ज़ख़्म
ज़ख़्म दिल की किसे दिखाऊ में
जो मेरा था वो मेरा हुआ नहीं
और लोगों ने तो युही मेरा मज़ाक
बनाते चले गये
सोचा कभी होंगी उन्हें मेरी कमी का एहसास
पर ये एहसास भी अजीब चीज हैं ना ?
वक़्त
उनका गुस्सा करना भी मुझे हँसाता हैं
उनके हर अंदाज़ से मोहब्बत हैं मुझे
पर किस्मत ने यू मुख मोड़ा
के उनका गुस्सा मेरे दिल को लहूलुहान कर देता हैं
और अब उनके हर अंदाज़ से मुझे नफ़रत होगयी
सरवत "मत भूल जो वक़्त हँसाना सिखाता हैं
वो रुलाना भी जानता हैं
आना
उसका आना एक हवा के झोके कि तरह थी
जो मेरी हस्ती उजाड़ दिए
किसी को कुछ मिल जाता हैँ
किसी को खोकर भी नहीं मिलता
किसी क़समोंक्स मे हूँ के उसे
नफ़रत करना भी मुश्किल हैं
और प्यार तो दूर कि बात हैं
उसके आने से मेरी हस्ती उजड़ी थी
और किसी के आने से मेरी हस्ती बस गयी
वक़्त के फेर ने मुझे रुलाया और
फिर खुशियाँ इतनी मिली के समेटे ही समेटती
उलझने
मिलूंगी एक रोज़ जिंदगी तुझसे वादा हैं मेरा
पहले ये रोज़ रोज़ कि उलझने सुलझा तो दू
लोगो ने तो कहा था के ठहर जाऊ
पर वक़्त ने मेरे हाथों को पकडे रखा
इंतज़ार
रोज़ तेरे आने का इंतजार करती हूँ
रोज़ तेरे उस बातों पर एतबार करती हूँ
जानती हूँ मै ,के तू अब मेरा नहीं
फिर भी तेरे खुशबु मे डूबी रहती हूँ
छोड़ कर
मुझसे जान बचाने के बहाने ना तालाश कर
कोई मुझसा ना मिलेगा
मुझे छोड़ कर जीने कि तालाश ना कर
आईना
हम तो आईना हैं और आईना ही रहेंगे
फ़िक्र तो वो करें जनाब
जिनकी शकल मे कुछ ओर दिल मे कुछ ओर हैं
अँधेरे रास्ते
कभी अपनों ने तो कभी गैरो ने
दिल दुखायी है मेरी
गैर तो फिर भी गैर थे
बिखरने की नौबत तब आयी
जब अपनों ने आईना दिखाया
गम को छुपाते छुपाते वक़्त कही और ही चल गया
और में वही अपनों के इंतेज़ार में बैठी रह गयी
भीड़ में जब कभी आवाज़ आती हैँ
तो लगता हैँ
सायद किसी अपनों ने पुकारा हैँ मुझे
पर वेहम भी अजीब हैँ ना ?.
"सरवत " मत भाग उस रास्ते में
जो कभी तेरा हुआ करता था
वरना अँधेरे में घूम होकर रह जाएगी
और लोग तुझे भूल जायेंगे
कुछ पल
कुछ पल तेरे साथ गुज़ारा
वो गुज़ारे पल
यू मेरी ज़िन्दगी मे उतर जाएगा
कभी सोचा ना था
कुछ पल मे तो यू
जिंदिगिया बदल जाती है
नहीं बदलता तो बस ......
उनके साथ गुज़ारे हुए पल
सिसकियो मे रोती हूँ में
मेरे पर एतबार नहीं
लोगो ने चील की तरह मुझे खाते
चले जा रहे है
और उनको अपनी जिंदगी से
फुर्सत कहा
लोगो ने तो हसने की वजह
मुझे ढूंढ ली है
और उनके साथ गुज़ारे पल को
के कह दू अपने दिल की बात
पर पता है मुझे के उनको
अंदाज़
उनको मुझे रुला कर अच्छा लगा
और उनके इस अंदाज़ को देख मुझे अच्छा लगा
वो किसी के इश्क़ में दिवाने हो बैठे हैं
और उनके इस आशिकी को देख
हम कही और खोये बैठे हैँ
उनको लगता हैँ के उनके इस
बदले अंदाज़ से वो खुश है
तो सही कहा हैँ कहने वालो ने
के बदले हुए अंदाज़ कहाँ ज़्यादा देर रहते है
इशारा
तेरे प्यार का इशारा मुझे मिला
होकर खुश खुद पर इतराने लगी
वो बारिश की पहली बूंद
और तेरा हाथों को प्यार से थामना
तेरे मेरी और देखते रहना
और मेरा उस बारिश में खुद को खोकर खूब नाचना
पर अब आलम ये हैं के ना
कोई इशारा,ना ईतरना
ना वो बारिश की बूंद ,ना वो देखना
बस अब तो खुद को खोकर उस बारिश में
कही ग़ुम हो जाना
परेशानिया
अपनी परेशानियों का ज़िक्र क़िस्से करू
के डर है के कही अपने ही मज़ाक ना बना दे |
बेपनाह
तुझसे बेपनाह मोब्बत किया था कभी
ये सोच कर खुद पर तरस आजाती है |
तमन्ना
जो लफ़ज़ पढ़े हैं मैंने उनके आँखों मै
बस एक बार उनके होठो तक आजाये
पर अफ़सोस के ये तमन्ना मेरी अधूरी सी हैं
तन्हाईया
मेरी परछाई ने मेरा साथ छोड़ दिया
तब, ज़ब मै अँधेरे में चल रही थी
याद हैं मुझे वो चाँदनी रात में
उनका मुझसे बातें करना
और बहुत ही प्यार से उस चांदनी रात में मेरे
बिच किसी को ला खड़ा करना
तब ये एहसास हुआ के अक्सर तारे
क्यों टूट जाते हैं
तड़प
मेरी तड़प वो समझ ना सके
और कहते है की मै तुम्हारा चेहरा पढ़ता हूँ |
ज़मीन
आये ज़मीन तेरे आसमा सितारे होंगे
हम हैँ तो इस जहाँ के सहारे होंगे
अब तू नहीं इस जहाँ में
तो मैं जाऊ कहा ?
के तेरे सहारे ही तो ज़िंदा होंगे
टूट के बिखरने की अब हिम्मत तो नहीं मुझमे
के एक तू ही तो सहारा हैँ
मोहब्बत
तुझसे मोहब्बत कर के यकीन हुआ मुझे
के मेरी दुवाओ मै असर बहुत था
बड़ी शिद्दत से माँगा हैं मैंने तुझे
होकर,जुदा होना ना मुझसे
लगता हैं
लगता हैं की अब रुक जाऊँ मै
चलते चलते अब थम जाऊ मै
अब मिलना ही नहीं उनसे कभी
तो सपने देखूं कैसे मै
पर इस नादान दिल को समजाऊँ कैसे
शिकवे
उनसे शिकायत तो बहुत हैं मुझे
कभी मिले तो कह दू उनसे
जब मिले वो मुझसे तो यू बेगानो की तरह
के बस मेरी नज़रे उनके पास ही रह गयी
चले गये हो किसी और का होके
तब होश आया मुझे
के कई अनकही शिकवे रह गये मेरे
रूह
मैं और मेरी रूह भी तेरी
तेरे नाम से मेरा नाम को पुकारना
तेरी हसी मुझपे ही ख़तम होना
फिर भी तेरी उंगलियों का इशारा मुझपे ही आजाना
"सरवत "कहता हूँ की रूह भी अपनी और खुद भी अपना
मत भाग उस रास्ते पर जो कभी तेरा होगा ना |
समझना
रात भर उनकी याद मे रोते हुए वक़्त निकल गया
बस एक वही हैं जो समझ नहीं पाए
एक पल तो यू लगा के वो समझते हैं
पर ये वहम भी चीज हैं ना ?
कहना चाहा
मैंने जब भी चाहा कि हाले दिल कहूं तुझसे
तू किसी ओर कि बातों मे ही उलझा रहा
जब कभी लगा के तू सिर्फ मेरा हैं
तो पता नहीं क्यों तुम्हे किसी ओर के साथ ही देखा
हाले दिल तो आज भी कह दू तुझसे
पर डर हैं के तुझे उस वक़्त किसी के झुलफो मे ना देखूं !
किस्सा
अपने प्यार के किस्से किसको सुनाऊ मैं
के इस प्यार मे आँसू के सिवा और कुछ भी नहीं है!