एक छोटी सी दुनिया ! SARWAT FATMI द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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एक छोटी सी दुनिया !

एक छोटी सी दुनिया !

वो सपना हैँ या मेरा अपना

कुछ बातें करूँ या बस निहारु उसे

अब कैसे बताऊँ के एक पल भी तेरे बिना गुज़रता नहीं

अब बस बना लो अपनी दुल्हन हैँ ये एक कोशिश के दूर ना हो जाऊ,

खवाबो में आते हो रोज़

पर कभी यक़ीक़त में आजाओ तो

क्या बात होंगी

खवाबो को ही अपनी दुनिया बना लिया हैँ मैंने

कहो तो एक दिन खवाबो मे आ जाऊ क्या?

कभी कभी तेरा ज़ोर ज़ोर से हसना

हस कर रोना

पर आँखे नम ना होना

बेसक उस वक़्त तम्हारे पास ना होने का

दिल ही दिल में सोचना

पर ये कम्भख्त ख्वाब

सिर्फ एहसास दिला जाते हैँ

तेरे होने का एहसास तो हैँ

पर एक बार तुझे छूलू

तो सायद......

खवाबो की दुनिया ही मेरी दुनिया बन गयी

बेसक दुनिया के मालिक जो आप हो

तेरा कुसूर तो कुछ भी नी

पर इस नादान दिल को समजाऊ कैसे

तुझे पता है जब मे दुनिया से थक जाती हूँ

तो सिर्फ मुझे सोना होता है

खवाबो मे जो तुम आते हो

दुनिया के ताने, उनका गलत बात करना

रोना, भिलगना

पर मेरी एक ना सुनना

क्या गलत क्या सही

कुछ बात समझ आये

तो सायद बयान कर दू

ये कश्मोकश के रिश्ते जिसमे

सिर्फ एक ही हो कोई

तो अच्छा हैँ ना के मेरी खवाबो की दुनिता

मे कोई तो है

कहते हैँ ना के

ख्वाब पर सिर्फ और सिर्फ

देखे जाने वाले का हक़ होता हैँ

में अपने खवाबो की मलिका हूँ

झूठे रिश्ते नाते तोड़ कर

कही तो जाना हैँ मुझे

पर जाऊ कहा?

ये सोच कर फिर खवाबो को संजो लेती हूँ

सायद गलत हूँ

पर ख्वाब पर किसका ज़ोर हुआ है जनाब

जिंदगी तो एक किताब बन गयी हैँ

बस कोई पढ़ ना पाया

मोटी किताबों को देख कौन पड़ना चाहेगा

बस इसलिए खवाबो को दुनिया बना लिए हैँ मैंने

सोच सोच की बात हैँ जनाब

कोई हकीकत को देख प्यार कर बैठता हैँ और में अपने खवाबो को देख कर

अक्सर लोग कहते हैँ मुझसे

आखिर क्या बात हैँ खवाबो में

में हंस कर खामोश हो जाती हूँ

के उसे अब खवाबो को कैसे बयान करूँ

दिल की कस्ती मे सवार होकर जाना चाहती हूँ

और उन्हें फुर्सत कहा के

एक बार हाले-ए -दिल पूछ सके

इसलिए खवाबो को अपनी कस्ती बना कर दूर

जाना चाहती हूँ

दिल मे प्यार तो बेसुमार हैँ

पर इज़हार करें कभी तो कोई बात हो

तेरे इसी उम्मीद से एक दुनिया बन गयी मेरी

अपनी खवाबो की दुनिया

बेसक एक रोज़ चले जाओगे तुम मुझे छोड़ कर

पर ख्वाब मेरे हैँ....

तेरी कमी का एहसास तब जा कर पूरा होगा जनाब

जब तुम खवाबो मे भी मुझे ना

तलाशोगे

दूर होना तो दस्तूर हैँ

पर पास होकर दूर होना

सायद....

रिस्तो की कच्चे धागे हैँ

वरना बिताये वो हर लम्हा

मुझे अच्छे से याद हैँ

ये रिश्ते भी अजीब सी कश्मोकश में हैँ

अपनी खवाबो की दुनिया

को ही अपनी दुनिया बना लिया मैंने

छोटी सी ख़ुशी ही मुझे खुश कर जाती हैँ !

मेरी छोटी सी दुनिया !