Jo rom rom me hai, use kaise bhul jaau books and stories free download online pdf in Hindi

जो रोम रोम में है, उसे कैसे भूल जाऊं

समय और नैना एक दूसरे को कॉलेज के दिनों से जानते थे। समय उसका सीनियर था और उससे 2 साल बड़ा भी था..

नैना और समय में जैसे-जैसे पहचान हुई दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया। प्यार इस हद तक परवान चढ़ा की अब दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया।

मगर नैना अमीर ब्राह्मण परिवार से थी और समय माध्यम वर्गीय पारसी परिवार से था।
समय जानता था कि नैना के घरवाले कभी इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं होंगे, खासकर नैना की सौतेली माँ, वो तो वैसे ही नैना को पसंद नहीं करती। तो नैना की पसंद को पसंद करने का सवाल ही पैदा नहीं होता।

इसलिए वो कभी-कभी नैना को समझाने की कोशिश करता था कि शायद हमारा भविष्य साथ में नहीं है।
नैना ने भी इस सच को स्वीकार कर ही लिया था। मगर फिर भी दोनों का दिल एक बार कोशिश करना चाहता था। इसलिए नैना के घर एक दिन समय अपने माता पिता के साथ रिश्ता लेकर आया।

लेकिन नैना के माता पिता ने इस रिश्ते से साफ इंकार कर दिया। और साथ ही उन लोगों को बहुत बेइज्जत भी किया।
यही बात नैना को बर्दाश्त नहीं हुई.. और उसने समय के साथ भाग जाने का फैसला कर लिया।
लेकिन जब नैना ने समय से भागने के लिए कहा तो समय ने इंकार करते हुए उसे समझाया कि इससे दोनों परिवारों की बदनामी होगी और कड़वाहट दुश्मनी का रूप ले लेगी।

शायद नैना भी कहीं ना कहीं जानती थी कि यह सच ही है। भागना तो पूरी तरह से कायरता है एक ग़लत निर्णय है।
वो और समय अब केवल फ़ोन पर बात करते थे, वो भी बहुत कम..
की तभी एक दिन समय के पास नैना का कॉल आया...... नैना ने समय को बताया कि उसकी शादी पक्की कर दी गयी है। लड़का उससे 20 साल बड़ा है।

समय चोंक गया, क्योंकि नैना एक पढ़े लिखे परिवार से है, फिर ऐसा रिश्ता क्यों.. कहीं ये नैना की सौतेली माँ ने तो नहीं किया, मगर इससे पहले की समय कुछ कहता नैना ने कहा कि वो आत्महत्या कर लेगी, मगर ये शादी नहीं करेगी।
समय ने उसे समझाने की बहुत कोशिश की मगर नैना नहीं मानी.. आखिरकार समय ने आश्वासन दिया कि वो उसे भगा कर ले जाएगा। तब कहीं जाकर नैना आत्महत्या ना करने के लिए सहमत हुई।

समय ने अपने घर वालों को सब बात दिया, उसके मम्मी-पापा इस कदम के ख़िलाफ़ थे मगर उनको जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो सहमत हो गए।
और फिर एक दिन समय, नैना को भगा कर ले आया और शादी कर ली, उधर नैना के घरवालों ने नैना से रिश्ता तोड़ दिया।

मगर नैना बहुत खुश थी। उसकी ये छोटी सी दुनिया.. जिसमें उसका पति था और सास-ससुर थे।
शादी को एक साल हो गया था.. नैना माँ बनने वाली थी और समय का प्रमोशन भी हो गया था। वो नया फ्लैट लेने वाला था और नैना के लिए नई कार.. ये करना है, वो करना है, जाने कितने सपने थे उसके..

इस बीच समय ने नैना से कहे बिना उसके घरवालों को मनाने की बहुत कोशिश की.. और एक दिन उसके पापा समय की ज़िद के आगे हार गए।
वो अपनी बेटी से मिलने उसके ससुराल आये। नैना बहुत खुश थी, उसको चहकता देख उसके सास-ससुर और समय भी बहुत खुश था।

मगर होनी को कौन टाल सकता है, नैना की प्रैगनैंसी का आठवां महीना पूरा होने वाला था..
एक दिन समय ऑफिस से लौट रहा था, मगर अचानक एक ट्रक के साथ उसकी कार का एक्सीडेंट हो गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गयी।

घर पर सबका रो-रोकर बुरा हाल था, मगर नैना पत्थर बन चुकी थी, वो बिल्कुल नहीं रोइ, अब उसे कुछ होश ही नहीं रहता था। फिर एक महीने बाद उसकी बेटी का जन्म हुआ, जब पहली बार नैना ने उसे गोद में लिया तो बहुत रोइ.. ना जाने कब तक बस रोती रही। मगर किसी ने उसे चुप नहीं कराया। उसे हिम्मत नहीं दी। क्योंकि इस दिन का सभी को इंतजार था कि कब वो अपने दर्द को इस तरह बहा देगी।

नैना की बेटी दो महीने की हो चुकी थी, उसका नाम उसने माही रखा था।
नैना के पापा उससे मिलने अक़्सर उसके ससुराल आते थे। एक दिन माँ भी आई, मगर बहुत कड़वी बातें कहीं..
कहा कि मना किया था इस घर शादी मत कर, ले अब हो गयी विधवा। तू बोले तो दूसरी शादी करा दें।

मगर नैना खामोश थी, उसने एक शब्द भी नहीं कहा।
मगर ये बात नैना के सास-ससुर को सही लगी कि उसे दूसरी शादी कर लेनी चाहिए। कब तक ऐसे एकाकी जीवन जिएगी, और हम दोनों की उम्र भी हो चुकी है।

नैना से उन्होंने बात की, मगर नैना ने साफ इंकार कर दिया। उसने कहा कि अगर वो यहाँ से चली जायेगी तो समय भी चला जाएगा। वो उसमें है, उसके रोम रोम में समय है। समय को भूलकर किसी और को अपनाना मुमकिन ही नहीं..
नैना ने आगे कहा.... आप समय को मुझमें देख कर जी लो, मैं माही मैं देख के जी लूंगी।

उसकी बातें सुनकर सास-ससुर अपने आँसू पोंछते हुए चले गए.. और नैना भी अपने कामों में लग गयी।

धीरे-धीरे माही बड़ी होने लगी तो नैना ने एक कॉलेज को जॉइन कर लिया और वहाँ पढ़ाने लगी। और ज़िन्दगी को पहले की तरह खुशहाल करने की कोशिश में लग गयी।

(प्रिय पाठकों ये कहानी नहीं है, दरअसल ये हकीकत है। जिसे हमने अपने ऑफिस में सुना था, और बहुत भावुक हो गए थे। इसलिए इस प्यार और दर्द को आप सभी के साथ साझा कर रहे हैं.. भूल चूक माफ करें?)

अन्य रसप्रद विकल्प

शेयर करे

NEW REALESED