बेंग बेंग’ के लेवल से बहेतर बन पाई है. फिल्म में थोडे फन थोडी मस्ती की आवश्यकता थीं. प्लॉट में कोमेडी का तडका लग सकता था, लेकिन ये हो ना सका…

200 करोड की बिग बजेट ‘वॉर’ के एक्शन सीन्स पर काफी खर्चा किया गया है और नतीजा पर्दे पर साफ नजर आता है. फिल्म में धमाकेदार एक्शन है. एक्शन कोरियोग्राफी और सिनेमेटोग्राफी दोनों जबरजस्त है. लेकिन इस हकीकत को झूठलाया नहीं जा सकता की इस फिल्म के एक्शन सीन्स होलिवुड की ‘मिशन इम्पोसिबल’ और जेम्स बोन्ड की कई फिल्मों से प्रेरित है. बावजूद इसके, ‘वॉर’ का एक्शन डिपार्टमेन्ट बहोत… बहोत ही तगडा है.

एक्शन सीन्स के अलावा भी ‘वॉर’ में बेन्जामिन जेस्पर की सिनेमेटोग्राफी वर्ल्डक्लास है. मोरोक्को, ओस्ट्रेलिया, पोर्टुगल, माल्टा जैसे कई देशों के लोकेशन्स इतनी खूबसूरती से केमेरे में कैद किये गए है की पूरी फिल्म काफी ‘रिच’ और ‘लेविश’ लगती है. ऋतिक का वॉर-हिरो मेकअप भी काफी सराहनीय लगा. डायलोग्स कहीं कहीं अच्छे है लेकिन और ज्यादा धारदार हो सकते थे. ‘वॉर’ का प्लॉट ही कुछ ऐसा है की इसमें गानों की संभावना नहीं थीं. फिर भी फिल्म में दो गाने डाले गए है. कोरियोग्राफी बढिया होने के कारण दोनों गाने देखने-सुनने में अच्छे है.

कुल मिलाकर देखें तो ‘वॉर’ एक अच्छी, साफसुथरी एक्शन एन्टरटेनर फिल्म है, जिसे पूरी फेमिली के साथ बैठकर देखा जा सकता है. हांलांकी फिल्म में एसा कुछ भी नहीं जिसे आपने पहेले न देखा हो. देखेंगे तो पसंद जरुर आयेगी, नहीं देखेंगे तो कुछ मिस भी नहीं करोगे. मेरी ओर से 5 में से 3.5 स्टार्स. इस ‘वॉर’ का ब्लॉकबस्टर होना तय है. 250 करोड..! या शायद उससे भी ज्यादा!!