जो रोम रोम में है, उसे कैसे भूल जाऊं Roopanjali singh parmar द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें प्रेम कथाएँ किताबें जो रोम रोम में है, उसे कैसे भूल जाऊं जो रोम रोम में है, उसे कैसे भूल जाऊं Roopanjali singh parmar द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ (19) 4.3k 3.4k समय और नैना एक दूसरे को कॉलेज के दिनों से जानते थे। समय उसका सीनियर था और उससे 2 साल बड़ा भी था..नैना और समय में जैसे-जैसे पहचान हुई दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया। प्यार इस ...और पढ़ेतक परवान चढ़ा की अब दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया।मगर नैना अमीर ब्राह्मण परिवार से थी और समय माध्यम वर्गीय पारसी परिवार से था।समय जानता था कि नैना के घरवाले कभी इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं होंगे, खासकर नैना की सौतेली माँ, वो तो वैसे ही नैना को पसंद नहीं करती। तो नैना की पसंद को कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Roopanjali singh parmar फॉलो